डंप रेत पर ठंडी पड़ी कार्यवाही:जिला प्रशासन ने रुचि लेना किया बंद, धौलपुर मुख्य मार्ग से हटाया नाका, रात को फर्राटा भरकर निकल रहे रेत से भरे ट्रेक्टर, हादसे की आशंका
- एक बार कार्यवाही करके बैठ गया जिला प्रशासन
जिले में अवैध रेत माफिया के खिलाफ कार्यवाही ठंडी पड़ गई है। प्रशासन ने धौलपुर मार्ग पर वन विभाग की तरफ से की जाने वाली नाकाबंदी भी हटा ली है। रात के आठ बजने के बाद से ही चंबल के अवैध रेत से भरे ट्रेक्टर ट्राली फर्राटा भरते हुए निकल रहे हैं। यह इतनी तेजी से निकलते हैं कि छोटे वाहनों पर दुर्घटना का संकट मंडराने लगा है।
सबसे अहम बात यह है कि, नाकाबंदी हटने से ट्रेक्टर ट्राली इतनी तेज रफ्तार से गुजरती हैं कि इनके सामने अगर कोई छोटा वाहन आ जाए तो, दुर्घटना होना तय है। यहां तक कि बस चालक भी अपनी बस एक तरफ कर लेते हैं। दो पहिया वाहन चालकों के जीवन के साथ खतरा मोल लिया जा रहा है। अगर कोई दो पहिया चालक धोखे से भी इनके सामने आ जाए तो यह कुचलकर आगे बढ़ जाते हैं।
धड़ल्ले से हो रहा अवैध खनन
जिले में चंबल अभ्यारण्य में से रेत का खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। बताया जाता है कि इसके पीछे वन विभाग की छूट है। अगर वन विभाग चाहता तो धौलपुर मार्ग पर मौजूद नाका नहीं हटाता। नाका हटाने के बाद रात में रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा है।
टॉस्क फोर्स नहीं दे रहा जिला प्रशासन
जिला प्रशासन ने प्रशासन, वन विभाग, राजस्व, खनिज व पुलिस विभाग को मिलाकर टॉस्क फोर्स का गठन किया था। इस टॉस्क फोर्स का एक ही उद्देश्य था कि जो अवैध रेत, माफियाओं ने जगह-जगह चंबल के किनारे डंप किया है उसको मिट्टी में मिलाना है। पिछले एक सप्ताह में केवल एक बार ही टॉस्क फोर्स ने कार्यवाही की है।
ग्रामीण कह रहे हमारी जगह से हटवाएं रेत
रेत माफियाओं ने ग्रामीणों की जमीन पर जबरन अवैध रेत का स्टॉक बना लिया है। उनके डर की वजह से कोई ग्रामीण मुंह खोलने की हिम्मत नहीं करता है। बीते दिनों जब जिला प्रशासन ने रेत माफियाओं के खिलाफ कार्यवाही करते हुए डंप रेत को मिट्टी में मिलवाया था। उसके बाद से किसानों में हिम्मत आ गई। वह वन विभाग की एसडीओ श्रद्धा पांढ़रे को फोन करके कह रहे हैं कि उनकी जमीन पर अवैध रेत का भण्डार लगा हुआ है। उसे हटवाने के लिए कार्यवाही करें। लेकिन न तो जिला प्रशासन इसमें रुचि ले रहा है और न ही टॉस्क फोर्स।
ट्रेफिक वालों को भी रोकना चाहिए
रात में धड़ल्ले से ट्रेक्टर निकल रहे हैं। उनको रोकने की जिम्मेदारी ट्रेफिक विभाग की भी है। वह चाहे तों स्पीड ब्रेकर भी बनवा सकते हैं। हमारा स्टाफ रात से ही श्योपुर गया हुआ है। इसकी वजह से नाके पर स्टॅाफ कम होगा, जिससे ट्रेक्टर निकले होंगे।
अमित निकम, डीएफओ
कार्यवाही करेंगे
पिछले दिनों जिला प्रशासन ने कार्यवाही की थी। अब, माइनिंग विभाग की तरफ से और जानकारी आ जाए। उसके बाद डंप रेत पर कार्यवाही की जाएगी।
नरोत्तम भार्गव, एडीएम