रियल एस्टेट सेक्टर में लौटी चमक:ग्वालियर में 6 माह में 2100 कराेड़ के साैदे, 8767 ज्यादा रजिस्ट्रियां सरकार को 238 कराेड़ का राजस्व, पिछले साल से ‌86 कराेड़ ज्यादा

पांच साल से मंदी की मार झेल रहा रियल एस्टेट सेक्टर कोरोना काल में भी खूब चमका। पिछले 6 महीने (अप्रैल से सितंबर) तक जिले में लगभग 2100 कराेड़ रुपए के 26 हजार 764 साैदे हुए। यह 2020-21 के शुरूआती छमाही की तुलना में 8,767 ज्यादा हैं। इस साल छह महीने में ही सरकार काे 238 कराेड़ रुपए का राजस्व मिला है, जाे पिछले साल इस अवधि की तुलना में 86 कराेड़ रुपए ज्यादा है।

पिछले साल इस अवधि में 17,997 साैदे हुए थे और सरकार काे 152 कराेड़ रुपए राजस्व मिला था। जानकाराें का मानना है कि यदि रैरा में भेजे गए प्रोजेक्ट के पंजीयन हाेते हैं ताे प्राॅपर्टी की खरीद-बिक्री और बढ़ेगी।

पांच साल से डंप 20 से ज्यादा प्राेजेक्ट में 80% प्राॅपर्टी की बिक्री

क्रेडाई के सदस्य बताते हैं कि पांच साल में शहर के 20 से ज्यादा प्रोजेक्ट में फ्लैट, मकान, दुकान डंंप थे। पिछले छह महीने में इनमें से 80 फीसदी की बिक्री हो चुकी है। अब जो 20 फीसदी बाकी हैं वे अधिकतर ऊपरी मंजिलों पर होने से रुके हैं।

राजस्व वसूली का 52% टारगेट पूरा, तीन साल का रिकाॅर्ड टूटा

रियल एस्टेट सेक्टर में खरीद-फरोख्त बढ़ने से पंजीयन विभाग ने भी रिकॉर्ड राजस्व वसूला है। जिला पंजीयक डॉ. दिनेश गौतम ने कहा कि इस वर्ष 1 अप्रैल से 6 अक्टूबर के बीच 238 करोड़ रुपए राजस्व विभाग को मिला है। यह सालाना टारगेट 458 करोड़ का करीब 52 फीसदी तक है। इस बार तीन साल में रिकॉर्ड राजस्व मिला है।

नए प्राेजेक्ट की मंजूरी रैरा में अटकीं

1. पंजीयन

रैरा में 15 बड़े प्रोजेक्ट के पंजीयन लंबित हैं। बिल्डर चाहते हैं कि आवेदन लंबित रखने से बेहतर है कि रैरा अस्थायी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था कर दे। यदि ऐसा नहीं होगा तो बिना पंजीयन के बैंक भी लोन नहीं देंगे और प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सकेंगे।

2. रेट बढ़ेंगे

​​​​​​​नए प्रोजेक्ट नहीं आए तो दीपावली तक सभी प्रोजेक्ट की 20 फीसदी बची संपत्ति ही बिकेगी। जब माल नहीं होगा तो रेट भी बिल्डर बढ़ा सकते हैं। ऐसी स्थिति में री-सेल का धंधा भी चलेगा। डीजल महंगा होने से निर्माण लागत भी बढ़ चुकी है।

पंजीयन न होने से नए प्रोजेक्ट में देरी संभव
इस वक्त धंधा अच्छा चल रहा है। पुराने प्रोजेक्ट की 80 फीसदी संपत्ति की बिक्री हो चुकी है। चूंकि रैरा में नए पंजीयन नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए नए प्रोजेक्ट चालू होने में वक्त लगेगा, जो 20 फीसदी माल बचा है वही दीपावली पर सेल होगा। री-सेल का धंधा भी चलेगा।-महेश भारद्वाज, सचिव क्रेडाई

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