कश्मीर की खूबसूरती दिखाती रिपोर्ट:हाल में हुई हत्याओं का पर्यटन पर असर बहुत हल्का, पर्यटक बोले- कश्मीर जितने ही खूबसूरत यहां के लोग

देश के ताज कश्मीर में हाल में चुनिंदा लोगों की हत्या की वारदात का बुरा असर टूरिज्म पर हुआ है। कई लोग जो कश्मीर आने की पहले से प्लानिंग कर चुके हैं उन्होंने अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी। टूरिज्म कारोबार पर 15-20% का असर पड़ा है। लेकिन ज्यादातर लोगों ने अपनी बुकिंग कैंसिल नहीं और वो लोग पूरे उत्साह के साथ कश्मीर में घूमकर जन्नत का लुत्फ उठा रहे हैं। हमने कश्मीर में हाउस-बोट वालों, टूरिस्ट ऑपरेटर और टूरिज्म से जुड़े दूसरे लोगों से बात की और उनके कारोबार का हाल जाना। वहीं हमने कश्मीर घूमने आए सैलानियों से उनके अनुभव जाने। हर किसी ने यही कहा- ‘पहले लग रहा था कि पता नहीं यहां का माहौल कैसा होगा, लेकिन कश्मीर आकर मजा आ गया।’

कश्मीर की इकोनॉमी में टूरिज्म से करीब 20% आबादी को रोजगार मिलता है। ऐसे में अगर कश्मीर से नेगेटिव खबरें आती हैं तो इसका सीधा असर यहां के लोगों की रोजी-रोटी पर पड़ता है। तारिक पतलू श्रीनगर की डल लेक में हाउसबोट चलाते हैं। पतलू बताते हैं कि ‘हाल में हुई हत्याओं के बाद टूरिज्म पर 20-30% का असर हुआ है। कई लोगों ने अपनी बुकिंग कैंसिल की हैं। वजह ये है कि मीडिया जिस तरह से कश्मीर की खबरें बढ़ा चढ़ाकर दिखाती है, उससे टूरिस्ट यहां आने से डरते हैं। कश्मीर के बारे में माहौल बना दिया गया है कि यहां हिंदुओं को चुन-चुनकर मारते हैं। लेकिन यहां की हकीकत कुछ और ही है। मैं देश के लोगों से कहना चाहता हूं डरो मत, यहां भी इंसान ही रहते हैं’

मोहम्मद यूसुफ डल लेक में शिकारा पर फोटोग्राफी का काम करते हैं। यूसुफ दिनभर में 2000-2500 रुपये कमा लेते हैं, लेकिन अचानक बीते 4-5 दिनों में उनकी कमाई गिर गई है। यूसुफ बताते हैं कि ‘पहले आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद लॉकडाउन रहा, फिर कोविड की मार से सब बंद रहा। अभी टूरिज्म का माहौल शुरू हुआ ही था कि हाल में हुई किलिंग के बाद टूरिस्ट डर की वजह से कम आ रहा है। मेरी देशभर के लोगों से यही अपील है। हम आपका स्वागत करने के लिए खड़े हैं। आप आइए, आपकी मेहमाननवाजी से हमें खुशी मिलती है।’

ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के प्रेसिडेंट फारुक कुट्ठू ने बताया कि- ‘हाल में हुई किलिंग्स के बाद गिनी चुनी बुकिंग कैंसिल हुई हैं। आर्टिकल 370 और कोविड के बाद टूरिज्म ने अच्छी रिकवरी दिखाई थी इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि कोविड की वजह से दूसरे देशों को जाने वाले टूरिस्ट कश्मीर आ रहे हैं। 370 के पहले हाई एंड टूरिस्ट की होटल में ऑक्यूपेंसी 20-30% रहा करती थी, लेकिन अब तो 80-90% तक है।’

डल झील में 45 साल से शिकारा चलाने वाले फारुक अहमद बताते हैं कि- ‘कश्मीर में जब भी झगड़ा-फसाद होता है तो टूरिस्ट कम हो जाते है। कोरोना के बाद अच्छा टूरिस्ट आने लगा है। लेकिन अभी जो किलिंग्स हुई, उसके बाद 4-5 दिन से टूरिस्ट एकदम कम हो गया है। मैं देशभर के लोगों से कहता हूं कि आप कश्मीर आइए, टूरिस्ट को कभी भी कुछ नहीं हो सकता।’

जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में अब तक करीब 3 लाख पर्यटक कश्मीर घूमने आए हैं। वहीं सिर्फ पिछले 3 महीनों में ही 1।5 लाख टूरिस्ट आए। ये आंकड़े साफ गवाही देते हैं कश्मीर में पर्यटन में अच्छी खासी रिवकरी हुई है।

बिहार के पटना से मनप्रीत कौर अपने पूरे परिवार के साथ श्रीनगर घूमने आई हैं, वो हमें डल झील के किनारे शिकारे से उतरते हुए मिल गईं। हमने उनसे पूछा कि कश्मीर से बीते दिनों हत्या की खबरें आई हैं, आप फिर भी चले आए? वो बताती हैं कि- ‘पहले तो डर लग रहा था कि कश्मीर में पता नहीं कैसा माहौल होगा। लेकिन यहां आकर एक दम सुकूनदेह महसूस हो रहा है। मीडिया में कश्मीर की नेगेटिव खबरों को बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जाता है।’ मनिंदर के पति गुरप्रीत सिंह बताते हैं- ‘मैं पहले भी कई बार कश्मीर आ चुका हूं। यहां के लोग जबरदस्त मेहमाननवाज हैं। इनकी आवभगत को शब्दों में बयां नहीं कर सकते।’

कश्मीर के पहलगाम में हमें मिला गुजरात के वडोदरा का रहने वाला एक परिवार जो पिछले 11 सालों से लगातार कश्मीर घूमने आ रहे हैं। जब वो पहली बार कश्मीर घूमने आए थे तो अनंतनाग के रहने वाले टेक्सी ड्राइवर मंसूर भाई से उनकी पहचान हुई। 11 साल में ये पहचान रिश्तेदारी में बदल गई है। अब वडोदरा का रहने वाला ये परिवार जब भी कश्मीर घूमने आता है तो मंसूर भाई के ही घर में रुकता है। दो साल मंसूर भाई वडोदरा में शादी में शामिल होने गए थे। अब वडोदरा का ये परिवार भी कश्मीर में मंसूर भाई की बेटी शादी में शरीक होने के लिए आया है।

वडोदरा के इस परिवार के युवा सदस्य विवेक बताते हैं कि- ‘मंसूर भाई का परिवार और हमारे परिवार में एक पक्का रिश्ता कायम हो गया है। कश्मीर के लोगों को लेकर जो देश में माहौल है ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अगर आपको रिश्ता निभाना आता है तो सामने वाला भी रिश्ता निभाता है। कश्मीर की धरती और कश्मीर के लोग दोनों ही बहुत ही खूबसूरत हैं।’

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