संसद सही ढंग से चलने नहीं दे रहा विपक्ष, यह लोकतंत्र और नागरिकों का अपमान’- पीएम मोदी

विपक्षी दल पेगासस जासूसी विवाद और तीन कृषि कानूनों सहित अन्य मुद्दों पर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा कर रहे हैं. 19 जुलाई को जब से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है, तब से ही विपक्ष लगातार पेगासस और किसानों के मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा में निरंतर विरोध कर रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर एक बार फिर से हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि विपक्ष संसद के मानसून सत्र को सही ढंग से चलने नहीं दे रहा है. मंगलवार को बीजेपी सांसदों की एक बैठक में पीएम ने विपक्ष के इस रवैये को संसद, संविधान, लोकतंत्र और जनता का अपमान बताया. एक हफ्ते में यह दूसरी बार है जब प्रधानमंत्री ने पेगासस, कोविड प्रबंधन, कृषि कानून समेत कई मुद्दों पर संसद के दोनों सदनों में जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे विपक्ष पर निशाना साधा है.

BJP संसदीय दल की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में विपक्ष के हंगामे को लेकर कहा कि यह लोकतंत्र और जनता दोनों का अपमान है. पिछले हफ्ते बीजेपी सांसदों को संबोधित करते हुए भी प्रधानमंत्री ने कहा था कि विपक्षी दल जानबूझकर ऐसा व्यवहार कर रहे हैं ताकि सरकार गतिरोध दूर करने के अपने प्रयासों में सफल ना हो पाए. पीएम ने कहा था कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के इस रवैये की जनता के समक्ष पोल खोलने की आवश्यकता है.

संसद की कार्यवाही में बार-बार रुकावट

मालूम हो कि संसद में विभिन्न मुद्दों पर बार-बार रुकावट देखी जा रही है. संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई को शुरू हुआ था. विपक्षी दलों के लगातार हंगामे की वजह से संसद के कामकाज पर बुरा असर पड़ रहा है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विपक्ष के नकारात्मक रुख से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (27 जुलाई) संसद में लगातार हंगामा करने और कार्यवाही में व्यवधान डालने के लिए कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया था और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसदों से विपक्ष के इस रवैये की जनता के समक्ष पोल खोलने की अपील की थी.

विपक्षी दल पेगासस जासूसी विवाद और तीन कृषि कानूनों सहित अन्य मुद्दों पर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा कर रहे हैं. 19 जुलाई को जब से संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ है, तब से ही विपक्ष लगातार पेगासस और किसानों के मुद्दों पर लोकसभा और राज्यसभा में निरंतर विरोध कर रहा है. हालांकि इस विरोध के बीच कुछ विधेयकों को पारित कर दिया गया है. लेकिन इसके अलावा सदन कोई भी अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने में विफल रहा है. बता दें कि संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त को समाप्त होगा.

‘हम चर्चा के लिए तैयार’

इस बीच, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि हम शुरू से कह रहे हैं कि हम चर्चा के लिए तैयार हैं. एक माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है यह कहकर कि बिल सरकार के हैं. जबकि ये गलत है बिल गरीब लोगों के कल्याण के​ लिए हैं. प्रधानमंत्री की इच्छा है कि सार्थक और समृद्ध चर्चा होनी चाहिए.’ 

वहीं, केंद्र के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूती देने के लिए राहुल गांधी ने लोकसभा और राज्यसभा के 100 से ज्यादा सांसदों को नाश्ते पर बुलाया. दिल्ली के कन्स्टीट्यूशनल क्लब में 17 पार्टियों के 150 नेता मौजूद रहे. जिनके साथ राहुल गांधी की बैठक हुई. ब्रेकफास्ट मीट के बाद विपक्षी फ्लोर लीडर्स की बैठक होगी. जिसमें मानसून सत्र के बाकी बचे दिनों के लिए रणनीति तय की जाएगी.

ब्रेकफास्ट मीट में क्या बोले राहुल

राहुल गांधी की तरफ से बुलाई गई ब्रेकफास्ट मीट में कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, आरजेडी, एसपी, सीपीआईएम, सीपीआई, आईयूएमएल, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), केरल कांग्रेस (एम), झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, टीएमसी और लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) जैसी पार्टियां शामिल हुईं. हालांकि इस मीट में आम आदमी पार्टी शामिल नहीं हुई.

विपक्षी नेताओं के साथ बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि मेरे विचार से सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम इस शक्ति को एक करते हैं. यह आवाज (जनता की) जितनी एकजुट होगी, यह आवाज उतनी ही शक्तिशाली होगी और बीजेपी-आरएसएस के लिए इसे दबाना उतना ही मुश्किल होगा. बता दें कि मंगलवार को संसद की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

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