झांसी मंडल में दो ट्रेनों में लूटपाट:पुष्पक एक्सप्रेस और इंदौर-पटना एक्सप्रेस में बदमाशों ने की लूटपाट, सिग्नल पर कपडा बांधकर और ट्रैक में सिक्का फंसा कर रोकी गई थी ट्रेनें
झांसी । उत्तर मध्य रेलवे के झांसी रेल मंडल में दो दिन में दो ट्रेनों में बदमाशों ने की लूटपाट मंगलवार को उरई के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस, दूसरे दिन बुधवार को पारीछा आउटर के पास पुष्पक एक्सप्रेस में लूटपाट की वारदातों को अंजाम दिया। यह घटना ट्रैक में सिक्का फंसा कर और सिग्नल पर गीली मिट्टी से लिपटा कपड़ा बांध कर ट्रेनों को रोककर की गई है। पुष्पक एक्सप्रेस में एक महिला के गले से मंगलसूत्र छीना, जबकि दूसरे कोच में दो महिलाओं के गले से जंजीर छीनने की कोशिश की। इस वजह से पुष्पक एक्सप्रेस करीब 50 मिनट तक वहीं पर खड़ी रही। ट्रेनों में हो रही लूटपाट को लेकर सिविल, जीआरपी और आरपीएफ के अफसर परेशान नजर आ रहे हैं। घटना के संबंध में झांसी रेल मंडल के पीआरओ मनोज कुमार ने बताया कि दोनों घटनाओं की जांच की जा रही है। इस बारे में जो भी जानकारी होगी आगे बताई जाएगी
पुष्पक एक्सप्रेस में लूटपाट
बुधवार की रात 02533 पुष्पक एक्सप्रेस लखनऊ से चलकर मुंबई की ओर जा रही थी। इस ट्रेन के एस-9 कोच की सीट क्रमांक 12 पर उन्नाव निवासी माधुरी चौधरी मुंबई जा रही थी। जैसे ही ट्रेन पारीछा आउटर का होम सिग्नल पार कर रही थी, तभी चालक की नजर लाल सिग्नल पर गई। ब्रेक लगाकर उसने ट्रेन को रोक लिया। ट्रेन के रुकते ही, झाड़ियों में छिपे चार-पांच बदमाश आए और एस-9 की सीट -12 पर बैठी माधुरी चौधरी के गले से मंगलसूत्र छीन लिया। तभी दो बदमाशों ने एस-13 कोच में सवार दो महिलाओं के गले से सोने की जंजीर छीनने का प्रयास की । रेल यात्रियों को शोर मचाने पर ट्रेन में चल रहा जीआरपी स्क्वायड भी वहां पहुंचा, तब तक बदमाश वहां से भाग गए। बदमाशों की संख्या चार-पांच बताई गई। उधर, इंजन से बाहर निकलकर चालक ने देखा तो ट्रैक पर सिक्का फसा रखा था, जबकि सिग्नल को मिट्टी लगे कपड़े से बांध दिया था। इस घटना से आक्रोशित रेल यात्रियों ने हंगामा शुरु कर दिया। करीब 50 मिनट बाद ट्रेन रवाना हुई। जैसे ही ट्रेन स्थानीय रेलवे स्टेशन पर खड़ी हुई तो जीआरपी व आरपीएफ फोर्स ने पीड़ित रेल यात्रियों से बात की। इस मामले में माधुरी चौधरी ने लिखित शिकायत जीआरपी को दी। जीआरपी ने मुकदमा दर्ज कर लिया। लगातार दो दिनों से ट्रेनों में हो रही लूटपाट से जीआरपी और आरपीएफ के परेशान है।
इंदौर-पटना एक्सप्रेस में लूटपाट
बताया गया है कि 24 अगस्त की रात लगभग 2:50 पर उरई के पास आप होम सिग्नल को बदमाशों ने ट्रैक पर सिक्का फसा कर ड्रॉप कर दिया जिसके कारण गाड़ी संख्या जीरो 932 होम सिग्नल पर खड़ी हो गई। कोच संख्या 17 और 20 वर्ष लखनऊ से इंदौर की ओर यात्रा के दौरान सरसों की रेलवे स्टेशन के पहले अचानक गाड़ी के रुकते ही बदमाशों ने खिड़की से हाथ महिला के गले से मंगलसूत्र खींच कर भाग गया . इसके अलावा एस-8 सीट-49 पर यात्रा कर रही महिला अंजली और एस-7 बर्थ सीट-71 पर दीपांशी तिवारी के गले से मंगलसूत्र खींच लिया। जीआरपी को तीनों यात्रियों ने लिखित शिकायत की घटनाक्रम की जांच और बदमाशों की तलाश की जा रही है।
टेक्निकल जानकारी है बदमाशों को
स्टेशन मास्टर के अनुशार रेलवे ट्रैक पर सिक्का फंसा कर ट्रेन रोकी गई थी। मगर जानकारों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल का चलन बढ़ने के कारण ऐसी कोई भी ट्रिक अब नाकाम रहती हैं।आशंका ये भी जताई जा रही है कि बदमाशों ने पहले सिग्नल में कोई टेक्निकल छेड़छाड़ की होगी। लेकिन ये स्पष्ट हो चुका है कि इस सब में कोई ऐसा शख्स भी शामिल है, जिसे टेक्निकल जानकारी है।
ऐसे करते है कारनामा
सूत्र बताते हैं कि आरोपी पहले से ट्रेनों का टाइमिंग पता कर रखते हैं और सेक्शन के बीच ऐसे ट्रैक सर्किट खोज कर रखते है जहां सिग्नल लगे होते है। साथ ही नेट पर विभिन्न एप के जरिये लाइव रनिंग स्टेटस से ट्रेन को ट्रैक करते रहते हैं और ट्रेन के आने से पहले ही अपने द्वारा चुने ट्रैक सर्किट सिग्नलिंग पॉइंट पर खड़े रहते हैं। ट्रैक सर्किट ऑटोमेटिक रेड हो जाता है ताकि उसके पीछे आने वाली ट्रेन के बीच में गैप मेंटेन रहे। लेकिन सर्किट में अगर किसी धातु या सिक्के को फंसा दिया जाए तो ऐसे में सिग्नल रेड हो जाता है और स्टेशन मास्टर को संकेत मिलता है कि ट्रैक में फेलियर या फ्रैक्चर की समस्या है जिससे ट्रेन रोक दी जाती है।