49 लाख श्रद्धालुओं की डुबकी के बाद गंगा के पानी से बड़े स्‍तर पर फैल सकती कोरोना महामारी, वैज्ञानिकों ने चेताया

विशेषज्ञों के मुताबिक गंगा के पानी के बहाव के साथ ही वायरस (Virus Active Long Time In Water) और लोगों तक पहुंच सकता है

देश में फैल रहे कोरोना संक्रमण के बीच हरिद्वार में इन दिनों महाकुंभ (Haridwar Mhakumbh) चल रहा है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान करने पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से संक्रमण और भी बढ़ने का खतरा बना हुआ है. अमर उजाला अखबार में छपी खबर के मुताबिक रुड़की यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को संक्रमण और भी तेजी से साथ फैलने की चिंता सता (Speedy Corona Infection) रही है. वैज्ञानिकों का दावा है कि ड्राइ सरफेस के कंपेरिजन में कोरोना संक्रमण पानी में ज्यादा समय तक एक्टिव रहता है.

वैज्ञानिक संक्रमण कई गुना तेजी के साथ फैलने की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक गंगा के पानी के बहाव के साथ ही वायरस और लोगों तक पहुंच (Virus Active Long Time in Water) सकता है. उनके मुताबिक आने वाले दिनों में इसका असर व्यापक स्तर पर देखने को मिल सकता है. महामारी काफी तेजी के साथ फैल सकती है.

करीब 40 साधु-संतों को कोरोना संक्रमण

हरिद्वार कुंभ में स्नान के बाद अब तक अखाड़ों से जुड़े करीब 40 साधु-संतों को कोरोना संक्रमण हो चुका है. हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के. झा के मुताबिक मेडिकल टीम अखाड़ों में जा रही हैं और साधुओं के लगातार RT-PCR टेस्ट किए जा रहे हैं. टेस्टिंग को 17 अप्रैल से और तेज़ किया जाएगा.  महामंडलेश्वर कपिल देव दास की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि हॉस्पिटल में भर्ती हैं. लाखों की संख्या में अब भी श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंच रहे हैं. रुड़की यूनिवर्सिटी के वाटर रिसोर्स डिपार्टमेंट के सीनियर साइंटिस्ट डॉ संदीप शुक्ला ने इस पर चिंता जाहिर की है.

12 रिसर्चर्स की टीम बहते हुए पानी में कोरोना वायरस के एक्टिव रहने के समय पर रिसर्च कर रही है. डॉ संदीप शुक्ला का कहना है कि ड्राइ सरफेस की तुलना में वायरस पानी में ज्यादा समय तक एक्चिव रहता है. इस बात पर रिसर्च की जा रही है कि पानी में कितने समय तक वायरस एक्टिव रह सकता है. रिसर्च पूरी होने के बाद ही इस बात का खुलासा हो सकेगा.

‘पानी में लंबे समय तक एक्टिव रहता है वायरस’

हरिद्वार महाकुंभ में 12 से 14 अप्रैल के बीच हुए शाही स्नान में 49 लाख 31343 के करीब श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. वहीं अब तक 2483 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं. कई लोगों की हालत गंभीर है. वहीं गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रमेश दुबे का कहना है कि हरिद्वार में संक्रमण कई गुना और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. लोगों के पानी में डुबकी लगाने से बीमारी दूसरे लोगों में भी फैल सकती है.

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