gwalior … जनसुनवाई अनलॉक…:कलेक्टोरेट पहुंचे बाढ़ पीड़ित बोले- साहब, मकान, खेत, फसल सब उजड़ गया, राहत के नाम पर कुछ नहीं मिला, सरपंच, सचिव, पटवारी कर रहे मनमर्जी, सिलावट बोले-अन्याय नहीं होने दूंगा

  •  डेढ़ साल बाद कोविड केस कम होने पर विभागों में शुरू हुई है औपचारिक जनसुनवाई

प्रदेश में कोविड के बाद अब जनसुनवाई भी अनलॉक हो गई है। विभागों में शिकायतों को सुना जा रहा था,लेकिन अब औपचारिक रूप से जनसुनवाई शुरू हो चुकी है। जन सुनवाई शुरू होते ही मंगलवार को ग्वालियर कलेक्टोरेट में बाढ़ पीड़ित अपनी फरियाद लेकर पहुंचे हैं। भितरवार के पवाया ब्लॉक निवासी करीब 65 परिवार के लोग कलेक्टोरेट पहुंचे हैं।

यहां लोगों ने आर्थिक सहायता नहीं मिलने का आरोप लगाया है। गांव के लोगों का कहना है कि जमीन, मकान,फसल और पूरी गृहस्थी उजड़ गई है, पर सहायता के नाम पर अभी तक 10 किलो आटा ही मिला है। गांव के लोगों ने सरपंच, सचिव और पटवारी पर मनमर्ची करने का आरोप लगाया है। आरोप लगाया है कि अपनी मर्जी से सहायता बांट रहे हैं। अपने लोागें को फायदा पहुंचा रहे हैं। इस मामले में प्रभारी मंत्री सिलावट ने कहा है किसी के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा।

लंबे समय बाद कलेक्टोरेट में जनसुनवाई हुई, जिसमें लोगों ने अपनी समस्याओं पर अफसरों को अवगत कराया
लंबे समय बाद कलेक्टोरेट में जनसुनवाई हुई, जिसमें लोगों ने अपनी समस्याओं पर अफसरों को अवगत कराया

ग्वालियर 2 व 3 अगस्त की दरमियानी रात सिंध,पार्वती, नोन नदी में आए उफान आने के बाद डबरा-भितरवार सर्कल के 46 गांव के हजारों लोग प्रभावित हुए थे। बाढ़ में लोगों के मकान, खेत, फसल व गृहस्थी का सामान और मवेशी तक बह गए थे। लोग तिरपाल तानकर रहने को विवश हैं। सरकार और प्रशासन दावा कर रहा है कि हमने बाढ़ पीड़ितों को प्राथमिक सहायता उपलब्ध करा दी है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है जो मंगलवार को कलेक्टोरेट की जनसुनवाई में दिखाई दी। यहां भितरवार के पवाया ब्लॉक के बाग के डेरा के 21 परिवार, कुंदार के डेरा के 32 परिवार सहित कुल 65 परिवार के लोग आए हैं।

पीड़ित परिवारों का यह आरोप

– पवाया निवासी कल्याण सिंह ने शिकायत में बताया कि हमें सहायता के नाम पर कुछ नहीं मिला है। आज बाढ़ को आए करीब 50 दिन से ज्यादा हो गए हैं। मिला क्या है सिर्फ 10 किलो आटा, पांच लीटर मिट्‌टी का तेल, नमक की थैली। इसके अलावा कुछ सहायता नहीं मिली। दस किलो आटा कितने दिन चलेगा सरकार बताए। पवाया निवासी दीपक ने बताया कि सरपंच मुकेश, सचिव केशव शर्मा, उपसचिव वंदना, पटवारी कोकसिंह, यह लोग अपने लोगों को फायदा पहुंचा रहे हैं। इतना ही नहीं जिनका 10 या 20 प्रतिशत नुकसान हुआ है उनको ज्यादा से ज्यादा राहत राशि मिल गई। हमारा सब कुछ बह गया। हम 50 दिन से तिरपाल में रहे रहे हैं। हमे एक रुपया तक नहीं मिला है। इस पर जनसुनवाई ले रहे एडीएम रिंकेश वैश्य ने पूरे मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है। साथ ही सभी के नाम नोट कर उनकी राहत राशि के संबंध में चर्चा करने के बाद निर्णय लेने के लिए कहा है।
जनसुनवाई में पहुंचे लोग
मंगलवार से प्रदेश सहित ग्वालियर में जनसुनवाई अनलॉक हुई है। जिस कारण जिला प्रशासन,नगर निगम, पुलिस की जन सुनवाई मंे सैकडों की संख्या में लोग अपनी शिकायत लेकर पहुंचे हैं। सबसे ज्यादा शिकायतें घरेलु और पड़ोसियों के बीच झगड़े, उसके बाद सम्पत्ति विवाद की हैं।
बाढ़ पीड़ितों के साथ अन्याय नहीं होगा
– जिनको सहायता नहीं मिली हैं उनकी जांच कराऊंगा। जो अतिवृष्टि से प्रभावित हैं उनको हर हाल में सहायता प्रदान की जाएगी। शिवराज सरकार उन लोगों के साथ हर हाल में खड़ी है। मैं पूरे मामले को दिखवा लेता हूं।
तुलसीराम सिलावट, जल संसाधन व प्रभारी मंत्री

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