IFS एग्जाम में भोपाल के श्रेयस को 9वीं रैंक …कहा- नोट्स छोटे बनाओ और रिवीजन बार-बार करो; पॉजिटिव मूड के साथ कोशिश करते रहो
श्रेयस श्रीवास्तव। भोपाल के स्टूडेंट हैं। आज इन्होंने इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज (IFS) में देश में नौवीं रैंक पाई है। रोजाना सुबह 6 बजे उठने वाले श्रेयस फिटनेस को लेकर गंभीर हैं। हो भी क्यों ना। उनके पिता मध्यप्रदेश के रिटायर्ड स्पेशल डीजी राजेंद्र कुमार हैं। श्रेयस बताते हैं कि पापा ने शुरुआत से ही सख्त अनुशासन में रखा। फिटनेस पर भी वर्क आउट करना होता था। सफलता के लिए उनका एक ही मूल मंत्र है- कोशिश, कोशिश और सिर्फ कोशिश। अप एंड डाउंस आते हैं, लेकिन पॉजिटिव बने रहिए।
वे कहते हैं कि पापा कहते रहते हैं कि कोशिश करते रहो, क्योंकि हार नहीं होगी। दरअसल, सिविल सर्विसेज में 6 और IFS में पहली बार में असफल हुए, लेकिन हौसला नहीं हारे। पहले कोशिश में इंटरव्यू तक पहुंच गए थे, पर सफलता नहीं मिली। UPSC नई दिल्ली ने शुक्रवार को IFS 2020 के रिजल्ट जारी किए।
ये तीन तरीके बताए पढ़ने के
- रिवीजन करते रहिए।
- नोट्स छोटे-छोटे बनाइए।
- पॉजिटिव रहिए, यह सबसे जरूरी है।
श्रेयस का भोपाल से नाता
वे यहां कैंपियन स्कूल में 2006 में 12वीं पढ़े। इससे पहले पिता की नौकरी के कारण अलग-अलग शहरों में पढ़ते रहे। इसके बाद IIIT इलाहबाद से बीटेक इलेक्ट्राॅनिक एंड कम्युनिकेशन में किया। वे 2013 से सिविल सर्विसेज में कोशिश कर रहे थे।
यहां तक पहुंचने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ेगी?
श्रेयस : पहले सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था। 6 बार प्रयास किए थे। 4 बार इंटरव्यू तक पहुंचा था, लेकिन सफलता नहीं मिली। फिर IFS के लिए कोशिश की।
पहले असफल होने के कारण क्या थे?
श्रेयस : यह मेरा दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंचा था, लेकिन छोटी-छोटी गलतियों के कारण सफल नहीं हो सका था। उन गलतियों को सुधारा। इस बार कम से कम गलती की। लगातार रिवीजन और मानसिक तनाव हावी नहीं होने दिया।
किस तरह से तैयारी चाहिए?
श्रेयस : हर एग्जाम कुछ सिखाकर जाता। हमें पीछे मुड़कर सिर्फ गलतियों को देखना चाहिए। अपने लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
किन बातों का मुख्य रूप से ध्यान रखना चाहिए?
श्रेयस : प्रतियोगी परीक्षाओं में कोर्स अनलिमिटेड रहता है, इसलिए इसमें मुख्य रूप से इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम क्या पढ़ रहे हैं? कितना पढ़ रहे हैं और क्या उसे लगातार पढ़ रहे?
क्या आपने कोई पढ़ाई के लिए टाइम फिक्स किया था?
श्रेयस : पढ़ाई का टाइम टेबल बनाना जरूरी होता है। सबसे जरूरी है कि नोट्स बनाना और उसको रिवीजन करना। ऐसा ना हो कि सिर्फ पढ़ते ही जा रहे हैं और रिवीजन नहीं कर रहे। इससे चीजें भूल जाते हैं और एग्जाम में गलतियां होती हैं।
इंडियन फॉरेस्ट सर्विस ही क्यों चुना?
श्रेयस : पहले सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा था, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। मेरा रुझान फॉरेस्ट की तरफ था, क्योंकि मध्यप्रदेश में रहते हुए पापा के साथ जंगलों को करीब से देखा। फिर इंडियन फॉरेस्ट सर्विस में जाने का मन बनाया। यही कारण है कि रुचि होने से दूसरे प्रयास में ही सफलता मिली।