एक साल से इंतजार, केजरीवाल ने एक करोड़ का दिया था वचन, BJP ने कहा-गैरत है तो 7 दिन में निभाओ वादा
केजरीवाल सरकार ने पिछले साल ऐलान किया था कि कोरोना वायरस की वजह से सरकारी कर्मचारी व पुलिसकर्मियों के निधन पर उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी।
नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार ने पिछले साल ऐलान किया था कि कोरोना वायरस की वजह से सरकारी कर्मचारी व पुलिसकर्मियों के निधन पर उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान करेगी। वहीं दिल्ली पुलिस के शहीद जवान अमित राणा, जिनका निधन पिछले साल कोरोना से हो गया था, उनका परिवार आज भी केजरीवाल के इस वादे के पूरे होने की आस में हैं। उनका परिवार आजतक केजरीवाल के वादे के मुताबिक एक करोड़ रुपये सहायता राशि नहीं पा सका है।
इस बीच साउथ दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने राजधानी में कोरोना योद्धाओं को सम्मान राशि देने के मामले में दिल्ली सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना की वर्तमान लहर में 500 से ज्यादा ऐसे लोगों ने अपने प्राण गंवाए हैं जिन्हें दिल्ली सरकार की नीति के अनुसार कोरोना योद्धा मानना चाहिए। मगर, दिल्ली सरकार ने अब तक करीब एक दर्जन लोगों को ही कोरोना योद्धा के रूप में सम्मानित किया है और उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी है।
रमेश बिधूड़ी ने ट्वीट किया, “अयोग्य CM @ArvindKejriwal..आपका 7 मई 2020 का ट्वीट व TV पर बयान DP के जवान अमित राणा के कोरोना बलिदान पर आपकी फितरत अनुसार राजनैतिक सहानुभूति का वादा था, या पीडित परिवार सहित देश कि सीमाओं व आन्तरिक सुरक्षा मे लगे जवानों का उपहास। ग़ैरत बची है तो 7 दिन में उनका सम्मान दे दो @blsanthosh”
इस बीच शहीद जवान अमित राणा की पत्नी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम एक पत्र लिखकर उनके वादे को याद दिलाया है। शहीद अमित राणा की पत्नी पूजा राणा ने केजरीवाल के नाम लिखे पत्र में कहा है कि, आदरणीय अरविंद केजरीवाल जी, मेरे पति अमित राणा, जोकि दिल्ली पुलिस में भारत नगर थाने में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। 5 मई 2020 को दिल्ली वालों की सेवा करते हुए कोरोना वायरस से ग्रसित होकर शहीद हो गए।
दिल्ली पुलिस के शहीद जवान अमित राणा का परिवार आज भी केजरीवाल के इस वादे के पूरे होने की आस में हैं।
उन्होंने आगे लिखा है कि, मुख्यमंत्री जी, आपने सहायता स्वरूप एक करोड़ रुपये देने का वादा मीडिया व ट्विटर के जरिए किया था। लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी मुझे वो राशि नहीं मिली है। आपने कुछ लोगों को निधन के बाद दस दिन के अंदर ही सहायता राशि दे दी, तो फिर मेरे साथ ही भेदभाद क्यों?