मध्य प्रदेश सरकार ने लागू की नेक आदमी स्कीम, सड़क हादसे में जान बचाने वाले लोगों को मिलेंगे पांच हजार रुपए

मध्य प्रदेश यातायात और सड़क सुरक्षा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) जी जनार्दन ने शनिवार को बताया, ‘‘गुड सेमेरिटन स्कीम’’ (नेक आदमी योजना) के तहत कोई भी आदमी सड़क हादसे के पीड़ित व्यक्ति को एक घंटे की भीतर अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर ले जाकर उसकी जान बचाता है, तो उसे पांच हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा.”

सड़क हादसों में होने वाली मौतों को कम करने के लिए केंद्र की ‘‘गुड सेमेरिटन (नेक आदमी) योजना को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लागू किया गया है. इसमें पीड़ितों को स्वर्ण घंटे (शुरुआती बेशकीमती समय जब पीड़ितों के अस्पताल पहुंचाए जाने पर उसकी जान बचने की गुंजाइश होती है) के भीतर अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा.

मध्य प्रदेश यातायात और सड़क सुरक्षा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) जी जनार्दन ने शनिवार को बताया, ‘‘गुड सेमेरिटन स्कीम’’ (नेक आदमी योजना) के तहत कोई भी आदमी सड़क हादसे के पीड़ित व्यक्ति को एक घंटे की भीतर अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर ले जाकर उसकी जान बचाता है, तो उसे पांच हजार रुपए का इनाम दिया जाएगा. केंद्र की यह योजना मध्यप्रदेश में दशहरा (15 अक्टूबर ) से लागू हो गई है.’’

2020 में 1,31,714 लोगों की हुई मौत

उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य आम जनता को आपात स्थिति में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मदद करने और बेकसूर लोगों की जीवन को बचाने के लिए प्रेरित करना है. अगस्त में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने संसद को सूचित किया कि वर्ष 2020 के दौरान भारत में कुल 3,66,138 सड़क हादसे हुए और उनमें 1,31,714 मौतें हुई.

कब होंगे पात्र

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को एक वर्ष में अधिकतम पांच बार सम्मानित किया जा सकता है. सम्मान के तौर पर पांच हजार रुपए नकद और प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया जायेगा. सड़क हादसे के शिकार व्यक्ति के मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी में चोट या कम से कम तीन दिन के लिए अस्पताल में भर्ती रहने या बड़ी सर्जरी होने की स्थिति में मदद करने वाला व्यक्ति गुड सेमेरिटन नकद पुरस्कार के लिए पात्र होगा.

क्या होता है गोल्डन आवर

स्वर्ण घंटे (गोल्डन आवर) के बारे में पूछे जाने पर एडीजी ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के धारा 2 (12ए) के अनुसार स्वर्ण घंटे का मतलब वह एक घंटे का समय है जो व्यक्ति को दर्दनाक चोट लगने के बाद का एक घंटा होता है. इस एक घंटे के दौरान पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र चिकित्सा देखभाल प्रदान करके उसकी मृत्यु की रोकथाम की उच्चतम संभावना होती है.

उन्होंने कहा कि इसमें हर साल दस राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार होंगे जिन्हें उन सभी लोगों में से चुना जाएगा जिन्हें पूरे वर्ष के दौरान सम्मानित किया गया है. राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार में अतिरिक्त तौर पर एक लाख रुपये का पुरस्कार, प्रशंसा पत्र और एक ट्रॉफी दी जाएगी.

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