अगले 30 साल को ध्यान में रख बनाई नई डीपीआर:चंबल का पानी ग्वालियर लाने के लिए खर्च होंगे ‌225.88 करोड़ रुपए

चंबल और आसन नदी का पानी ग्वालियर वासियों को पिलाने के लिए नई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है। नई डीपीआर में नदियों से पानी लाने पर 225.88 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। वर्कऑर्डर होने के बाद 15 माह में योजना का काम पूरा करना होगा।

यह योजना 30 साल के लिए बनाई गई है। इससे ग्वालियर को 150 एमएलडी (मिलियन लीटर रोजाना) पानी मिलेगा। इसके लिए मुरैना के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से लेकर मोतीझील के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक 46.29 किलोमीटर लंबी लाइन डाली जाएगी।

एजिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट को आयुक्त और प्रशासक के माध्यम से मप्र शासन को पहुंचाया जाएगा। वहां से स्वीकृति के पश्चात टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। याद रहे नदी से पानी लाने का सपना पिछले कई सालों से दिखाया जा रहा है। पिछले दिनों प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने तत्काल डीपीआर बनाने के निर्देश दिए थे।

नहर का पानी भी उपयोग होगा

अभी जो प्लान बनाया है। उसके मुताबिक आसन नदी का पानी छोंदा पुल के पास से लिया जाएगा। इसके लिए रॉ वाटर का संपवैल बनाया जाएगा। यहां से जरूरत होने पर आसन नदी का पानी भी ग्वालियर को मिलेगा। इस तरह 150 एमएलडी पानी मिलता रहेगा। इसके लिए जल संसाधन विभाग भी तैयार है। इसी में से पानी शहर के अलावा दमकल विभाग, एयरफोर्स, सेना आदि को भी दिया जाता रहेगा।

इनकी लेना होगी स्वीकृत

मोतीझील वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी की लाइन लाने के लिए जल संसाधन विभाग, रेलवे, वन विभाग और एनएचएआई की स्वीकृति लेना होगी।

तैयार हो गई है नई डीपीआर

चंबल नदी से पानी लाने के लिए नई डीपीआर तैयार हो चुकी है। इस पर 225 करोड़ रुपए के आसपास का खर्चा आ रहा है। यह प्लान अगले 30 साल तक के लिए हैं। चंबल नदी के अलावा आसन से भी पानी लेने के लिए योजना बनी है। यदि कभी चंबल से पानी नहीं मिला, तो आसन से ग्वालियर को पानी मिलेगा। -आरएलएस मौर्य, अधीक्षण यंत्री नगर निगम पीएचई

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