मध्य प्रदेश में मंजूरी बिना कॉलोनी नहीं बना सकेंगे बिल्डर

मध्य प्रदेश में अवैध कॉलोनियां विकसित होने से रोकने के लिए राज्य सरकार ‘मध्य प्रदेश नगरपालिका (कॉलोनी विकास) नियम 2021’ ला रही है। इसके तहत बिल्डर नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त की मंजूरी के बगैर न तो कॉलोनी विकसित कर सकेंगे और न ही कॉलोनी के भूखंड बेच सकेंगे। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मसौदा तैयार कर लिया है। इसे जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। नए नियम लागू होने के बाद बिल्डर को कॉलोनी विकसित करने की मंजूरी लेनी होगी और मंजूरी मिलने के पांच साल के अंदर आंतरिक विकास कार्य पूरे करने होंगे। भवन निर्माण की मंजूरी तभी मिलेगी, जब बिल्डर ने कॉलोनी विकसित करने की मंजूरी ली हो। प्रदेश में अवैध कॉलोनी आकार न लें। इसलिए सरकार नियमों को सख्त कर रही है।

नए नियमों में अवैध कॉलोनी विकसित होने पर आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं आवास विकासकर्ता या भूमि-स्वामी को 15 दिन का नोटिस देकर विकास कार्य रोकने के निर्देश देगा। संतोषजनक जवाब न आने पर 15 दिन का नोटिस निर्माण कार्य रोकने के लिए देगा। साथ ही कॉलोनी में विक्रय अनुबंध पत्रों के पंजीयन पर रोक लगाने के लिए सार्वजनिक सूचना के माध्यम से आमजन को चेतावनी देगा।

वहीं रजिस्ट्रेशन होने के बाद कॉलोनी की मंजूरी की सूची अखबारों में प्रकाशित कराएगा और विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड भी कराएगा। इतना ही नहीं, बिल्डर गलत जानकारी देकर रजिस्ट्रीकरण कराने में सफल होता है तो प्राधिकारी उसे रद कर सकेगा। वहीं बिल्डरों के काम के आधार पर सक्षम प्राधिकारी बंधक संपत्ति को मुक्त करेगा। मसलन 50 फीसद काम पर 50 फीसद भवन या भूखंड मुक्त करेंगे।

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