अब ग्वालियर में भी बन सकेंगी 30 मंजिला इमारतें……मास्टर प्लान

  • जनभागीदारी से आएगा 105 मी. क्षमता वाला हाइड्रोलिक प्लेटफार्म…

शहर में अब 300 फीट तक ऊंचाई की (30 मंजिला) इमारतें भी बन सकेंगी। हालांकि मास्टर प्लान में शहर में 30 मंजिला इमारत की अनुमति का प्रावधान है लेकिन नगर निगम के पास इतनी ऊंचाई पर आग बुझाने व आगजनी की स्थिति में रेस्क्यू के लिए 105 मीटर क्षमता का हाइड्रोलिक प्लेटफार्म नहीं हैं।

इस वजह से शहर में अभी 15 मंजिला से अधिक ऊंचाई की इमारतों के निर्माण की स्वीकृति नहीं मिल पाती है। लेकिन अब नगर निगम प्रशासन 105 या इससे भी अधिक ऊंचाई का हाइड्रोलिक प्लेटफार्म खरीदना चाहता है। इसके लिए निगम शहर के प्रतिष्ठित बिल्डरों के साथ मीटिंग कर जनभागीदारी से पैसा जुटाएगी। इसके बाद शहर में 30 मंजिला इमारतों के निर्माण की अनुमति में सबसे बड़ी बाधा दूर हो जाएगी।

अभी नगर निगम के अग्निशमन दस्ते के पास 52 मीटर यानी 15 मंजिला तक ऊंचाई की इमारतों की आग बुझाने और रेस्क्यू के लिए हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है। हालांकि 14 अगस्त की दुर्घटना के बाद से ही ये खराब है। इसी प्लेटफार्म की बदौलत 15 मंजिला तक ऊंचाई की मल्टी स्टोरी हाईराइज की अनुमित जारी हुई हैं।

शहर में 15 मंजिला इमारत अभी एक, दो की और तैयारी

टाउन एंड कंट्री प्लानिंग द्वारा लागू किए गए मास्टर प्लान में 60 मीटर या इससे अधिक चौड़ाई की प्रस्तावित रोड पर 90 मीटर या 30 मंजिला तक ऊंचाई की इमारत की अनुमति दी जा सकती है। अभी शहर में जी प्लस टेन या 11 मंजिला ऊंचाई की लगभग 50 और 15 मंजिला ऊंचाई की एक इमारत है। दो 15 मंजिला इमारतों की अनुमति और दी गई है।

फायर एनओसी है जरूरी

अभी तक शहर में तीन 15 मंजिला इमारतों की विकास अनुज्ञा जारी है। विकास अनुज्ञा जारी करने से पहले फायर एनओसी जरूरी है। निगम 105 मीटर ऊंचाई तक आग बुझाने के लिए संसाधन जुटाकर एनओसी जारी करता है तो टीएंडसीपी हाईराइज कमेटी के अनुमोदन के बाद विकास अनुज्ञा जारी कर देगा।
-वीके शर्मा, संयुक्त संचालक टीएंडसीपी, ग्वालियर

सामूहिक तौर पर करेंगे काम

शहर के विकास के लिए हमें नई एप्रोच के साथ सामूहिक तौर पर काम करना होगा। इसके लिए हम सभी बिल्डरों को आमंत्रित कर उनके साथ शहर के विकास पर चर्चा करेंगे। अग्निशन दस्ते में 105 मीटर या अधिक ऊंचाई का हाइड्रोलिक प्लेटफार्म चाहिए। हम जनभागीदारी से इसे जुटाएंगे।

-किशोर कान्याल, आयुक्त नगर निगम ग्वालियर

इंदौर व भोपाल से बेहतर है ग्वालियर की मिट्‌टी

एक्सपर्ट व्यू- दीनदयाल नगर व विनय नगर को छोड़कर सिटी सेंटर सहित शहर की सोइल बिअरिंग कैपेसिटी (मिट्टी बिना विस्थापित या ब्रेक हुए बोझ सह सके) बहुत अच्छी है। यहां 30 मंजिला या इससे अधिक फ्लोर की इमारतें बनाई जा सकती हैं। हाईराइज के लिए मिट्टी में भवन के भार को झेलने की क्षमता होनी चाहिए। ग्वालियर की मिट्‌टी की बिअरिंग कैपेसिटी इंदौर व भोपाल की तुलना में अच्छी है।

– संजय भदौरिया, आर्किटेक्ट व प्लानर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *