संसद से मिली एक और सरकारी बैंक बनाने को मंजूरी, जानिए कैसे करेगा ये काम, क्या होगा आम आदमी को फायदा
गुरुवार को संसद ने नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट बनाने को मंजूरी दे दी गई है. इसके जरिए देश के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को फाइनेंस किया जाएगा. आइए जानें इसके बारे में…
देश में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को लॉन्ग टर्म फंडिंग (लंबी अवधि के लिए पैसा) यानी आसानी से कर्ज़ उपलब्ध कराने के लिए सरकारी बैंक बनाने जा रही है. गुरुवार को संसद ने नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट बनाने से जुड़े बिल को मंजूरी दे दी है. केंद्र सरकार इस बैंक को 20,000 करोड़ रुपए की शुरुआती पूंजी देगी. बैंक अगले कुछ साल में बाजार से तीन लाख करोड़ रुपये तक की पूंजी जुटाने की योजना बना रहा है. इसके जरिए सरकार की 5 लाख करोड़ रुपये तक का लोन बांटने की योजना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को बताया कि इस कदम से देश में नौकरी के नए मौके बनेंगे. बजट में इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर 5.54 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का ऐलान किया.
नया सरकारी बैंक NaBFID
संनेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट बैंक का नाम डीएफआई (DFI-Development Finance Institution) यानी डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन होगा. 23 मार्च को लोकसभा ने इसे मंजूरी दे दी थी. गुरुवार यानी 25 मार्च को ये राज्यसभा से भी पास हो गया.
इस बैंक को क्यों बनाया गया है
1 फरवरी 2021 को पेश किए बजट में वित्त मंत्री ने इसकी घोषणा की थी. उन्होंने अपने भाषण में बताया इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को फंड उपलब्ध कराने के लिए अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड की व्यवस्था की गई थी लेकिन कई वजहों के चलते इसे खत्म करना पड़ा. बैंक लॉन्ग टर्म के लिए जोखिम लेने से बचते थे. ऐसे में इंफ्रा प्रोजेक्ट को रकम नहीं मिल पाती थी. इसीलिए सरकार ने नए बैंक को बनाया है.
बैंक के पास पैसा कहां से आएगा?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को लंबे समय के लिए पैसों की जरूरत होती है. इसीलिए ऐसे में एक अलग बैंक की जरुरत थी.
केंद्र सरकार इस बैंक को 20,000 करोड़ रुपए की शुरुआती पूंजी देगी. बैंक अगले कुछ साल में बाजार से तीन लाख करोड़ रुपये तक की पूंजी जुटाने की योजना बना रहा है. इसके जरिए सरकार की 5 लाख करोड़ रुपये तक का लोन बांटने की योजना है.
क्या कोई इस बैंक में अपना पैसा जमा कर सकता है?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बैंक में बड़े पेंशन फंड, सॉवरेन फंड और इंश्योरेंस फंड पैसा लगा सकेंगे. एक्सपर्ट्स ने बताया कि इसमें पैसा लगाने वालों को कई फायदे मिलेंगे. इन्हें इनडायरेक्ट टैक्स छूट भी मिलेगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि डीएफआई को कई तरह के टैक्स बेनिफिट भी मिलेंगे जो 10 साल तक जारी रहेंगे.
केंद्र सरकार डेवलपमेंट फाइनेंस इंस्टीट्यूशन के लिए कुछ सिक्योरिटी जारी करने भी जा रही है जिससे इसके माध्यम से जुटाए जाने वाले फंड की लागत कम आएगी.