सरकार को चाहिए 12 लाख करोड़ का भारी-भरकम कर्ज, RBI ने कहा ‘मैं हूं ना’

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वह सरकार के लिए 12 लाख करोड़ का भारी भरकम कर्ज जुटाने नें सक्षम है. सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.8 फीसदी रखा है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को पूरा भरोसा जताया कि RBI अगले वित्त वर्ष के लिए 12 लाख करोड़ रुपए की भारी भरकम सरकारी उधारी को बिना किसी बाधा के जुटा लेगा. गवर्नर ने कहा कि महामारी की असाधारण घटना के चलते राजकोषीय संतुलन तय लक्ष्य से डगमगा गया है और उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया कि राजकोषीय घाटे के वित्त वर्ष 2020-21 में 9.5 प्रतिशत होने और वित्त वर्ष 2021-22 में 6.8 प्रतिशत होने पर रेटिंग एजेंसियों की क्या प्रतिक्रिया होगी.

उल्लेखनीय है कि रेटिंग एजेंसियां राजकोषीय घाटे के आंकड़े को आर्थिक मजबूती के प्रमुख संकेतक के रूप में देखती हैं. अधिक राजकोषीय घाटे के साथ महंगाई बढ़ती है, और आमतौर पर RBI भी सरकार को इस तरह की चिंताओं के प्रति आगाह करता है. दास ने कहा कि सरकार के लिए ऋण प्रबंधक होने के नाते RBI ने बजट से पहले ही वित्त मंत्रालय के साथ ऋण लेने पर चर्चा की थी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘कोविड-19 महामारी के प्रभाव को देखते हुए FRBM के लक्ष्यों से विचलन अपरिहार्य था, क्योंकि केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों का राजस्व कुछ महीनों के लिए बहुत घट गया था.’

दास ने कहा कि जहां तक RBI का सवाल है, वह समग्र सरकारी उधार कार्यक्रम और ऋण-जीडीपी अनुपात की चिंता करता है. उन्होंने आगे कहा, ‘हमें विश्वास है कि हम 2021-22 में भी बिना किसी बाधा के सरकारी उधार कार्यक्रम को लागू कर पाएंगे. इस बारे में कोई संदेह नहीं है.

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