पटवारी के कारनामे की खुली पोल:खाली खेतों में पटवारी ने लिखा-लहलहा रही ज्वार की फसल, सर्वे में गलती पकड़ी, निलंबित

भिंड जिले के फसलों का भौतिक सत्यापन के लिए अफसर खेतों तक पहुंच रहे है। गिरदावरी सर्वे के दौरान गोहद के पटवारी की हकीकत सामने आ गई। पटवारी ने खाली खेतों में ज्वार की फसल का लहलहाना लिखा। जब राजस्व विभाग के अफसर भौतिक सत्यापान के लिए मौके पर पहुंचे तो 20 सर्वे में से 19 जगह खेत खाली थे। वहीं एक सर्वे में धान की फसल खड़ी थी। इस पर गोहद एसडीएम ने पटवारी को निलंबित कर दिया है।

इन दिनों जिले में भौतिक सत्यापन चल रहा है। एसडीएम, रेवेन्यू इंस्पेक्टर खेतों पर जा-जाकर फसलों का भौतिक सत्यापन कर रहे है। ऐसा ही एक मामला गोदह तहसील के रसनौल मौजे का सामने आया। यहां राजस्व विभाग द्वारा किए गए सर्वे में पटवारी बबीता शेखर खरीफ की फसल की रिपोर्ट शासन को भेजे जाने की हकीकत सामने आई। दरअसल राजस्व विभाग के अफसरों द्वारा रसनौल मौजे के 20 खातों का सर्वे किया गया। इस गिरदावरी सर्वे के दौरान पाया गया कि किसानों ने खेतों में खरीफ के मौसम में लगातार बारिश होने की वजह से कोई फसल नहीं बोई। खेत खाली है। इन खेतों में किसान, सरसों, चना, गेहूं की बुवाई की तैयारी कर रहे है। जबकि हल्का के पटवारी बबीता शेखर ने खाली खेतों में ज्वार की फसल लहलहाना लिखा है, जबकि इन खेतों की बुवाई किसान अधिक बारिश की वजह से नहीं कर सके। 19 सर्वे में खेत खाली मिले। वहीं एक सर्वे में धान की फसल पाई गई।

घर में बैठकर भेजे आंकड़े

शासन को दिए जाने वाले आंकड़ों को पटवारी द्वारा फील्ड का मुआयना नहीं किया गया। पटवारी शेखर ने घर पर ही बैठकर आंकड़ों की बाजीगरी दिखाई है। पटवारी द्वारा भेजे गए आंकड़ों में अलग और मौके पर खेत खाली पाए जाने पर गोहद एसडीएम शिवम शर्मा द्वारा निलंबन की कार्रवाई की गई है। एसडीएम शर्मा ने यह रिपोर्ट भिंड कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस को सौंप दी है।

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