MP के लाला-पठान के अवैध साम्राज्य की कहानी:नशे की तस्करी से शुरुआत; राजस्थान-मध्यप्रदेश में भूमाफिया से लेकर तस्करी का काम
आपने फिल्मों में लाला और पठान की दहशत और उनके साम्राज्य देखा होगा। कुछ इसी तर्ज पर रतलाम और मंदसौर में लाला-पठान बंधुओं की गैंग काम कर रही है। 5 दिन पहले ढोढर में इस माफिया गिरोह का घमंड चूर कर दिया गया। इनकी 106 दुकानों को ढहा दिया गया। पठान बंधु इन दुकानों से हर माह करीब 10 से 15 लाख रुपए किराया वसूलते थे। इसके बाद यह गैंग एक बार फिर चर्चा में आ गई।
पढ़िए लाला-पठान गैंग के अपराध और संपत्ति बनाने के तरीके के बारे में...
लाला और पठान बंधुओं की कहानी किसी वेब सीरीज माफिया से कम नहीं। राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के देवलजी, अकेपुर, नौगांव और मध्यप्रदेश के रतलाम- मंदसौर जिले के परवलिया, लसूड़िया इला गांव से लाला बंधु वर्षों पुराने माफियाराज को ऑपरेट करते हैं। वहीं, कोई एक व्यक्ति विशेष नहीं, लाला-पठान बंधुओं के कुनबे के कई लोग मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की तस्करी, सूदखोरी और जमीन हथियाने के धंधे में शामिल हैं।
बीते कुछ सालों में मादक पदार्थों की तस्करी से कमाई संपत्ति को लाला-पठान बंधुओं ने प्रॉपर्टी में लगाया। ब्याज पर रुपए देकर और डरा धमकाकर सस्ते में जमीन हथियाने का कारोबार रतलाम और मंदसौर में चल रहा है। लाला बंधुओं के अपराधों का साम्राज्य मध्यप्रदेश ही नहीं राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात तक फैला है। इन पर यहां मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी के तहत केस भी दर्ज हैं।
करोड़ों की 106 अवैध दुकानें ढहाई
रतलाम के ढोढर में जिस सरकारी भूमि पर अवैध 106 दुकान बनाई गई थीं, उन्हें रविवार को जमींदोज किया गया था। शासन ने 17 हजार वर्गफीट जमीन को लीज पर जिनिंग फैक्ट्री संचालित करने के लिए मंदसौर के महाजन परिवार को दी थी। इसके बाद लाला बंधुओं ने यहां अवैध रूप से 106 दुकानों का कॉम्पलेक्स बना दिया।
जो जमीन पसंद आई, उस पर जमा लिया कब्जा
मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी के सालों के धंधे के बाद बीते कुछ सालों में लाला-पठान बंधुओं ने रतलाम, मंदसौर और नीमच में प्रॉपर्टी के धंधे में भी हाथ आजमाया। फिल्मी माफिया की तरह प्राइम लोकेशन की जमीनों को औने पौने दाम पर हथियाने के लिए लाला बंधुओं ने सूदखोरी पर रुपए देकर पठानी ब्याज वसूलना शुरू कर दिया।
- मंदसौर का अनिल सोनी हत्याकांड और दलोदा के वीरेंद्र ठन्ना हत्याकांड से भी लाला बंधुओं के तार जुड़े हैं। 2019 में डायमंड व्यापारी अनिल सोनी की हत्या रंगदारी के रुपयों और प्रॉपर्टी के धंधे की वजह से की गई थी। इससे पूर्व 1 करोड़ की रंगदारी वसूलने के लिए अनिल सोनी के भाई सुनील सोनी की भी हत्या हुई थी। इस मामले में मामले में मुख्य आरोपी चुन्नु लाला उर्फ इमरान खान को इसी वर्ष गिरफ्तार किया गया था।
- मंदसौर के ही दलोदा में वर्ष 2016 में इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी वीरेंद्र ठन्ना की हत्या भी दलोदा स्थित रिलायंस पेट्रोल पंप की 1 बीघा जमीन को हथियाने को लेकर की गई थी। लाला-पठान कुनबे के आजम लाला का हाथ था।
लाला-पठान बंधुओं के माफिया राज के कई किरदार
माफियाओं पर कार्रवाई के लिए बनाई गई सूची में रतलाम में सबसे ऊपर लाला और पठान बंधुओं का नाम सामने आया था। जानकारी के अनुसार अपराधिक रिकॉर्ड वाले लाला बंधुओं के नाम कई प्रकरण दर्ज हैं।
चुन्नू लाला उर्फ इमरान खान: मंदसौर के चुन्नू लाला उर्फ इमरान खान पर 1 दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं। इसमें वह मंदसौर के बहुचर्चित अनिल सोनी हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। वहीं, उदयपुर के व्यापारी से फिरौती वसूलने और जानलेवा हमला करने सहित कई केस उस पर हैं। कुछ महीने पहले ही मंदसौर जिला प्रशासन ने इसकी नगर पालिका और स्टेशन रोड स्थित अवैध इमारतों को जमींदोज किया है।
शहजाद खान पठान: शहजाद खान मंदसौर के लसूड़िया इला गांव का रहने वाला है। इस पर एनडीपीएस, जानलेवा हमला करने के मामले रतलाम के रिंगनोद थाना और मंदसौर के भावगढ़ एवं वायडी नगर थाने में दर्ज है।
शमीउल्ला खान, परवलिया
शमीउल्ला खान पर दो केस दर्ज हैं। इसमें जानलेवा हमला करने और अवैध रूप से हथियार के मामले जावरा शहर और नागदा के मंडी थाने में दर्ज हैं। वर्तमान में प्रॉपर्टी बिजनेस में सक्रिय है।
मीर आजम पठान, परवलिया
मीर आजम पर 3 मामले दर्ज हैं। इसमें अवैध हथियार रखने, जानलेवा हमला और बलवा करने के मामले प्रमुख हैं।
नजीम खान पठान, परवलिया: नजीम खान पर 6 केस दर्ज हैं। इसमें अवैध हथियार रखने, एनडीपीएस, और जानलेवा हमला करने के मामले रतलाम के रिंगनोद थाना सहित वाराणसी अहमदाबाद और लखनऊ में दर्ज हैं। वर्तमान में प्रॉपर्टी बिजनेस में सक्रिय है।
एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि ये लोग मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की तस्करी, सूदखोरी और जमीनों पर अवैध कब्जे के जैसे मामलों में आरोपी हैं। केवल रतलाम ही नहीं गुजरात, पंजाब, उत्तरप्रदेश में भी इनके खिलाफ केस दर्ज हैं।