वैध होने के फायदे…:3 साल पहले चिह्नित 32 अवैध कॉलोनियां फिर होंगी वैध, कॉलोनाइजरों पर एफआईआर भी होगी

  • नपा बिजली, पानी, सड़क की सुविधा देगी, मकान का नक्शा स्वीकृत होने पर बैंक लोन भी मिल सकेगा
  • शिवराज कैबिनेट ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने की दी मंजूरी, गजट नोटिफिकेशन का इंतजार

शहरी क्षेत्र में तीन साल पहले से चिह्नित 32 अवैध कॉलोनी जल्द वैध हो जाएंगी। इन अवैध कॉलानियों को बसाने वाले कॉलोनाइजरों से नगर पालिका विकास शुल्क भी वसूलेगी। यदि विकास शुल्क नहीं दिया तो काॅलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी। इन कॉलोनियों के वैध होने के बाद यहां रह रहे लोगों को नगर पालिका वे सभी सुविधाएं भी मुहैया कराएगी जो वैध कॉलोनी के रहवासियों को मिलती है। सड़क, पानी, बिजली से लेकर निकाय अधिकार क्षेत्र की सभी सुविधाएं इनको मिलना शुरू हो जाएंगीं।

बता दें कि शिवराज सरकार ने साल 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले पूरे प्रदेश में निकाय क्षेत्र की अवैध कॉलोनियों को वैध कर दिया था लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने वैध कॉलोनियों को अवैध घोषित कर दिया था। अब निकाय चुनाव से पहले पुन: अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए कैबिनेट ने बिल को मंजूरी दे दी। हालांकि अभी तक गजट नोटिफिकेशन नहीं हुआ है। गजट नोटिफिकेशन होते ही अवैध कॉलोनियां वैध हो जाएंगीं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि लोगों के अवैध मकान प्रक्रिया के तहत वैध हो जाने से उन्हें बैंक लोन की पात्रता मिल जाएगी। कॉलोनी में नगरीय निकाय के जरिए सड़क, बिजली, पानी की सुविधा मिलने लगेगी।

20 फीसदी तक अधिक निर्माण समझौता शुल्क से होगा वैध: अवैध से वैध हुई कॉलोनियों में यदि तय सीमा से 20% अधिक निर्माण है तो कंपाउंडिंग यानी समझौता शुल्क लेकर उसे वैध मान लिया जाएगा। इससे अधिक निर्माण होगा तो उसे तोड़ा जाएगा। सरकार अब विधेयक को अध्यादेश के माध्यम से लागू करेगी। इसके बाद नियम बनाए जाएंगे, जिसमें अवैध कॉलोनी की कट ऑफ डेट, नियमित योग्य कॉलोनी में इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के लिए कॉलोनाइजर और रहवासियों से कितनी राशि ली जाएगी, यह जानकारी रहेगी। यही नहीं बिना अनुमति निर्माण करने पर काॅलोनाइजर अथवा बिल्डर के खिलाफ 7 साल तक की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना होगा।

अवैध कॉलोनियों में सड़क, बिजली, पानी की समस्या

खेती की जमीन पर काटी गई अवैध कॉलोनियों में मकान बनाकर रह रहे लोग समस्याओं से जूझ रहे हैं। इन कॉलोनियों में न बिजली है, न सड़क है न पानी की पर्याप्त सुविधा। ये लोग जब भी नगर पालिका में शिकायत करने जाते हैं तो अधिकारी इनसे कॉलोनी को अवैध बताकर काम करने से इंकार कर देते हैं। ऐसी ही एक कॉलोनी उनाव रोड स्थित मम्माजू का बाग है। यहां 500 से ज्यादा परिवार रहते हैं लेकिन बिजली की सुविधा नहीं है। अवैध कॉलोनी होने के कारण बिजली कंपनी यहां बिजली सप्लाई नहीं दे रही है। ऐसे में लोग चोरी से बिजली उपयोग कर रहे हैं।

डवलपमेंट चार्ज नहीं देंगे तो कॉलोनाइजर पर एफआईआर कराएंगे

शासन की प्रक्रिया के तहत हम गाइड लाइन तैयार कर रहे हैं। हमने सूची तैयार कर ली है लेकिन गजट नोटिफिकेशन नहीं आया है। जैसे ही दिशा निर्देश प्राप्त होंगे आगे की कार्रवाई शुरू कर देंगे। कॉलोनाइजरों से डवलपमेंट चार्ज वसूल करेंगे। अगर वे चार्ज नहीं देंगे तो एफआईआर दर्ज होगी।
एके दुबे, सीएमओ नगर पालिका

हाईकोर्ट के आदेश के बाद वैध होने के बाद अवैध हो गईं थीं

तीन साल पहले शिवराज सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया की थी लेकिन हाईकोर्ट ने अवैध कॉलोनी को वैध करने की प्रक्रिया वाली धारा 15 (क) को शून्य घोषित कर दिया था। इसके चलते सारी कॉलोनियां फिर अवैध हो गईं। नगरीय विकास विभाग ने अक्टूबर 2020 में धारा 15 (क) को विलोपित कर दिया था।

नपा के रिकॉर्ड में पूरे शहर में सिर्फ एक कॉलोनी वैध

नपा शहर में सिर्फ हाउसिंग बोर्ड काॅलोनी को ही वैध मानती हैं। बाकी सभी कॉलोनियां अवैध हैं। तीन साल पहले नपा ने शहर की 32 कॉलोनियों को अवैध मानकर वैध करने के लिए चिह्नित किया था। इनमें बुंदेला कॉलोनी, हीरानगर कॉलोनी, सिद्धार्थ कॉलोनी समेत तमाम कॉलोनियां शामिल हैं। इन तीन सालों में कॉलोनियां की संख्या बढ़कर 40 तक पहुंच गई हैं। सबसे ज्यादा कॉलोनियां उनाव रोड, भांडेर रोड, सेंवढ़ा रोड, झांसी रोड पर विकसित हुई हैं। कॉलोनाइजरों ने खेती की निजी जमीन को प्लॉटिंग कर बेच दिया। इसके लिए जरूरी प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया।

वैध कॉलोनियों में नक्शे स्वीकृत होंगे, बैंक से लोन मिल सकेगा

अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का संशोधित कानून लागू होने के बाद बने हुए मकानों के नक्शे स्वीकृत होंगे। साथ ही लोग निर्माण के लिए बैंक से लोन भी ले सकेंगे। इन कॉलाेनियों में कई प्लाॅट अभी भी खाली हैं, क्योंकि नक्शे स्वीकृत नहीं होने के कारण बैंक से लोन नहीं मिल पा रहा है।

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