इंदौर में छात्रवृत्ति घोटाला:लोकायुक्त को पता नहीं किस कोर्ट में पेश करें चालान, 39 पैरामेडिकल कॉलेजों के खिलाफ हुआ था केस दर्ज

करीब 7 साल में तीन पैरामेडिकल कॉलेजों में हुए स्कॉलरशिप घोटाले की जांच पूरी हो पाई। जांच में पता चला था कि एक ही छात्र के नाम से कई कॉलेजों ने स्कॉलरशिप हासिल कर ली, जबकि उस छात्र ने एडमिशन भी नहीं लिया था। लोकायुक्त ने 2014 में पैरामेडिकल कॉलेजों में हुए घोटालों को लेकर केस दर्ज करना शुरू किए थे। करीब 39 मामले दर्ज हुए।

लोकायुक्त अधिकारियों ने कहा- जल्द पेश होगा चालान
मामले में एक माह पहले लोकायुक्त ने इनमें से पायोनियर इंस्टिट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस, जी मालवा कॉलेज, रितुन्जय इंस्टिट्यूट के खिलाफ जांच पूरी कर ली है। चालान लगाने की तैयारी है। कोर्ट में जज के छुट्टी पर होने से एक बार चालान पेश नहीं हो सका। यह भी तय नहीं हो पा रहा है कि पैरामेडिकल के मामले में चालान विशेष न्यायालय में लगाए जाएं या फिर अन्य कोर्ट में। इसके चलते मामला उलझा हुआ है। लोकायुक्त के अधिकारियों का कहना है कि मामले में जल्द चालान पेश हो जाएगा।

कॉलेजों ने जिन छात्रों की स्कॉलरशिप निकाली, लोकायुक्त अफसरों ने उन तक पहुंचकर बयान लिए। एक छात्र से पता चला कि उसने किसी भी पैरामेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं लिया था। इसके बाद भी अलग- अलग कॉलेजों से स्कॉलरशिप जारी हो गई। तीनों कॉलेजों को लेकर ऐसी गड़बड़ी सामने आई। चालान को नोटिस देने के बाद संचालकों में हड़कंप गया। उन्होंने अग्रिम जमानत की याचिका भी लगा दी। दो मामलों में याचिका निरस्त भी हो गई है।

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