भाजपा में शामिल नेताओं हाशिए पर ..
भाजपा में शामिल 63 नेताओं में 56 हाशिए पर ..
कांग्रेस छोड़कर गए सिंधिया सहित 7 नेताओं को ही अहम जिम्मा; बाकी वेटिंग में
कमलनाथ परिवार के भाजपा में शामिल होने की सुगबुगाहट के बीच एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। 18 फरवरी को सामने आई इस सूची में ऐसे भाजपा नेताओं के नाम थे, जो कांग्रेस छोड़कर आए हैं। दावा किया गया था कि जब ये कांग्रेस में थे तो पर्याप्त सम्मान मिलता था। अब भाजपा में हाशिए पर हैं।
पता लगा कि पिछले 5 साल में भाजपा में गए 63 नेताओं में 56 हाशिए पर हैं। 7 नेता ही मंत्री या विधायक हैं।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नेताओं की तीन बिंदुओं पर पड़ताल की गई। पहला- क्या भाजपा में वे हाशिए पर हैं? दूसरा- भाजपा में अभी क्या दायित्व मिला? और तीसरा ये कि ये नेता खुद क्या सोचते हैं?
कई पूर्व विधायकों को टिकट भी नहीं मिला
पिछले पांच साल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए अधिकतर नेताओं को प्रदेश कार्यसमिति में तो कुछ को जिला संगठन में समायोजित किया गया है। कई पूर्व विधायकों को इस बार पार्टी ने टिकट से भी वंचित कर दिया। इसके बावजूद वे ये कहकर अपना बचाव कर रहे हैं कि भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। यहां कब किस कार्यकर्ता की किस्मत पलट जाए, कहा नहीं जा सकता। कांग्रेस में तो कोई भी पद और दायित्व बड़े नेताओं या फिर उनके बेटे को सौंपा जाता है।



पूर्व विधायक बोले- कांग्रेस अंतर्कलह और नेता के कारण गुमराह
कांग्रेस से भाजपा में गए श्योपुर जिले के पूर्व विधायक बृजराज सिंह ने कहा कि भाजपा ने हमें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है। इससे बड़ा सम्मान और क्या मिलेगा? ज्योतिरादित्य सिंधिया जी के साथ भाजपा में आया था। किसी भी पार्टी में एक साथ सभी को टिकट देना या पदों की जिम्मेदारी देना संभव नहीं है। यहां हर कार्यकर्ता को उसकी योग्यता के अनुसार पद और सम्मान दिया जाता है। कांग्रेस अपने अंतर्कलह और अपने शीर्ष नेता (राहुल गांधी) के कारण गुमराह है।
कांग्रेस का दावा झूठा, खुद उनके लोगों से पूछो- वे कितने खुश हैं
डबरा की पूर्व विधायक इमरती देवी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुई थीं। उपचुनाव और 2024 विधानसभा चुनाव में हार गईं। कांग्रेस के दावे पर बोलीं कि भाजपा में मेरा पूरा सम्मान हुआ। बिना मांगे लघु उद्योग निगम का अध्यक्ष बनाया। कांग्रेस के लोगों से पूछो कि वे कितने खुश हैं? भाजपा में जहां भी जाओ, पूछ-परख होती है। कमलनाथ से तो आम कार्यकर्ता सीधे मिल भी नहीं सकता। कल को वे भाजपा में आते हैं, तो उनका भी स्वागत है।
कार्य संस्कृति में अंतर, सम्मान पाना या न पाना खुद पर निर्भर
सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए विदिशा के पूर्व मंत्री रघुवीर सिंह ने कहा कि मान-सम्मान पाना अपने ऊपर होता है। भाजपा में सभी के कार्य और दायित्व तय हैं। दोनों पार्टियों की कार्य संस्कृति में बहुत अंतर है।
कांग्रेस में टूटन से उसके नेता घबराहट में मनगढ़ंत बातें कर रहे हैं।
जहां हमारे नेता, वहां हम खुश, दायित्व भी मिल ही जाएगा
शिवपुरी जिले की रहने वाली पूर्व विधायक शकुंतला खटीक कहती हैं कि मैं तो सिंधिया जी के साथ भाजपा में शामिल हुई थी। महाराज को सम्मान मिला, वो ही मेरे लिए बड़ी बात है। भाजपा में बहुत मान-सम्मान है, यहां कोई दिक्कत नहीं है। जहां हमारे नेता हैं, वहां पर हम हैं। रही बात दायित्व की, तो वो भी मिल जाएगा।
अशोकनगर के पूर्व विधायक जजपाल सिंह ने कहा कि कांग्रेस में था, तो कौन सा सम्मान मिल रहा था। वैसे भी अभी मेरे भाई का स्वास्थ्य खराब है। कौन सी सूची वायरल हुई है, इसकी जानकारी नहीं है। इस कारण टिप्पणी करना सही नहीं होगा।
कांग्रेस अपनी चिंता करे, देश कांग्रेस मुक्त होने की राह पर
मुरैना से कांग्रेस के पूर्व विधायक राकेश मावई भी अब भाजपा में आ चुके हैं। वे कहते हैं कि कांग्रेस को आखिर भाजपा नेताओं की चिंता क्यों होने लगी? कांग्रेस से अधिक भाजपा में सम्मान है। कांग्रेस वाले सोशल मीडिया या अखबार नहीं देख रहे हैं। देश कांग्रेस मुक्त हो रहा है। वे अपनी चिंता करें, हमारी चिंता न करें।
इंदौर के भाजपा नेता कमलेश खंडेलवाल कहते हैं कि हम लोग उपेक्षित हैं या सम्मान मिल रहा है, इसकी चिंता कांग्रेस को क्यों हो रही है? राजनीति में मैं किसी अपेक्षा से नहीं आया हूं। भाजपा में रहकर समाज सेवा कर खुद को गौरवान्वित महसूस करता हूं। भाजपा में कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान की रक्षा होती है और उचित अवसर दिया जाता है। कांग्रेस में चुनिंदा परिवार के लोगों के लिए ही अवसर मिलता है।
पद की लड़ाई में रहने वालों को लगता होगा कि हम हाशिए पर
उज्जैन से पूर्व विधायक राजेंद्र भारती ने कहा- सबसे बड़ी बात है कि सम्मान की क्या परिभाषा है? मैं प्रदेश कार्यसमिति में सदस्य हूं। भाजपा में कार्यकर्ताओं को पार्टी की प्राथमिकता के आधार पर काम सौंपा जाता है। हर कार्यकर्ता का आंकलन कर उसे बढ़ाया जाता है। कांग्रेस में इसी बात का असंतुलन है।
रतलाम से पूर्व विधानसभा प्रत्याशी केके सिंह कालूखेड़ा बोले- भाजपा में पूरा सम्मान है। भाजपा की वर्किंग कार्यकर्ता बेस की है। यहां हर कार्यकर्ता को आगे बढ़ने का अवसर रहता है। कांग्रेस में कोई सिस्टम ही नहीं है। मुझे प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया है।
भाजपा कैडर बेस पार्टी, समय के साथ मौका मिलेगा
सागर से पूर्व विधानसभा प्रत्याशी नेवी जैन ने कहा कि भाजपा की कार्यप्रणाली में कार्यकर्ताओं को अधिक महत्व मिलता है। भाजपा कैडर बेस पार्टी है। हमें भी पर्याप्त सम्मान मिलता है। अभी कोई दायित्व नहीं सौंपा गया है। समय के साथ मौका मिलेगा।
सागर से कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत बताते हैं कि भाजपा विश्व की अनुशासित पार्टी है। देश के नेता पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन यादव, सबका सम्मान है। कांग्रेस पार्टी दिशाहीन हो चुकी है। इसकी वजह से ही लोग इधर-उधर भाग रहे हैं। मुझे जिला पंचायत अध्यक्ष बना दिया, इससे बड़ा सम्मान क्या होगा?
दमोह से पूर्व विधायक राहुल लोधी ने कहा- कांग्रेस और उसके नेता पूर्णत: दिशाहीन हैं। क्या करना है, पता नहीं? कांग्रेस को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। वो कहां थी और कहां पहुंच गई? भाजपा में छोटे से छोटा कार्यकर्ता भी महत्वपूर्ण है और उसे भी पीएम-सीएम जितना ही सम्मान दिया जाता है।
कांग्रेस से भाजपा में आए ये नेता अहम पदों पर
प्रद्युम्न सिंह तोमर- कांग्रेस में रहते हुए भी मंत्री थे। भाजपा में भी मंत्री बनाए गए हैं। एकमात्र मंत्री हैं, जिसे पिछला ऊर्जा विभाग मिला है।
तुलसी सिलावट- सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए। पार्टी से विधायक हैं और प्रदेश सरकार में फिर मंत्री बनाए गए हैं।
गोविंद सिंह राजपूत- सिंधिया समर्थक हैं। पिछली बार भी मंत्री थे। इस बार भी मंत्री बनाए गए हैं।
बिसाहूलाल सिंह- अनूपपुर से विधायक हैं। पिछली बार मंत्री थे। इस बार टिकट पर संशय था, लेकिन पार्टी ने फिर मौका दिया।
जगत बहादुर सिंह अन्नू- जबलपुर के महापौर हैं। भाजपा में शामिल हुए। यहां भी महापौर हैं। नई एमआईसी का गठन अभी बाकी है।