शिवसेना ने ‘सामना’ में मोदी सरकार को बताया फेल- लोग मर रहे हैं और स्वास्थ्य मंत्री बंगाल में धरना दे रहे हैं

सामना के संपादकीय में कहा गया है कि देश में कोविड संक्रमण से हालात ख़राब हैं और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री पश्चिम बंगाल की सड़कों पर बिना मास्क के धरना दे रहे हैं.

शिवसेना  के मुखपत्र ‘सामना’ में एक बाद फिर कोरोना संक्रमण रोकथाम के मामले में केंद्र सरकार को विफल बताया है. सामना के संपादकीय में लिखा है कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि मोदी सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए जो टास्क फ़ोर्स बनाई थी वो पूरी तरह से फेल हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी नाकामी को देखते हुए राष्ट्रीय स्तर के 12 डॉक्टर्स को इसमें शामिल किया है. ये केंद्र के गाल पर एक तमाचे की तरह है.

सामना में आगे लिखा है कि देश में लगातार दवाएं, टीकाकरण और ऑक्सीजन की कमी के मामले सामने आ रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार का पूरा ध्यान अभी भी बंगाल पर ही लगा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट ने जो समिति बनाई है इस तरह विशेषज्ञों की मदद मोदी सरकार भी ले सकती थी लेकिन अगर उन्होंने ऐसा किया होता तो इसमें उनके परिवार के ही 112 लोग शामिल हो जाते और स्थिति और गंभीर ही हो जाती.

बंगाल में धरना दे रहे हर्षवर्धन

सामना के संपादकीय में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन पर भी सवाल खड़े किए गए हैं. इसमें लिखा है कि वैक्सीन, दवाओं की कालाबाजारी हो रही है और हर्षवर्धन बिना मास्क पहने पश्चिम बंगाल की सड़कों पर धरना दे रहे हैं. उन्हें देखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का सिर भी चकरा गया होगा क्योंकि फिलहाल WHO के कार्याध्यक्ष हैं. ऐसा लग रहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय को पता ही नहीं है कि देश में स्थिति कितनी खराब हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट और अन्य राज्यों के हाईकोर्ट कदम उठा रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार बंगाल और असम में ही व्यस्त है.

विदेशों में भारत का मजाक उड़ रहा है

इसमें आगे लिखा है कि ब्रिटेन की कोविड टास्क फ़ोर्स के अध्यक्ष फ्लाइव डिक्स ने दावा किया है कि अगस्त महीने तक ब्रिटेन पूरी तरह से कोरोनामुक्त हो जाएगा. इधर अहम गर्म पानी पीने और 30 सेकेंड सांस रोक कर संक्रमण फैलने से रोकने जैसी सलाह दे रहे हैं. ये सब बातें सरकार से जुड़े लोग कर रहे हैं जिससे दुनिया में हमारी बदनामी हो रही है और ये साबित हो रहा है कि ये देश सांप, बिच्छू, हाथी और मदारी का ही है.

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