NGT ने यूपी में चीनी मिल पर प्रदूषण फैलाने के आरोप को लेकर बनाई कमेटी, रिपोर्ट देने को कहा

NGT, UP के रहने वाले विनीत कुमार की अर्जी पर सुनवाई कर रहा है. याचिकाकर्ता ने मुजफ्फरनगर में काम कर रही DSM शुगर मिल्स लिमिटेड नई दिल्ली (Sugar Mill) पर पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने और प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया है.

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal-NGT) ने उत्तर प्रदेश में चीनी मिल (Sugar Mill) के प्रदूषण फैलाने संबंधी आरोप पर एक समिति का गठन कर दिया है. NGT ने समिति गठित कर उसे उत्तर प्रदेश में एक चीनी मिल पर प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाने वाली अर्जी पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने तथ्यों का पता लगाने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक संयुक्त समिति बनाई है.

पीठ ने कहा, “इस मामले को लेकर CPCB और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तथ्यों को पता लगाने दीजिए और उसे अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उचित प्रक्रिया के तहत, जो भी जरूरी हो, कार्रवाई करने दीजिए. फिर यह समिति दो महीने में ई-मेल के जरिए कार्रवाई की रिपोर्ट जारी करे.’’ NGT ने आवेदक से सभी कागजात CPCB और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपने और एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने को कहा है

उत्तर प्रदेश निवासी ने NGT में की थी अर्जी दायर

दरअसल, एनजीटी, उत्तर प्रदेश के रहने वाले विनीत कुमार की अर्जी पर सुनवाई कर रहा है. याचिकाकर्ता ने उत्तर प्रदेश के मंसूरपुर, मुजफ्फरनगर में काम कर रही DSM शुगर मिल्स लिमिटेड नई दिल्ली पर पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने और प्रदूषण फैलाने का आरोप लगाया है.

याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि चीनी मिल बिना ट्रीट किए हुए औद्योगिक अपशिष्टों (फैक्ट्री के कचरे) को पास के नालों में बहा रही है, जहां से होता हुआ यह दूषित जल ग्राम सभा तालाब में चला जाता है. वहां से यह पानी, जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 का उल्लंघन करते हुए काली नदी (Kali River) में छोड़ दिया जाता है, जिससे नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है.

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