Cruise Drugs Case: पहले बिछाया जाल और फिर बटोरा माल? जानें क्रूज ड्रग्स कांड में डील का खेल
Sameer Wankhede: क्या 2-3 अक्टूबर की रात क्रूज ड्रग्स रेड इसलिए पड़ी थी कि समीर वानखेडे आर्यन खान को साजिशन फंसाना चाहते थे? जानें सच.
महाराष्ट्र में क्रूज ड्रग्स केस पर महाभारत छिड़ी हुई है. वार-पलटवार हो रहे हैं. सब जानना चाहते हैं कि आखिर इस केस की सच्चाई क्या है? समीर वानखेड़े क्यों महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक के आरोपों से भागे-भागे फिर रहे हैं जबकि नवाब मलिक बार-बार कह रहे हैं कि वानखेड़े जवाब दो. लोग जानना चाहते हैं कि क्या 2-3 अक्टूबर की रात क्रूज ड्रग्स रेड इसलिए पड़ी थी कि समीर वानखेड़े आर्यन खान को साजिशन फंसाना चाहते थे? लोग ये भी जानना चाहते हैं कि आखिर एनसीबी दफ्तर में छापे के समय क्या हो रहा था. उस रात की कहानी क्या है?
क्रूज ड्रग्स कांड पर ऑपरेशन व्हाट्सएप के जरिए एबीपी न्यूज़ ने आज बड़ा धमाका किया है. एबीपी न्यूज आपके सामने प्रभाकर सैल के व्हाट्सएप चैट के जरिए वो सारे सबूत रख रहा है जो ये साबित कर रहे हैं कि इस मामले में बहुत गड़बड़झाला है. अब सवाल है कि वानखेड़े पर नवाब मलिक ने जो आरोप लगाए हैं, उनका जवाब समीर वानखेड़े क्यों नहीं देते? लेकिन उससे भी बड़ी बात ये है कि ड्रग्स कांड में जिस गोसावी को पंच यानी गवाह बनाया गया था, उसके और उसके बॉडीगार्ड प्रभाकर सैल की व्हाट्सएप चैट से वानखेड़े की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं और इसके साथ ही ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या आर्यन ड्रग्स कांड का तानाबाना कुछ लोगों की जेब भरने के लिए बुना गया था.
अब तक बात सिर्फ आरोपों तक थी.नवाब मलिक आरोप लगा रहे थे…प्रभाकर सैल बयान दे रहा था….आरोपों पर सफाई दी जा रही थी…लेकिन एबीपी न्यूज अब इस मामले के वो सबूत आपको दिखाने जा रहे है जो दूध का दूध और पानी का कर देंगे.ड्रग्स केस में केपी गोसावी एंड कंपनी की पूरी कारस्तानी. हम आपको ये सबूत दिखाएं उससे पहले इसमें आने वाले किरदारों के बारे में हम आपको बता दें.
-वसूली कांड का मुख्य किरदार है के पी गोसावी. ये वही शख्स है, जिसने गिरफ्तारी के बाद आर्यन के साथ सेल्फी ली थी और वो वीडियो में किसी से उसकी फोन पर बात कराता दिख रहा था.ये शख्स खुद को प्राइवेट डिटेक्टिव बताता है और धोखाधड़ी के आरोप में जेल में है.
– दूसरा किरदार है प्रभाकर सैल.प्रभाकर गोसावी का बॉडीगार्ड है.इस केस में प्रभाकर न सिर्फ गवाह है बल्कि पूरी कार्रवाई के दौरान यानी क्रूज पर रेड से लेकर एनसीबी दफ्तर तक मौजूद था.
-तीसरा किरदार है समीर सालेकर जो एनसीबी का कर्मचारी है
अब हम आपको सबूत दिखातें है…ये सबूत हैं प्रभाकर सैल के व्हाट्सएप चैट….तो शुरुआत करते हैं उस तारीख से जब समीर वानखेडे के नेतृत्व में एनसीबी की टीम ने कॉर्डेलिया क्रूज पर छापा डाला.
प्रभाकर सैल ने हलफनामे में दावा किया है कि एनसीबी की रेड से पहले ही कई लोगों की पहचान की जा चुकी थी और उन्हें पकड़ने के लिए बाकायदा जाल बिछाया गया. सैल ने अपने एफिडेविट में दावा किया है कि केपी गोसावी ने वॉट्स एप के जरिए उसे कई लोगों के फोटो भेजे थे. अब जो बात प्रभाकर सैल कह रहा है उस पर मुहर लगा रहा है उसका ये व्हाट्सएप चैट जो 2 अक्टूबर की दोपहर 1 बजकर 23 मिनट का है. क्रूज में रेड के वक्त के पी गोसावी और प्रभाकर सैल एनसीबी टीम के साथ मौजूद थे.
गोसावी ने जो तस्वीरें भेजी थीं, ये उन 10 लोगों की तस्वीरें थी जो क्रूज पर चढ़ने के लिए आने वाले थे.गोसावी का आदेश था कि ये लोग अगर क्रूज पर ग्रीन गेट से जाते दिखें तो सैल उन्हें तुरंत खबर दे.दोपहर 1 बजकर 39 मिनट पर गोसावी ने प्रभाकर को लिखा.
केपी गोसावी – सामान्य लोगों की तरह व्यवहार करो और एक ही जगह पर बैठे रहो जब तक एंट्री शुरू न हो जाए
प्रभाकर सैल – जी सर
के पी गोसावी के दस टारगेट लोग बेहद हाईप्रोफाइल थे और बार-बार गोसावी प्रभाकर से उनके मूवमेंट के बारे में पूछ रहा था. चैट के मुताबिक
केपी गोसावी – आई क्या?
केपी गोसावी – क्या हुआ?
इनमें से एक लड़की की पहचान कर प्रभाकर ने उसकी जानकारी गोसावी को भी दी
प्रभाकर सैल – पिंक शार्ट ड्रेस है
केपी गोसावी – OK
शाम 4 बजकर 24 मिनट पर गोसावी ने प्रभाकर सैल को बताया कि एनसीबी ने 13 लोगों को पकड़ लिया है
….. कुछ ऐसी तस्वीरें मिली हैं जो रेड के वक्त की हैं.इन तस्वीरों में गोसावी समीर वानखेड़े के साथ हर जगह नजर आ रहा है. ऐसा लगता है कि गोसावी ये जताना चाहता था कि वो एनसीबी टीम का मेंबर है. लेकिन सवाल ये है कि एनसीबी ने उसको इसकी इजाजत कैसे दी. 2 अक्टूबर को आर्यन समेत कई लोगों को एनसीबी ने पकड़ा और उसके बाद शुरू हुआ गोसावी का वसूली का खेल.
तारीख- 3 अक्टूबर 2021
प्रभाकर सैल और गोसावी के बीच तीन अक्टूबर की सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर चैट हुई.
केपी गोसावी- हाजी अली चले जाओ…और वो काम पूरा करो, जो मैंने तुम्हें बताया था… वहां से घर वापस आ जाना.
प्रभाकर सैल-जी सर ।
केपी गोसावी- बाहर से ताला बंद कर देना और चाबी को खिड़की से हॉल में फेंक देना.
प्रभाकर सैल- ठीक है
केपी गोसावी- जल्दी जाओ… और जल्दी वापस आओ
प्रभाकर सैल के एफिडेविट के मुताबिक़ उसे केपी गोसावी ने हाजी अली जाकर इंडियाना होटेल के पास से किसी से मिलकर 50 लाख रुपये कैश लेने के लिए कहा था और प्रभाकर सैल वहां सुबह 9 बजकर 45 मिनट पर पहुंचा जहां पर एक सफ़ेद रंग की कार आई और उसने 2 बैग पैसों से भरे उसे दिए. 50 लाख की बड़ी रकम कौन गोसावी को दे रहा था और क्यों…इस रकम में किसकी-किसकी हिस्सेदारी थी इस राज़ से परदा उठना अभी बाकी है.
और अब वो सबूत जो प्रभाकर के आरोपों को पुख्ता कर रहा है…प्रभाकर सैल का आरोप था कि एनसीबी ने उससे 10 कोरे कागज़ पर दस्तखत लिए…ये उसकी गवाही के कागज़ थे…उस वक्त उसके पास आधार कार्ड तक नहीं था जिसे उसे बाद में भेजने को कहा गया.आधार कार्ड की सॉफ्ट कॉपी प्रभाकर ने समीर सालेकर नाम के एनसीबी कर्मचारी को व्हाट्सएप पर भेजी
अब ये सारे सबूत मुंबई पुलिस की एसआईटी टीम के पास हैं और एनसीबी के विजिलेंस टीम के पास भी. और इसमें अब ये तय हो सकता है कि समीर वानखेड़े की भूमिका क्या है.
गोसावी और प्रभाकर सैल का व्हाट्सएप चैट अगर किसी पर शिकंजे की तरह कसता जा रहा है तो वो हैं एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े. सवाल उठ रहा है कि समीर वानखेड़े का गोसावी से क्या रिश्ता है. सवाल ये भी उठ रहा है कि दो-तीन अक्टूबर की दरमियानी रात को जब क्रूज पर छापेमारी हुई, उस समय एनसीबी दफ्तर में क्या हो रहा था.
2 अक्टूबर को कॉर्डेलिया क्रूज पर कौन-कौन आने वाला है इस बात की जानकारी एनसीबी को पहले से थी. प्रभाकर सैल का दावा है कि जानबूझकर लोगों को पकड़ा गया और फिर शुरू हुआ वसूली का खेल. लेकिन ये कहानी यहीं शुरू नहीं हुई. इस प्लान का पहला हिस्सा सितंबर के आखिरी हफ्ते में शुरू हुआ था वो भी मुंबई में नहीं अहमदाबाद में…प्रभाकर के हलफनामे के मुताबिक 27 सितंबर 2021 को इनोवा से गोसावी अहमदाबाद गए, मुझे वाशी में ही रहने को कहा. अहमदाबाद में गोसावी, मनीष भानुशाली और सुनील पाटिल एक ही होटल में रुके थे और यहीं पर क्रूज पार्टी की टिप मिली.
सुनील पाटिल ने कहा, 1 तारीख को मनीष भानुशाली, किरण गोसावी और मैं अहमदाबाद में रुके हुए थे. नीरज यादव ने धवल को 4 बजे कहा कि क्रूज पार्टी हो रही है. बहुत बड़ा गेम है आप करते हो क्या…नीरज यादव ने मनीष भानुशाली को फोन किया…सैम डिसूजा करके था उसके एनसीबी के रिश्ते थे. सुनील पाटिल वो शख्स है जिसे बीजेपी नेता मोहित कंबोज ने एनसीपी का नेता और क्रूज कांड का मास्टरमाइंड बताया था.
सुनील पाटील ने सैम डिसूजा को 1 तारीख को वॉट्सऐप किया और फिर वॉट्सऐप कॉल किया. उन्होंने कहा कि मेरे पास 27 लोगों की लीड है. सैम डिसूजा से पाटिल ने कहा कि मुझे एनसीबी में कोई अधिकारी बताओ. NCB के अधिकारी वीवी सिंह से सैम डिसूजा ने संपर्क साधा. सुनील पाटिल ने किरण गोसावी का नंबर सैम डिसूजा को भेजा.
हालांकि सुनील पाटिल ने एबीपी न्यूज को ये कहा था कि उसका इस केस से कोई लेना देना नहीं है लेकिन अब प्रभाकर सैल के व्हाट्सएप चैट में सुनील पाटिल का नंबर मिला है.सैल को ये नंबर गोसावी ने भेजा था.सैल का दावा है कि पाटिल को गोसावी ने 1 लाख रुपये ट्रांसफर किए. गोसावी ने सुनील पाटिल को पैसे क्यों भेजे? पाटिल का दावा है कि सैम डिसूजा से भानुशाली और गोसावी का संपर्क उसने ही कराया था और सैम ने इन दोनों को एनसीबी अफसरों से मिलाया जिसके बाद रेड को अंजाम दिया गया.
क्या वानखेड़े ने वसूली के लिए की रेड?
अब सवाल ये है कि क्या वानखेड़े ने इस रेड को वसूली के लिए अंजाम दिया? प्रभाकर के दावे पर यकीन करें तो वसूली के खेल में समीर वानखेड़े की भी हिस्सेदारी थी.अपने हलफनामे में प्रभाकर सैल का दावा है कि 2 और 3 अक्टूबर की दरम्यानी रात ही वसूली का ये पूरा खेल खेला गया.
प्रभाकर सैल के हलफनामे में वसूली की कहानी!
प्रभाकर सैल के मुताबिक, एनसीबी दफ्तर से निकलकर गोसावी सैम डिसूजा से मिला. दोनों में कुछ बातचीत हुई. गोसावी उसके बाद वहां से निकला. सैम की इनोवा क्रिस्टा पीछे-पीछे आ रही थी. हम बिग बाजार के नजदीक लोवर परेल ब्रिज पर रुके, सैम की कार भी रुकी…गोसावी सैम से फोन पर बात कर रहा था, तुमने 25 करोड़ का बम फोड़ा है, इसे 18 पर फाइनल करते हैं क्योंकि 8 करोड़ समीर वानखेड़े को देना है.
कुछ मिनट बाद एक नीली मर्सिडीज स्पॉट पर आई…इस कार में शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी थी…गोसावी और पूजा डडलानी ने मर्सिडीज में बातचीत की. प्रभाकर सैल का दावा है कि डडलानी,सैम और गोसावी के बीच बातचीत करीब 15 मिनट तक चली. उसके बाद गोसावी ने इंडियाना होटल जाकर उसे 50 लाख रुपये लाने को कहा. सैल ने कैश की डिलिवरी ली और वाशी में गोसावी को दे दी. सैल ने 50 लाख रुपये गोसावी को पहुंचा दिए लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ…सैल ने हलफनामे में दावा किया है
सैल ने आगे कहा, शाम को गोसावी ने मुझे वाशी ब्रिज के नजदीक बुलाया. बाद में जगह बदलकर इनआरबिट मॉल बुलाया. गोसावी ने मुझे वहीं कैश से भरा बैग दिया और इसे सैम को देने के लिए कहा….शाम करीब 6.15 बजे सैम का मुझे फोन आया और ट्राईडेंट होटल के नजदीक आने को कहा…ट्राईडेंट होटल पर पहुंच कर मैंने बैग सैम को दे दिया, सैम ने पैसे गिने और वो केवल 38 लाख थे. सैम का दावा सही है तो गोसावी ने 50 में से अपने हिस्से के 12 लाख लेकर बाकी 38 लाख सैम तक पहुंचा दिए…अब सवाल ये है कि ये 38 लाख रुपये किन किन लोगों तक पहुंचे..क्या समीर वानखेडे इस वसूली कांड के मास्टरमाइंड हैं?
ड्रग्स कांड की कहानी सस्पेंस थ्रिलर की तरह बढ़ रही है…सुनील पाटिल हो..सैम डिसूजा हो..मनीष भानुशाली हो या फिर किरण गोसावी सब एक दूसरे से जुड़ रहे हैं. एनसीबी दफ्तर में गोसावी आर्यन की फोन पर किससे बात करा रहा था? क्या वो पूजा डडलानी थी और अगर ये सब एनसीबी के दफ्तर में हो रहा था तो समीर वानखेड़े इससे अनजान कैसे थे?
क्या वसूली के लिए आर्यन को पकड़ा गया?
ये सारे सवाल इसलिए उठ रहे हैं. क्योंकि क्रूज ड्रग्स का पूरा खेल धीरे-धीरे पलटता जा रहा है.शुरू में एनसीबी की वाहवाही हो रही थी.लेकिन अब एनसीबी की कार्रवाई सवालों के घेरे में आ गई है. समीर वानखेडे सवालों के घेरे में हैं और आज एबीपी न्यूज़ के हाथ जो चैट लगे हैं उससे ये साफ है कि NCB की कार्रवाई कहीं ना कही चुनिंदा लोगों के खिलाफ ही थी और इसलिए जो आर्यन आरोपी था, वो अब पीड़ित नजर आने लगा. 2 अक्टूबर की रात को एनसीबी ने आर्यन को क्रूज से पकड़ा था और वसूली का खेल तभी से शुरू हो गया था.
प्रभाकर सैल के हलफनामे के मुताबिक आर्यन की रिहाई के लिए अंदरखाने करोड़ों की डील चल रही थी. प्रभाकर सैल का दावा है कि पूरी डील 18 करोड़ पर फाइनल हुई थी जिसमें 8 करोड़ समीर वानखेडे को दिए जाने थे. सवाल ये भी कि जब आर्यन के पास से ड्रग्स पकड़ा नहीं गया तो उसे कौन से आरोप में एनसीबी ने इतने दिन तक जेल में रखा…क्या इसके पीछे वसूली की वो रकम थी….प्रभाकर सैल के दावे को सच माने तो इस रकम में से कुछ पैसों का लेन-देन भी हुआ था….और यही आरोप नवाब मलिक भी लगाते रहे हैं.
क्या बोले नवाब मलिक?
आर्यन खान को किसके कहने पर वहां तक लाया गया ? आर्यन खान के घर वालों से ₹25 करोड़ की मांग क्यों की गई थी? डिस्काउंटेड रेट 18 करोड़ में डील क्यों हुई? 50 लाख रुपए क्यों उठाए गए ? यह सवाल दोनों एसआईटी के सामने है. सीसीटीवी फुटेज है, बयान है , सीडीआर और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस भी हैं. मेरी पीड़ितों से अपील है कि सामने आएं…बेटे को बचाने के लिए रैनसम देना गुनाह नहीं है. रैनसम लेने वाला गुनहगार है. जो बात नवाब मलिक कह रहे हैं पैसे के लेन-देन का वैसा ही दावा प्रभाकर सैल के वकील तुषार खंडारे ने किया. खंडारे के मुताबिक शाहरुख की मैनजर पूजा डडलानी के जरिए पैसों का लेन-देन हुआ था.ड्रग्स केस में गवाह विजय पगारे भी दावा कर चुका है कि आर्यन को जान-बूझकर फंसाया गया.
जब खंडारे से सवाल पूछा गया कि पूजा डडलानी क्या वहां पर थीं? क्या उनके जरिए पैसे देने की कोशिश हुई? क्या सारा लिंक समीर वानखेड़े तक पहुंच रहा है?
इस पर उन्होंने कहा, इसमें पूजा थी.रात को 1.30 बजे लोअर परेल ब्रिज के नीचे जो मीटिंग हुई उसमें पूजा थी. नीली मर्सिडीज में आई थी उसके सबूत पुलिस के पास हैं. दूसरी चीज की जो सुबह पैसे का ट्रांजेक्शन हुआ था..वो आदमी और वो गाड़ी देने वाला भी सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है. सारे सबूत पुलिस के पास हैं. पता नहीं पुलिस क्यों टाइम बर्बाद कर रही है.
प्रभाकर सैल की व्हाट्सएप चैट ये बता रही हैं कि लोगों को टारगेट किया गया लेकिन उसके चैट में आर्यन की तस्वीर नहीं थी. प्रभाकर के हलफनामे के मुताबिक 2 से 3 अक्टूबर के बीच केपी गोसावी पूजा डडलानी से डील करने में लगा हुआ था. अब सवाल ये है कि क्या ये डील पूरी नहीं हुई जिसका खामियाजा आर्यन को भुगतना पड़ा या फिर मीडिया में उछले हाईप्रोफाइल केस और गोसावी पर नवाब मलिक के खुलासे के बाद बने दबाव के चलते एनसीबी आर्यन की गिरफ्तारी को जायज़ ठहराने में लग गई.