मध्य प्रदेश: व्यापम घोटाले ने खड़े किए शिवराज सरकार पर सवाल, बीजेपी सरकार ने जांच कराई बंद; कमलनाथ सरकार में दर्ज हुई थी 16 FIR
जो शिकायतें चिन्हित की गई थी उस की जांच में उस समय की तत्कालीन बीजेपी सरकार के कई मंत्री, आईएएस, आईपीएस अफसरों के साथ बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों के नाम सामने आए थे
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हुए व्यापम महाघोटाले (Vyapam Scam) ने एक बार फिर बीजेपी सरकार (Bjp Goverment) को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है. दरअसल व्यापम मामले में सरकार ने जांच बंद कर दी है. जबकि कांग्रेस की सरकार के समय इसी मामले में जांच दोबारा शुरू की गई थी. कांग्रेस के कार्यकाल (Congress) के दौरान कुछ ही महीनों में 16 एफआईआर(FIR) भी दर्ज कर ली गई थीं. अब जब राज्य में बीजेपी की सरकार है तो एक बार फिर इस घोटाले की फाइलें बंद कर दी गई है.
कांग्रेस सरकार के दौरान शुरू जांच में कुल 100 एफआईआर दर्ज होना थीं, लेकिन सरकार जाते ही आंकड़ा महज 16 पर आकर रुक गया और अब फाइल ही बंद कर दी गई है.
बीजेपी सरकार ने लगाया जांच पर ब्रेक
कमलनाथ सरकार ने समय व्यापम घोटाले मामले में सीबीआई जांच के साथ ही एसटीएफ ने भी पेंडिंग शिकायतों के आधार पर दोबारा जांच शुरू की थी. उस दौरान एसटीएफ ने लगभग 16 अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज की थी, जो शिकायतें व्यापम से जुड़ी थीं. उस हिसाब से करीब 100 एफआईआर दर्ज की जानी थी, लेकिन बीजेपी सरकार के आने के बाद व्यापम मामले में जांच ही बंद हो गई है.
500 लोगों को बनाया गया था दोषी
कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद एसटीएफ ने घोटाले की जांच दोबारा शुरू कर दी थी. व्यापम घोटाले मामले में आई 197 पेंडिंग शिकायतों में से 100 को चुना गया था. जिसके बाद एसटीएफ ने 100 शिकायतों पर जांच का काम शुरू कर दिया था. 3 महीने तक लगातार जांच करने के बाद एसटीएफ ने 16 एफआईआर दर्ज की थी. पीएमटी 2008 से लेकर 2011 तक और डीमेट और प्री-पीजी में हुई गड़बड़ियों की शिकायतों पर सबसे पहले एफआईआर दर्ज हुई थी. बता दें कि इन 100 एफआईआर में करीब 500 लोगों को आरोपी बनाया जाना था.
जांच में सामने में आए थे बड़े-बड़े नाम
इन चिह्नित शिकायतों की जांच में उस समय की तत्कालीन बीजेपी सरकार के कई मंत्री, आईएएस, आईपीएस अफसरों के साथ बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों के नाम सामने आए थे. साल 2015 में एसटीएफ से व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई ने अपने हाथ में ले ली थी. बीजेपी की सरकार आते ही एसटीएफ चीफ अशोक अवस्थी और एडिशन एसपी राजेश सिंह भदौरिया को हटा दिया गया. अब व्यापम घोटाले की जांच सिर्फ फाइलों में दफन होकर रह गई है.
कांग्रेस का आरोप नहीं करना चाहती बीजेपी दोषियों पर कार्रवाई
व्यापम घोटाले में जांच फिर से बंद होने के बाद कांग्रेस अब सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार दोषियों पर कार्रवाई नहीं करना चाहती है. कांग्रेस का कहना है कि अगली विधानसभा में इस मामले को उठाया जाएगा.