सीनियर वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील सरकार के ज़िद्दी रवैये से आहत, वैज्ञानिक सलाहकार ग्रुप के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

नई दिल्ली: सीनियर वायरोलॉजिस्ट डॉ शाहिद जमील ने रविवार को भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के वैज्ञानिक सलाहकार ग्रुप के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया. शाहिद जमील केंद्र सरकार की ओर से बनाए उस खास सलाहकार ग्रुप के सदस्य थे, जिनके ऊपर वायरस के जीनोम स्ट्रक्चर की पहचान करने की जिम्मेदारी थी.

सीनियर वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील

आपको बता दें कि कोरोना संकट के बीच डॉ शाहिद जमील को सरकार की ओर से अहम जिम्मेदारी दी गई थी. उन्हें SARS-CoV-2 वायरस के जीनोम स्ट्रक्चर की पहचान करने वाले वैज्ञानिक सलाहकार ग्रुप का प्रमुख बनाया गया था. लेकिन रविवार को उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि जमील ने फोरम के मुख्य सलाहकार का पद क्यों छोड़ दिया.

गौरतलब है कि हाल ही में, अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंस के डायरेक्टर शाहिद जमील ने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में वैज्ञानिक “साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण के लिए जिद्दी प्रतिक्रिया” का सामना कर रहे हैं.

उन्होंने लेख में मोदी सरकार को यह भी सलाह दी थी कि वो वैज्ञानिकों की बात सुने. पॉलिसी बनाने में जिद्दी रवैया छोड़ें. जमील ने कोरोना के नए वैरिएंट की तरफ ध्यान दिलाया और लिखा कि एक वायरोलॉजिस्ट के तौर पर मैं पिछले साल से ही कोरोना और वैक्सीनेशन पर नजर बनाए हुए हूं. मेरा मानना है कि कोरोना के कई वैरिएंट्स फैल रहे हैं और ये वैरिएंट्स ही कोरोना की अगली लहर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.

वहीं, देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है. रोजाना लाखों लोग कोरोना की चपेट में आ रहे हैं और हजारों लोग जान गंवा रहे हैं. इन सबके बीच कोरोना की तीसरी लहर की भविष्यवाणी ने लोगों को सकते में डाल दिया है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *