स्कूली शिक्षा:सरकारी स्कूलों में 11वीं के विद्यार्थी 30 फीसदी बढ़ेेंगे, स्कूलों में कमरे हैं लेकिन लैब और लाइब्रेरी बढ़ानी पड़ेंगी
हाईस्कूल के विद्यार्थियों का रिजल्ट इस बार 30 से 32 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है। इस बार हाईस्कूल के विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित नहीं कराई गई है बल्कि यूनिट टेस्ट, छमाही और प्री-बोर्ड की परीक्षा के आधार पर इन्हें अंक देकर पास करना है। इसमें फेल सिर्फ वही छात्र होंगे जो इन सभी परीक्षाओं में अनुपस्थित रहे हों। अन्य फेल छात्रों को भी पास करके अगली कक्षा में भेजना होगा। ऐसे में सरकारी स्कूलों में कक्षा 11वीं में पहुंचने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी। इन स्कूलों में कक्षाएं लगाने के लिए कमरे तो हैं लेकिन लैब, लाइब्रेरी के साथ शिक्षकों की संख्या भी बढ़ाना होगी।
गौरतलब है कि पिछले सत्र में हाईस्कूल का रिजल्ट 65.5 प्रतिशत रहा था यानि 7345 विद्यार्थियों में से 4816 ही कक्षा 11वीं में प्रवेश लिया था। इस बार यह आंकड़ा बढ़ेगा। सत्र 2020-21 में जिले के सरकारी स्कूलों में 7737 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। अनुमान के अनुसार इनमें लगभग 7350 विद्यार्थी उत्तीर्ण किए जाएंगे और 11वीं कक्षा में पहुंचेंगे। सरकारी स्कूलों में सबसे ज्यादा छात्र विज्ञान विषयों में प्रवेश लेते हैं। इसलिए इन विषयों में लैब के उपकरणों और लाइब्रेरी में किताबों की संख्या बढ़ाना पड़ेगी।
दो प्रमुख स्कूलों में विज्ञान विषय में ही ज्यादा प्रवेश
शहर के प्रमुख स्कूल गोरखी हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य एके पाठक का कहना है कि उनके स्कूल में उनके स्कूल में कक्षा 11 में 436 छात्र हैं, इनमें से 290 विज्ञान विषयों के हैं। नए सत्र में छात्रों की संख्या बढ़ेगी ऐसे में लैब में उपकरण और लाइब्रेरी में किताबों की संख्या बढ़ाना होगी। छात्राओं के सबसे बड़े स्कूल पद्मा कन्या हायर सेकंडरी स्कूल के प्राचार्य अशोक श्रीवास्तव का कहना है कि हमारे यहां कक्षा 11 में 555 छात्राएं हैं। इनमें से 350 विज्ञान विषयों में हैं। इस बार कक्षा 11वीं में छात्राओं की संख्या बढ़ेगी लेकिन लैब के उपकरण और लाइब्रेरी की किताबों के लिए फंड है।