हाई कोर्ट का बड़ा फैसला:फांसी की सजा को पलटा, आरोपी बरी, जांच अधिकारी पर चलेगा केस
- बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सत्र न्यायालय विदिशा के साढ़े चार वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में फांसी की सजा के आदेश को निरस्त कर रवि मालवीय को बरी कर दिया। कोर्ट ने आदेश में कहा- इस मामले में पुलिस ने साक्ष्य एकत्रित करने के स्थान पर कृत्रिम साक्ष्य तैयार किए हैं। इसलिए जांच अधिकारी संजीव चौकसे, तत्कालीन एएसआई एसएनएस सोलंकी, गवाह कमलेश आदिवासी, बलवीर सिंह, पूजा किरार, संजय परिहार, कोक सिंह, रुकमणी, किरन उर्फ भूरी उर्फ रिहाना पर मुकदमा दर्ज करें। आरोपी की ओर से पैरवी एडवोकेट पदम सिंह और विजयदत्त शर्मा ने की।
दुष्कृत्य और हत्या के आरोपी की फांसी की सजा निरस्त कर अंतिम सांस तक जेल में रखने का आदेश
10 वर्षीय बालक के साथ दुष्कृत्य और पत्थर से कुचलकर हत्या करने के आरोपी योगेश नाथ को अब फांसी नहीं होगी। 16 सितंबर 2020 में योगेश को सत्र न्यायालय ने फांसी की सजा दी थी, जिसके खिलाफ उसने अपील की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा- कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा देने के प्रश्न पर प्रभावी तरीके से पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया। रिकॉर्ड के अवलोकन से स्पष्ट है कि आरोपी की आयु 25 साल है। कोर्ट ने आरोपी को वैकल्पिक सजा देने के बिंदु पर विचार नहीं किया।