नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगा: सुप्रीम कोर्ट ने तीन छात्रों की जमानत याचिका पर 4 हफ्ते के लिए टाली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी देवांगना कलिता, आसिफ इकबाल तनहा और नताशा नरवाल की जमानत रद्द किए जाने और हाईकोर्ट की टिप्पणी हटाए जाने के मामले पर सुनवाई टाली है.
उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के एक मामले में आरोपी तीन छात्र कार्यकर्ताओं देवांगना कलिता, आसिफ इकबाल तनहा और नताशा नरवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चार हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी है. साथ ही कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से मामले को टालने की मांग पर नाराजगी भी जताई है. कोर्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी देवांगना कलिता, आसिफ इकबाल तनहा और नताशा नरवाल की जमानत रद्द किए जाने और हाईकोर्ट की टिप्पणी हटाए जाने के मामले पर सुनवाई टाली है. बता दें कि दिल्ली पुलिस और आरोपियों के वकील दोनों पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई को टालने का अनुरोध किया था.
दो दिन पहले कोर्ट ने आरोपी ‘भठूरा’ को किया था बरी
अभी दो दिन पहले ही, नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान फरवरी 2020 में दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट इलाके में हुई हिंसा के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कडकडूमा कोर्ट ने आरोपी सुरेश उर्फ भठूरा को इस मामले में बरी कर दिया. एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत ने दंगा आरोपी सुरेश उर्फ भठूरा को मामले में सभी आरोपों से बरी करते हुए कहा कि आरोपी की शिनाख्त और गवाहों के बयानों में विरोधाभास पाया गया है. इसलिए कोर्ट आरोपी को बरी करती है.
क्या है मामला?
25 फरवरी, 2020 को दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान पुलिस को शिकायत मिली थी कि बाबरपुर रोड पर कुछ दंगाइयों ने आसिफ नाम के शख्स दुकान में जबरन घुसकर तोडफोड और लूट की वारदात को अंजाम दिया है. 9 मार्च 2021 को कोर्ट ने आरोपी सुरेश के खिलाफ IPC की 143 (गैरकानूनी सभा का सदस्य होने), 147 (दंगा करने), 427 (नुकसान पहुंचाना) की धाराओं के तहत आरोप तय किए थे. सुरेश पर 454 (ट्रैसपासिंग) के साथ धारा 149 और 394 (डकैती) के तहत भी आरोप लगाया गया था.
आपको बता दें कि दिल्ली दंगों में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे, हिंसा में सैकड़ों पुलिसकर्मियों और कुछ अधिकारियों को भी चोटें आई थी.