चंबल पुल पर 10 दिन में तीसरी बार मरम्मत, भारी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे

चंबल पुल के छह नंबर पिलर की बीयरिंग में लगातार आ रही खराबी, खतरे का अंदेशा भिंड(नप्र)। ग्वालियर-इटावा नेशनल हाइवे 719 पर बने बरही चंबल नदी के पुल पर बुधवार सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक भारी वाहनों के निकलने पर प्रतिबंध रहेगा। दरअसल चंबल पुल के छह नंबर पिलर की बीयरिंग में 26 अक्टूबर को खराबी आ गई है।

भिंड(नप्र)। ग्वालियर-इटावा नेशनल हाइवे 719 पर बने बरही चंबल नदी के पुल पर बुधवार सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक भारी वाहनों के निकलने पर प्रतिबंध रहेगा। दरअसल चंबल पुल के छह नंबर पिलर की बीयरिंग में 26 अक्टूबर को खराबी आ गई है। मरम्मत कार्य के लिए 30 अक्टूबर को भी पुल से भारी वाहनों के निलकने पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद दो नवंबर को मरम्मत कार्य हुआ था, लेकिन यह कार्य पूरा नहीं हो सका है। अब 10 दिन में चंबल पुल पर बुधवार को तीसरी बार मरम्मत कार्य किया जाएगा। इटावा कलेक्टर श्रुति सिंह ने भिंड कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखकर भारी वाहनों पर प्रतिबंध की सूचना भेजी है।

इटावा कलेक्टर ने भारी वाहन रोकने भेजा पत्रः

इटावा कलेक्टर श्रुति सिंह ने भिंड कलेक्टर-एसपी को भेजे पत्र में बताया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 719 पर चम्बल पुल के पीलर संख्या 8 की बीयरिंग क्षतिग्रस्त हो गई है। उक्त क्षतिग्रस्त पीयर की मरम्मत का कार्य दिनांक 30 अक्टूबर 2021 और दो नवंबर 2021 को किया गया था, लेकिन मरम्मत कार्य पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में शेष बचे मरम्मत कार्य को बुधवार 10 नवंबर को किया जाएगा। इससे चंबल पुल पर सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक भारी वाहन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेंगे। इस दौरान हल्के वाहन चंबल पुल से निकलते रहेंगे।

ग्वालियर से वाया भिंड इटावा की दूरी 112 किमी है। बरही गांव के पास चंबल पुल बंद होने से ग्वालियर से इटावा वाया मुरैना-आगरा जाना होगा। ग्वालियर से आगरा 121 किमी और आगरा से इटावा 129 किमी है। यानी 250 किमी दूरी तय करना होगी। ग्वालियर से इटावा, कानपुर जाने वाले वाहन मुरैना, आगरा होकर जाएंगे। चंबल पुल से भिंड, फूफ होकर इटावा की दूरी 35 किमी है। अब भिंड से इटावा, आगरा और कानपुर जाने वाले सभी वाहनों को फूफ के भदाकुर रोड से सहसों, चकरनगर उदी चौराहा होते हुए इटावा तक जाने में 75 किमी दूरी तय करना होगी।

47 वर्ष पुराना है उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाला पुल

उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा को जोड़ने वाला बरही चंबल पुल वर्ष 1976 में बनाया गया था। अब यह पुल 47 वर्ष पुराना हो चुका है। पुल का डिजाइन 20-25 टन वजन के वाहनों के लिए किया गया था। अब पुल से 50-80 टन वजन वाले वाहन ओवरलोड होकर निकलते हैं। वर्ष 2016 सितंबर में स्लैब टूटने के बाद उत्तरप्रदेश सरकार ने दूसरा पुल बनाने प्रस्ताव भेजा था, लेकिन यह प्रस्ताव अभी तक फाइलों में अटका हुआ है। यहां बता दें, 11 मई 2018 में सबसे पहले 6वें पिलर की बेयरिंग टूटने से 21 जून तक सभी तरह के वाहनों को बंद रखा गया था। इसके बाद से नए पुल की मांग तेज हुई थी, लेकिन यह अब तक पूरी नहीं हो सकी है।

20 वर्ष में 16वीं बार होगी पुल की मरम्मतः

बरही चंबल पुल में सबसे पहले वर्ष 2002 में खराबी आई थी। बीयरिंग टूटने से एक महीने आवागमन बंद रहा था। वर्ष 2008 में पुल की स्लैब में दरार आ गई थी। जुलाई 2012 में स्लैब धसकने से एक महीने से ज्यादा वाहन प्रतिबंधित रहे थे। फरवरी 2013 में पुल के छठवें पिलर की ज्वाइंट एक्सटेंशन बीयरिंग खराब हो गई थी तब एक महीने में पुल की मरम्मत हो पाई थी। सितंबर 2016 में पुल स्लैब टूटी थी। इससे आवागमन बंद कर दिया गया था। 2016 मई माह में बीयरिंग में खराबी आ गई थी। वर्ष 2018 में दो बार खराबी आई। छह अप्रैल 2019 को पिलर में छेद होने से दो दिन आवागमन बंद रहा था। 18 जुलाई 2019 को पिलर में खराबी से दो दिन आवागमन बंद रहा। दो अगस्त 2019 को स्लैब क्षतिग्रस्त होने से आठ दिन आवागमन बंद रहा था। तीन मार्च 2021 को चंबल पुल के पिलर नंबर छह की बीयरिंग टूटने से आवागमन बंद हो गया था। 17 जुलाई 2021 को पिलर नंबर छह की बीयरिंग का लाक टूटने से आवागमन बंद हुआ था। पिलंबर नंबर छह की बीयरिंग में खराबी से 30 अक्टूबर 2021 और दो नवंबर 2021 को मरम्मत की गई थी। अब 10 नवंबर को मरम्मत कार्य किया जाएगा।

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