क्या अब खत्म होने जा रहा है किसान आंदोलन? अमृतसर के पास 169 दिन बाद रेल पटरियों से हटे किसान

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ रेल पटरियों पर धरना दे रहे किसानों के एक समूह ने 169 दिनों के बाद गुरुवार को अपना आंदोलन समाप्त कर दिया, क्योंकि रेलगाड़ियों का परिचालन स्थगित होने से उन्हें और व्यापारियों को नुकसान हो रहा था।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सविंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने सभी प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद अमृतसर-दिल्ली मार्ग पर देवीदासपुरा में रेल जाम खत्म करने का निर्णय किया। जंडियाला स्टेशन के पास देवीदासपुरा, अमृतसर रेलवे स्टेशन से करीब 25 किलोमीटर दूर है।

उन्होंने कहा कि किसान केवल यात्री गाड़ियों को रोक रहे थे, लेकिन केंद्र ने मालगाड़ियों को भी रोकने का फैसला किया जिससे किसानों, व्यवसायियों और उद्योगपतियों को काफी नुकसान हुआ। वर्तमान परिस्थितियों में किसानों ने सर्वसम्मति से यहां आंदोलन समाप्त करने का फैसला किया। अधिकारियों ने कहा कि किसानों के यहां आंदोलन समाप्त करने के साथ ही रेलगाड़ियों की सामान्य आवाजाही कुछ दिनों में शुरू कर दी जाएगी।

गौरतलब है कि केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए बीते 3 महीनों से भी अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।

बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार इन तीनों नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।

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