gwa,,,,,भू माफिया कर रहे खुर्दबुर्द:एक हजार के स्टांप पर लाखों की सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त, आरआई-पटवारी ने पकड़े, केस दर्ज

  • डबरा व भितरवार शहर में करोड़ों की सरकारी जमीन भू माफिया कर रहे खुर्दबुर्द
  • माफिया द्वारा नोटरी के आधार पर बेची जा चुकी है लाखों की सरकारी जमीन

भितरवार शहर में लाखों रुपए की सरकारी जमीन की नोटरी के आधार पर खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत मिलने पर मौके पर पहुंचे आरआई व पटवारी ने जांच की तो जिस जमीन की नोटरी कराई जा रही थी वह सरकारी निकली।

इसके बाद जमीन खरीदने वाले और बेचने वाले के खिलाफ पुलिस थाने में केस दर्ज कराया गया है। हालांकि डबरा और भितरवार में इस तरह से करोड़ों की सरकारी जमीनों को बेचा जा चुका है, जिस पर मकान भी बन चुके हैं। लेकिन इन लोगों के खिलाफ प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की जा रही है।

दरअसल भितरवार कस्बे में वार्ड क्रमांक 5 में शासन रोड पर सर्वे क्रमांक 542 की जमीन की नोटरी के आधार पर खरीद-फरोख्त की जा रही थी। इस अवैध बिक्री की शिकायत कुछ लोगों ने तहसीलदार श्यामू श्रीवास्तव से की। जिसके चलते तहसीलदार ने आरआई व पटवारी को मौके पर जाकर जांच करने के लिए कहा। राजस्व टीम जब बताए गए मौके पर पहुंची तो जमीन की 1 हजार रुपए के स्टांप पर लिखा पढ़ी की जा रही थी।

उक्त जमीन का सर्वे नंबर मिलाया तो निकली सरकारी

उक्त जमीन के सर्वे नंबर का जब मिलान किया गया तो वह सरकारी निकली। उक्त भूमि की बाजारु कीमत ₹6 लाख है। जिसके चलते जमीन बेच रही कलियाबाई कुशवाह पत्नी किशोरी लाल कुशवाहा निवासी चक रामपुर नरवर और जमीन खरीद रहे लक्ष्मी नारायण गौड़ पुत्र किशनलाल गौड़ निवासी वार्ड क्रमांक 4 भितरवार के खिलाफ पुलिस थाना में मामला दर्ज कराया गया।

शिकायत के बाद भी नहीं होती माफिया पर कार्रवाई

नगर परिषद अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों के पास शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किए जाने की शिकायतें तो काफी संख्या में आती है। लेकिन अधिकारियों द्वारा जमीन को माफिया के चंगुल से कब्जा मुक्त कराने की कार्यवाही नहीं की जाती है। यही वजह है कि भू माफिया सरकारी जमीन पर कब्जा कर पक्का निर्माण कर लेते हैं। और बाद में यह रुपए लेकर दूसरों को बेच दी जाता है।

शिकायत के बाद भी नहीं होती माफिया पर कार्रवाई

नगर परिषद अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों के पास शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किए जाने की शिकायतें तो काफी संख्या में आती है। लेकिन अधिकारियों द्वारा जमीन को माफिया के चंगुल से कब्जा मुक्त कराने की कार्यवाही नहीं की जाती है। यही वजह है कि भू माफिया सरकारी जमीन पर कब्जा कर पक्का निर्माण कर लेते हैं। और बाद में यह रुपए लेकर दूसरों को बेच दी जाता है।

ऐसे करते हैं भू माफिया सरकारी जमीन पर कब्जा

भू-माफियाओं द्वारा खाली पड़ी सरकारी जमीनों पर पहले टाट पट्टी की झोपड़ी बनाई जाती है। धीरे-धीरे यह झोपड़ी पत्थरों से बन जाती है। इसके बाद इस जगह पर पक्का मकान बना लिया जाता है। बाद में से अच्छी खासी रकम लेकर बेच दिया जाता है। शहर की पार्वती नदी के किनारे की पहाड़ी पर भू माफियाओं द्वारा इसी तरह झोपड़ी बनाकर कब्जा कर से अच्छे खासे दामों में लोगों को बेच दिया गया। वर्तमान में पहाड़ी पर काफी संख्या में मकान बन चुके हैं।

सरकारी जमीन बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई करेंगे

सरकारी जमीन की नोटरी के आधार पर खरीद-फरोख्त की शिकायत मिली थी। आरआई-पटवारी को मौके पर भेजा तो यह मामला सही निकला। जिसके चलते सरकारी जमीन खरीदने वाले और बेचने वाले दोनों के खिलाफ पुलिस थाने में केस दर्ज कराया है। शहर में जहां भी सरकारी जमीन बेची या खरीदी गई है उनके खिलाफ भी इसी तरह मामला दर्ज कराया जाएगा।
श्यामू श्रीवास्तव, तहसीलदार, भितरवार

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