प्रयागराज में अवैध खनन की उच्च स्तरीय जांच के आदेश:सिलिका सैंड के अवैध खनन की शिकायत पर NGT ने कड़ा रुख अपनाया
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने प्रयागराज में सिलिका सैंड के अवैध खनन की शिकायत को गंभीरता से लिया है। अधिकरण ने प्रयागराज के शंकरगढ़ और आसपास के इलाकों में अवैध सिलका खनन की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
यह आदेश प्रयागराज के देवदास खत्री की अर्जी पर अधिकरण के चेयरमैन न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉक्टर नागिन नंदा की तीन सदस्यीय पीठ ने दिया है। पीठ ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , स्टेट एनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी और जिलाधिकारी प्रयागराज की संयुक्त कमेटी गठित कर मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। केंद्र और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसमें नोडल एजेंसी की तरह काम करेंगे।
मुख्य मुख्य बिंदु
- NGT ने इन सभी एजेंसियों को अपने उच्च पदस्थ अधिकारियों को जांच के लिए नामित करने का निर्देश दिया है।
- कमेटी को 15 दिन के भीतर बैठक कर मौके पर जाकर निरीक्षण करना होगा।
- जांच कमेटी इस मामले से जुड़े सभी पक्षों से संपर्क करे और वैधानिक अधिकारों का प्रयोग करे।
- कमेटी को अपनी जांच व की गई कार्रवाई से तीन माह में अधिकरण को अवगत कराना होगा।
क्या है शिकायत में
- प्रयागराज के शंकरगढ़, परवेजबाद, लालापुर, जनवा, धारा आदि इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन।
- सिलिका वाशिंग प्लांट में भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन हो रहा है।
- गैर वैज्ञानिक तरीके से किए जा रहे खनन के कारण क्षेत्र के पर्यावरण व जन स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।