नई दिल्ली,  यमुना में प्रदूषण और मानसून के दिनों में जल भराव का एक बड़ा कारण यह है कि कई जगहों पर सीवर व नाले आपस में जुड़े हुए हैं। यमुना सफाई के मद्देनजर एनजीटी द्वारा उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की पांचवीं बैठक में यह बात सामने आई कि दिल्ली में 309 नाले अभी सीवर लाइन से जुड़े हुए हैं।

इन विभगों को दिए निर्देश

ये नाले नगर निगम, लोक निर्माण विभाग व दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीएसआईआईडीसी) के हैं। इसलिए समिति ने इन तीनों विभागों से नालों को सीवर से अलग करने की समय सीमा निर्धारित कर एक्शन प्लान के साथ अगली समीक्षा बैठक में शामिल होने का निर्देश दिया है। ताकि इन नालों को एक निर्धारित समय में सीवर लाइन से अलग किया जा सके।

समिति ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग से उन प्राकृतिक नालों की सूची मांगी है, जो सीवर लाइन से जुड़े हैं। समिति की पांचवीं समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि दिल्ली जल बोर्ड ने पहले चरण में ऐसे 539 नालों की सूची तैयार की थी, जहां नाले व सीवर गलत तरीके से आपस में जुड़े हुए थे। इसमें से 309 नाले अभी भी सीवर नेटवर्क से जुड़े हुए हैं, जिसमें नगर निगम के 286, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के 19 और दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (डीएसआइआइडीसी) के तीन नाले हैं।

नालों को सीवर लाइन से अलग करने के साथ-साथ एक हजार मिलीमीटर व्यास की 442.63 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन की सफाई की पहल की गई है। इस सीवर लाइन की सफाई होगी, जो 200 किलोमीटर की ट्रंक सीवर लाइन से अलग है। ट्रंक सीवर लाइन की सफाई का काम पहले ही शुरू हो चुका है।

यमुना पर बने पुलों से जाली गायब

यमुना पर बने पुलों के ऊपर से नदी में कचरा फेंकने की घटनाओं की रोकथाम के लिए जाली लगाने का प्रविधान किया गया है। यमुना पर बने दस में से पांच पुलों पर लगी लोहे की जाली क्षतिग्रस्त है, जिसमें वजीराबाद बैराज के पास यमुना पर स्थित पुल, कश्मीरी गेट आईएसबीटी के पास स्थित पुल, गीता कालोनी रोड पुल और आइटीओ के पास स्थित दो पुल शामिल हैं।

पीडब्ल्यूडी वजीराबाद व कश्मीरी गेट के पास मौजूद पुल की जाली इस माह के अंत तक मरम्मत करेगा। गीता कालोनी रोड पुल पर 12 वर्ग मीटर व आईटीओ पुल के पर 50 वर्ग मीटर में जाली गायब है। इन दोनों जगहों पर पीडब्ल्यूडी एक माह में जाली लगाएगा। इसके अलावा आईटीओ के पास यमुना पर बने रेलवे पुल पर लोहे की जाली नहीं लगी है। उत्तर रेलवे को अगले वर्ष मार्च तक जाली लगाने का निर्देश दिया गया है।