‘भोपाल एम्स के डिप्टी डायरेक्टर ने फार्मासिस्ट से घूस मिलने से पहले ही बिल पास कर दिया, दादा वकील और पिता एएसपी रहे

बेईमानी में भी ‘ईमानदारी….

अब तक की जांच में 2 करोड़ की संपत्ति का खुलासा

एक लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार एम्स भोपाल के डिप्टी डायरेक्टर ( प्रशासन) धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने बेईमानी में भी ईमानदारी दिखाई। जांच में खुलासा हुआ कि धीरेन्द्र को फार्मासिस्ट पर इतना भरोसा था कि वाट्सएप काॅलिंग पर रिश्वत की डील होने के बाद उसका 40 लाख रुपए का बिल पास कर दिया था।

बिल पास करने के बाद वह रिश्वत लेने शाहपुरा अपने घर के पास पहुंचा था। जहां, सीबीआई ने 1 लाख रुपए लेते ट्रैप कर लिया। अब तक की जांच में धीरेन्द्र के पास करीब दो करोड़ रुपए की संपत्ति होने का पता चला है। इससे अधिक संपत्ति का खुलासा हो सकता है। जांच एजेंसी ने बैंक से धीरेन्द्र व उसके परिवार की डिटेल मांगी है।

सीबीआई रविवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी। बता दें, शनिवार को सीबीआई ने एम्स के डिप्टी डायरेक्टर को 1 लाख रुपए लेते हुए दबोचा था। सीबीआई एसपी पीके पाण्डेय ने लोगों से अपील कि रिश्वत लेने वाले लोगों की सीबीआई से तुरंत शिकायत करें।

दादा अंग्रेजों के जमाने के वकील, पिता एएसपी रहे

धीरेन्द्र मूलत: रीवा के रहने वाले हैं। उनके पिता जय सिंह मध्यप्रदेश पुलिस में एएसपी के पद से रिटायर्ड हुए थे। जय सिंह की मौत हो चुकी है। धीरेन्द्र के दादा अंग्रेजों के जमाने में वकील रहे हैं। धीरेन्द्र की रीवा में भी पैतृक संपत्ति है। धीरेन्द्र के दो बेटे हैं। एक बेटा ग्वालियर डीपीएस में पढ़ता है, जबकि दूसरा बेटा जबलपुर में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है। पत्नी गृहणी हैं।

बोला- ससुर ने दिए 7 लाख रुपए

सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि धीरेन्द्र जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह जांच को प्रभावित करने के लिए लगातार गुमराह कर रहा है। उसकी ब्रीफकेस से बरामद हुए 7 लाख रुपए के बारे में बताया कि उसके ससुर ने पैसा दिया था। ससुर उसके वकील रहे हैं। इसी साल कोरोना काल में उनकी मौत हो गई थी। सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि म्यूचुअल फंड में निवेश किए गए 80 लाख रुपए की जानकारी भी जुटाई जा रही है।

IIITM ग्वालियर, AMPRI, IIFM में रहे पदस्थ

धीरेन्द्र सिंह IIITM ग्वालियर में डिप्टी रजिस्ट्रार रहे। इसके बाद वर्ष 2017 में प्रमोशन पाकर वह जॉइंट रजिस्ट्रार बन गए। इसी बीच अप्रैल 2017 में डिपुटेशन में IIFM भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ रहे। वर्ष 2005 में वह एडवांस मटेरियल एण्ड प्रोसेस रिसर्च इंस्टीट्यूट (AMPRI) भोपाल में सेक्शन ऑफिसर रहे। दिसंबर 2020 में एम्स डिप्टी डायरेक्टर बने।

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