WhatsApp Update: प्राइवेसी पॉलिसी से जुड़े भारत के सवालों पर व्हाट्सऐप की सफाई

भारतीय यूजर्स की प्राइवेसी पॉलिसी पर भारत सरकार के सवालों पर WhatsApp ने सफाई पेश की है. इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं कि व्हाट्सऐप का क्या कहना है?

नई दिल्ली: भारतीय यूजर्स की प्राइवेसी पॉलिसी (Privacy Policy) में बदलावों को वापस लेने के लिए भारत सरकार ने WhatsApp के CEO विल कैथर्ट (Will Cathcart) को पत्र लिखा था. भारत के सवालों का व्हाट्सऐप ने जवाब दिया है. WhatsApp ने कहा कि ‘प्रस्तावित बदलावों से फेसबुक के साथ डेटा साझा करने की उसकी क्षमता में वृद्धि नहीं होगी और वह इस मुद्दे पर किसी भी सवाल का जवाब देने को तैयार है.’

WhatsApp के प्रवक्ता का जवाब

मंगलवार को भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (IT Ministry) ने WhatsApp के CEO को पत्र लिखकर प्राइवेसी पॉलिसी की शर्तों में बदलावों से जुड़े 14 सवाल पूछे थे. जिसपर व्हाट्सऐप के प्रवक्ता का कहना है कि ‘हम इस बात की पुष्टि करना चाहते हैं कि यह बदलाव फेसबुक के साथ डेटा साझा करने की हमारी क्षमता को बढ़ाता नहीं है. हमारा उद्देश्य पारदर्शिता लाना और व्यवसायों को जुड़ने के नए विकल्प उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपने ग्राहकों की सेवा कर सकें और वृद्धि हासिल कर सकें’

WhatsApp के प्रवक्ता ने ये भी कहा कि ‘व्हाट्सऐप हमेशा एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ व्यक्तिगत संदेशों की रक्षा करेगा, ताकि न तो WhatsApp और न ही फेसबुक उन्हें देख सके. हम गलत सूचनाओं का समाधान करने और किसी भी सवाल का जवाब देने के लिए उपलब्ध हैं.’

प्राइवेसी पॉलिसी पर भारत का सख्त रुख

मंगलवार को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफर्मेशन टेक्नालॉजी मिनिस्ट्री ने WhatsApp के सीईओ विल कैथर्ट (Will Cathcart) को पत्र लिखा था और कहा था कि भारतीय यूजर्स के लिए नई टर्म्स ऑफ सर्विस और प्राइवेसी पॉलिसी को वापस लिया जाए. मंत्रालय ने यूजर्स की इंफर्मेशन सिक्योरिटी पर सवाल उठाया और कहा कि चैट का डेटा बिजनेस अकाउंट से शेयर करने से फेसबुक की अन्य कंपनियों को यूजर्स के बारे में सारी सूचनाएं मिल जाएंगी. इससे उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

IT मंत्रालय के मुताबिक व्हाट्सऐप का यह कहना है कि या तो मानिए या फिर छोड़िए, यूजर्स को नई टर्म्स को मानने पर मजबूर कर रहा है. इसमें उन्हें इनकार करने की गुंजाइश नहीं है. सरकार ने व्हाट्सऐप को सुप्रीम कोर्ट के 2017 फैसले में आए प्राइवेसी नियमों को बारे में ध्यान दिलाया. मंत्रालय ने पूछा कि ऐसे समय जब भारतीय संसद में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर चर्चा चल रही है, व्हाट्सऐप यह नीति क्यों लाया? यह बिल संयुक्त संसदीय समिति के पास विचाराधीन है. इसमें डेटा के लिए परपज लिमिटेशन का प्रावधान है. यानी कंपनी जिस काम के लिए यूजर का डेटा ले रही है केवल उसी के लिए इस्तेमाल कर सकती है. इसे लेकर भारत सरकार ने व्हाट्सऐप से ये 14 सवाल पूछे थे.

 

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