UP Assembly Election 2022: रालोद का अजेय किला है छपरौली विधानसभा सीट, जानिए इससे जुड़ी हर अपडेट

छपरौली विधानसभा सीट पर ज्यादातर रालोद का कब्जा रहा है. लहर किसी भी पार्टी की हो यहां से विधायक रालोद का ही बनता है.

उत्तर प्रदेश की छपरौली विधानसभा सीट (Chhaprauli Assembly Seat) जाटों का गढ़ मानी जाती है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों के प्रभाव वाली 136 सीटें हैं. छपरौली विधानसभा सीट पर रालोद का प्रभाव रहता है. पिछले दो चुनावों में यहां से रालोद का ही प्रत्याशी जीतकर विधायक बनता आ रहा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां से रालोद के सहेंद्र सिंह रामाला चुनाव जीतकर विधायक बने थे.

सीट का इतिहास

छपरौली विधानसभा सीट (Chhaprauli Assembly Seat) पर चौधरी परिवार का हमेशा से ही दबदबा रहा है. इस सीट से सबसे पहले चौधरी चरण सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. उसके बाद उनके बेटे चौधरी अजीत सिंह का क्षेत्र के मतदाताओं ने खूब साथ दिया, अब उनके बेटे और रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) के ऊपर दादा और पिता की विरासत को आगे ले जाने की बड़ी जिम्मेदारी है. यही कारण है कि छपरौली में ही उन्हें पगड़ी पहनाकर रालोद को आगे ले जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

2012 विधानसभा चुनाव के आंकड़े

2012 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से रालोद के वीरपाल सिंह चुनाव जीतकर विधायक बने थे. उन्होंने बसपा के जयपाल सिंह को चुनाव हराया था. चुनाव में रालोद प्रत्याशी वीरपाल सिंह को 69394 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा के देव पाल सिंह को 47823 वोट मिले थे. वहीं समाजवादी पार्टी के मनोज कुमार को 14103 वोट और भाजपा के वेदपाल को 4534 वोट मिले थे, जबकि पीस पार्टी के जहीर अहमद को 3310 और निर्दलीय प्रत्याशी वाजिद को 1633 वोट मिले थे.

2012 विधानसभा चुनाव में पार्टियों का वोट शेयर

2012 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट (Chhaprauli Assembly Seat) पर रालोद का वोट शेयर 45.69 प्रतिशत था, जबकि दूसरे नंबर पर रही बसपा का वोट शेयर 32.87 प्रतिशत था. सपा का वोट शेयर 9.7 प्रतिशत भाजपा का वोट शेयर 3.12 प्रतिशत था, जबकि पीस पार्टी का वोट शेयर 2.28 और निर्दलीय प्रत्याशी का वोट शेयर 1.13 प्रतिशत था.

2017 विधानसभा चुनाव के आंकड़े

2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बीच रालोद मजबूती के साथ खड़ी थी. इस सीट से रालोद के महेंद्र सिंह रामाला ने भाजपा प्रत्याशी सत्येंद्र सिंह को पटखनी दी थी. सत्येंद्र सिंह भाजपा लहर के बीच भी चुनाव नहीं जीत सके. इस चुनाव में रालोद प्रत्याशी सहेंद्र को 65124 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के सत्येंद्र सिंह को 61282 वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर रहे सपा के मनोज चौधरी को 39841 वोट मिले थे और बसपा के राजबाला को 30241 वोट मिला था.

2017 विधानसभा चुनाव में पार्टियों का वोट शेयर

2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट (Chhaprauli Assembly Seat) पर रालोद का वोट शेयर 32.54 प्रतिशत था, जबकि भाजपा का वोट शेयर 30.62 प्रतिशत था. वहीं तीसरे नंबर पर रही समाजवादी पार्टी का वोट शेयर 19.1 प्रतिशत था और बसपा प्रत्याशी का वोट शेयर 15.11 प्रतिशत था.

छपरौली से पहली बार चौधरी चरण सिंह बने थे विधायक

पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छपरौली से ही की थी. वह यहां से 6 बार विधायक चुने गए थे. वह छपरौली से 1937 से 1977 तक विधायक थे. उन्होंने पहले मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कुर्सी तक का सफर तय किया था. करीब 84 साल से छपरौली रालोद का एक अजेय किला है.

देश का माहौल कैसा भी हो, किसी भी पार्टी की लहर हो छपरौली का उस पर कुछ भी असर नहीं पड़ता है. यही कारण है कि बुरे दौर से गुजर रही रालोद ने 2017 के विधानसभा चुनाव में भी छपरौली सीट (Chhaprauli Assembly Seat) पर कब्जा किया. यह सीट रालोद की परंपरागत सीट मानी जाती है.

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