Bihar: LJP के 5 सांसदों ने चिराग पासवान का साथ छोड़ पारस को चुना अपना नेता, अलग पार्टी बनाकर NDA में हो सकते हैं शामिल
लोजपा में पड़ी इस फूट के पीछे जदयू सांसद ललन सिंह का हाथ माना जा रहा है. वे पिछले कुछ समय से लगातार पारस के साथ संपर्क में थे.
Bihar LJP Split: बिहार की सियासत (Bihar Politics) में एक बड़ी हलचल देखने को मिल रही है. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में एक बड़ी फूट सामने आई है. एलजेपी के पांच सांसदों पार्टी से अलग होकर पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को अपना नेता चुनने का फैसला लिया है. राम विलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की मौत के लगभग एक साल के अंदर ही कई बड़े नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. अगर सासंद पार्टी से अलग होते हैं तो यह चिराग पासवान के लिए बीहार की राजनीति में एक बहुत बड़ा झटका होगा क्योंकि पहले विधायक भी ऐसा ही कदम उठा चुके हैं.
सूत्रों की मानें तो पांचों सांसद पशुपति कुमार पारस, चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और फ्रिंस राज ने एलजेपी से अलग होने का निर्णय लिया है और चार सांसदों ने अब पारस को अपना संसदीय दल का नेता चुना है. पार्टी मे फूट पड़ने के बाद चिराग पासवान अब पूरी तरह से अलग हो गए हैं. बताया जा रहा है कि सभी सांसदों ने पत्र लिखकर लोक सभा स्पीकर को भी इस बात की जानकारी दे दी है.
लोजपा के साथ घटित इस घटना के पीछे जदयू सांसद ललन सिंह का हाथ माना जा रहा है. ललन सिंह पिछले कुछ समय से लगातार पारस के साथ संपर्क में थे. कुछ दिनों पहले पटना में दोनों नेताओं के बीच मुलाकात भी हुई थी. इस मुलाकात के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया था.
इस वजह से पारस को चुना नेता
बता दें कि पशुपति कुमार पारस दिवंगत नेता राम विलास पासवान के छोटे भाई और चिराग पासवान के चाचा है. वह पार्टी में सबसे वरिष्ठ नेता है इसलिए सभी सांसदों ने उन्हें अपना संसदीय दल का नेता चुना है. पार्टी से सांसदों के अलग होने की खबर लगते ही चिराग पासवान की तरफ से उन्हें मनाने का दौर शुरू हो गया है. रविवार देर रात तक बैठकों का दौर जारी रहा.
जहां एक तरफ कहा जा रहा है कि सभी नेता जेडीयू में शामिल हो सकते हैं तो वहीं दूसरी तरफ यह भी खबर सामने आ रही है कि वह एनडीए को अपना समर्थन दे सकते हैं. कहा जा रहा है कि ये सभी सांसद सोमवार को पार्टी से अलग होने की सूचना चुनाव आयोग को भी सौपेंगे.