जिस अधिकारी के खिलाफ की थी शिकायत, उसे ही सौंप दी जांच, हाई कोर्ट ने डीएम से किए सवाल

जिस भी अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है, उससे कम से कम एक रैंक ऊपर का अधिकारी ही जांच कर सकता है. लेकिन इस मामले में जूनियर इंजीनियर को जांच दी गई, दो वर्तिका सिंह से छोटे पद पर हैं.

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने एक ऐसा केस आया, जिसमें इस बात बताई गई थी कि जिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत की गई है, उसे ही केस की जांच सौंप दी गई. अब हाई कोर्ट ने प्रयागराज डीएम से इस मामले में जवाब मांगा है. कोर्ट ने सवाल किया है कि आपत्ति दर्ज होने के बाद कनिष्ठ अधिकारी को जांच सौंप कर शिकायत को रफा-दफा कैसे कर दिया गया? कोर्ट ने डीएम के इस कार्य को नियम विरुद्ध बताया है.

डूडा की प्रोजेक्ट अधिकारी वर्तिका की शिकायत
गौरतलब है कि दीनदयाल प्रसाद नाम के व्यक्ति की याचिका पर जस्टिस मनोज कुमार मिश्र और जस्टिस सैय्यद आफताब हुसैन रिजवी की बेंच ने डीएम से सवाल किया है. याची दीनदयाल के एडवोकेट हर्षवर्धन शास्त्री ने बताया था कि याची ने डूडा की प्रोजेक्ट अधिकारी वर्तिका सिंह को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन डीएम ने शिकायत सुनने के बाद मामले की जांच की जिम्मेदारी वर्तिका सिंह को ही दे दी.

बाद में वापस ली गई जांच
हालांकि, जब मामला संज्ञान में लाया गया तो 9 फरवरी, 2021 को जिलाधिकारी ने वर्तिका सिंह से जांच की जिम्मेदारी वापस ली और डूडा में जूनियर इंजीनियर लाल प्रताप सिंह को सौंप दी. उसके बाद शिकायत का निस्तारण हुआ.

12 जुलाई को अगली सुनवाई
याची के एडवोकेट ने कहा था कि 8 फरवरी, 2018 को एक शासनादेश जारी हुआ था, जिसमें यह बात साफ कही गई थी कि जिस भी अधिकारी के खिलाफ शिकायत हुई है, अगर वही मामले की जांच में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई होगी. इसके अलावा, जिस भी अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई है, उससे कम से कम एक रैंक ऊपर का अधिकारी ही जांच कर सकता है. लेकिन इस मामले में जूनियर इंजीनियर को जांच दी गई, दो वर्तिका सिंह से छोटे पद पर हैं. इसलिए जांच का तरीका गलत और नियम विरुद्ध है. अब हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 12 जुलाई को होनी है.

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