अशोका गार्डन के पास पेंटर गैंग के गुर्गों ने बाप-बेटे को तलवार मारी; खौफ पैदा करने के लिए जहरीला, सिक्स राउंड, कचौड़ी जैसी उर्फियत का इस्तेमाल
राजधानी में फिर गुंडागर्दी
भोपाल के अशोका गार्डन इलाके में चेहरे पर थूक के छींटे पड़ने से मना करने पर जूनियर पेंटर गैंग के गुर्गों ने दिनेश राय और उसके बेटे गुलशन पर तलवार से जानलेवा हमला कर दिया। इसके पहले भी तलवारबाजी और फायरिंग के मामले सामने आ चुके हैं। इन वारदातों में आरोपियों के नाम पेंटर, पाउडर, लूली जैसे सामने आए। लूली पर 45 केस दर्ज हैं। दैनिक भास्कर ने पड़ताल की तो भोपाल में जुर्म से जुड़े लोगों ने गुंडागर्दी के लिए इलाके बांट लिए हैं। यह सिर्फ रंगबाजी जमाए रखने के लिए बात-बात पर कट्टा, तलवार चलाने से नहीं चूके।
इसके लिए उन्होंने अपनी ‘उर्फियत’ का भी इस्तेमाल किया है। किसी के नाम के साथ जहरीला लिखा जा रहा है तो किसी ने नाम के साथ कबूतर, कचौड़ी, टोपी, बम, पेंटर, काला, रेडियो, बकरा, टैंकर, बघीरा, तोड़फोड़, सिक्स राउंड, छू जैसी उर्फियत दे दी। ये उर्फियत इनके जुर्म के आधार पर पुलिस ने या लोगों ने दी है। पुलिस की एफआईआर में इनके नाम के पीछे इनकी उर्फियत को दर्ज किया जाता है। यह सभी ऐसे बदमाश हैं, जिन्होंने 15 से लेकर 30 से अधिक संगीन जुर्म कर चुके हैं। पुलिस भी इन्हें अब इन्हीं नाम से जानती है। कुछ फरार हैं तो कुछ ने बांड भर रखा है।
आइए जाने इन बदमाश और गैंग को यह नाम कैसे मिला…
पेंटर गैंग- गैंग का सरगना विकास उर्फ जितेंद्र है। गैंग में 12 से अधिक सदस्य हैं। इसमें नाबलिग भी हैं। यह गैंग हत्या और लूट जैसी वारदात कर चुके हैं। इस गैंग का नाम पेंटर इसलिए पड़ा कि सरगना जितेंद्र के पिता पेंटर था।
पप्पू चटका: इसका पूरा नाम हसीन कुरैशी है। काफी गुस्से वाला है। छोटी-छोटी बात पर वह गुस्सा कर अपराध को अंजाम देता है इसलिए उसकी गैंग ने उसे चटका कहने लगे। चार दिन पहले ही टीटी नगर में मामूली विवाद में युवक की हत्या कर दी थी। कुछ दिन पहले इसे गोवा से गिरफ्तार करके लाया गया है। इस पर 15 से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
शादाब उर्फ जहरीला: शहर का कुख्यात बदमाश था। पुलिस पर हमला कर चुका है। जहरीला नाम पड़ने के बीच कहानी यह है वह एक बार छिपकली खा लिया था। तब उसे कुछ नहीं हुआ। इसके बाद उसका नाम गैंग के लोगों ने शादाब उर्फ जहरीला कर दिया। सालभर पहले गैंगवार में उसकी हत्या कर दी गई थी।
सप्पू पिस्टल: इसका असली नाम सतीश है। इसे पिस्टल रखने का शौक है। 7 बार पुलिस सप्पू को गिरफ्तार कर चुकी है। जितने बार भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उतने बार उसके पास से पिस्टल बरामद हुई है। इसीलिए इसका नाम सप्पू पड़ा गया।
आमीन बर्फ: आमीन माकद पदार्थ की तस्करी के मामले में पुलिस के हाथ चढ़ा था। आमीन खान का नाम आमीन बर्फ इसलिए पड़ गया कि जुर्म की दुनिया में कदम रखने से पहले वह बर्फ की फैक्ट्री में काम करता था।
जाकिर बकरा: यह हमेशा पुलिस की हिट लिस्ट पर रहता है। जाकिर की कद-काठी बकरे जैसे दिखती है। बकरे की वह आवाज भी निकाल लेता है। यहीं से उसका नाम जाकिर बकरा पड़ गया।
मजहर टोपी: दरअसल, मजहर जुआ सट्टा खिलाने और खेलने में माहिर है। उसके बारे में कहा जाता है कि जुए-सट्टे में हार के बाद बड़ी चालाकी से किसी को भी रूपयों के लिए मना लेता है। भोपाली लोग इसे टोपी पहनाना कहते हैं। इस वजह से मजहर के उर्फ में टोपी जोड़ दिया गया।
सईद अलंगा: सईद एक आदतन अपराधी है। चोरी, लूट में पुलिस सबसे पहले इसी की तलाश करती है। जब भी पुलिस उसे पकड़ने जाती है। वह अलंगा यानी पत्थर से पुलिस पर हमला कर फरार हो जाता है। इसका निशाना भी काफी सटीक होता है। इस वजह से उसका नाम सईद अलंगा पड़ गया।
फहीम बम: वर्ष 1994 में बिजली कालोनी अशोका गार्डन में उसने बम विस्फोट कर दिया था। बम बनाने का भी एक्सपर्ट है। लिहाजा इसके साथी और पुलिस इसे फहीम बम के नाम से जानते हैं। पांच दिन पहले गांधी नगर पुलिस ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है।
राजेश छू: टीलाजमालपुरा निवासी राजेश छू और उसका भाई कपिल छू काफी फेमस हैं। वह चोरी करने में माहिर हैं। थानों के लाकअप से कई बार भाग चुका है। इसलिए इनके साथियों ने छू नाम रख दिया।
सलीम सिक्स राउंड: जहांगीराबाद का बदमाश सलीम को जब भी पुलिस ने पकड़ा उसके पास से देशी कट्टा बरामद हुआ। इसलिए उसे 6 राउंड कहा जाने लगा।
रईस रेडियो: इंद्रानगर कालोनी निवासी बदमाश रईस एक दुकान पर रेडियो सुधारने का काम करता था। जिसे रेडियो टांगकर गाने सुनने का भी शौक था। इसलिए उसे अब भी रेडियो के नाम से जाना जाता है। फिलहाल, जेल में सजा काट रहा है। अपने बेटों का नाम भी वह मजिस्ट्रेट रख रखा है।
शुभम सरदार: सरकार एक गैंग का वो लीडर जिसकी हिम्मत के आगे कभी पुलिस भी जवाब दे गई थी। मात्र दो सालों में 30 संगीन जुर्म का रिकार्ड बनाकर शुभम सरदार बन गया। लेकिन प्यार हुआ, शादी हुई और परिवार बन गया। इसके बाद कभी बुराई की तरफ मुंह नहीं मोड़ा। आज ठेकेदारी करता है।
घनश्याम उर्फ तोड़फोड़: एक वक्त था जब शहर में कहीं भी तोड़फोड़ होती थी सब घनश्याम यानि तोड़फोड़ पर उंगली उठाते थे। घनश्याम का दिमाग बहुत गर्म रहता था। मारपीट से ज्यादा तोड़फोड़ करता था। इसलिए उसका नाम तोड़फोड़ पड़ गया। अब स्वास्थ्य विभाग में नौकरी करते हैं।
फिरोज लोटिया: तेजाब फिल्म हर रोज देखता था। फिल्म में एक पात्र था लोटिया उसकी वह कापी करता था। गैंग के लोग उसे लोटिया कहने लगे।
जावेद लूट: शातिर लुटेरा है। रजिस्ट्री कराने आए एक व्यक्ति को लूट लिया था। तब से उसका नाम जावेद खान की जगह जावेद लूट हो गया।
तौफीक शूटर: ऐशबाग का निगरानी बदमाश है। हर विवाद में गोली चलाना इसकी फितरत है। वर्तमान में जिला बदर है।
रईस कबूतर: कबूतर का शिकार करने का शौकीन है। इसलिए उसे इलाके के लोग कबूतर कहकर बुलाने लगे।
तंजील गोटी: बदमाशों के गैंग में शातिर दिमाग का बदमाश। कोई अपराध होने पर दूसरे गैंग के गुंडे को फंसवाने की गोटी बैठाता है।
बदमाशों की यह उर्फियत भी सुर्खियों में रहीं
शाहिद उर्फ कबूतर, दानिश उर्फ कचौड़ी, फिरोज लोटिया, फिरोज छड़ी, अंकित टकलू, सचिन बच्चा, इमरान कटोरा, राकेश ढक्कन, दीपक अद्धा, विशाल चिराटा, जावेद चिराटा, मुन्ना टार्जन, तंजिल गोली, विशाल जगीरा जैसे उर्फियत भी हैं।