कश्मीर में आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए सिब्बल ने कहा, ‘हम उन नौ लोगों को सलाम करते हैं जिन्होंने हमारे लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. हमने अपने बेटों को आतंकवादियों के हाथों खो दिया. मोहन भागवत जी किस विकास की बात कर रहे हैं?’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की आलोचना करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को सरसंघचालक से पूछा कि जम्मू-कश्मीर में क्या विकास हुआ है? उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश को सुरक्षित करने में विफल रहा है. दरअसल, बीते दिन महाराष्ट्र के नागपुर में मोहन भागवत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने से विकास का रास्ता सबके लिए खुल गया है. पहले 370 के आड़ में जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव होता था, अब वो भेदभाव नहीं है. कश्मीर घाटी भी अब सीधा विकास का लाभ ले रही है.
सिब्बल ने कहा, ‘मैं भागवत जी को फरवरी 2018 में कही गई बात के बारे में याद दिलाना चाहता हूं. उन्होंने कहा कि सेना को तैयार होने में कई महीने लगते हैं लेकिन आरएसएस 3 दिनों में सीमा पर जाकर लड़ने के लिए तैयार हो सकता है. RSS के नेताओं को कभी भी ऐसा बयान नहीं देना चाहिए. यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि भागवत जी ने कहा कि वे 3 दिनों में तैयार हो सकते हैं. 2018 से अब तीन साल हो गए हैं. आप तैयार होकर सीमा पर क्यों नहीं जाते? इस तरह के पद पर आसीन भागवत जी जब ऐसा बयान देते हैं तो कोई अर्थ होना चाहिए, किसी तरह की ईमानदारी होनी चाहिए. उन्हें अपने बयान का सम्मान करना चाहिए.’
कश्मीर में आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए सिब्बल ने कहा, “हम उन नौ लोगों को सलाम करते हैं जिन्होंने हमारे लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. हमने अपने बेटों को आतंकवादियों के हाथों खो दिया. मोहन भागवत जी किस विकास की बात कर रहे हैं? आतंकवाद सिर उठा रहा है, जबकि यूपीए सत्ता में थी ऐसी चीजें पुंछ में कभी नहीं हुईं. भागवत जी कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में बहुत बड़ा विकास हुआ है. हम देखना चाहते हैं कि वह विकास क्या है और जमीन पर कहां है? केंद्रीय गृह मंत्री ने वादा किया था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद विधानसभा चुनाव होंगे. तथ्य यह है कि उन्होंने उस प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं किया है क्योंकि उन्हें पता है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ भी सामान्य नहीं है.’
पीएम मोदी को 2014 में कही अपनी बातें ध्यान रखनी चाहिएः सिब्बल
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र जम्मू-कश्मीर को सुरक्षित करने में विफल रहा है. उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए कि उन्होंने 2014 और 2019 दोनों में क्या कहा था? उन्होंने कहा था ‘बस उन जवानों के बारे में सोचो जिन्होंने अपनी जान गंवाई… अपनी माताओं के बारे में सोचो’. मैं चाहता हूं कि प्रधानमंत्री उस पर चिंतन करें, जबकि आलोचना करना यह आसान है और इस वास्तविकता को स्वीकार करना मुश्किल है कि आप जम्मू-कश्मीर राज्य को सुरक्षित करने में विफल रहे हैं.’