चंबल की बेटी ने KBC में जीते 1 करोड़ ……

गीता कन्यादान के खिलाफ, बेटी की शादी में नहीं निभाई रस्म, बोलीं- कन्या कोई चीज नहीं……

चंबल की धरती पर जन्मी गीता सिंह गौर ने कौन बनेगा करोड़पति (KBC) में 15 सवालों के सही जवाब देकर 1 करोड़ रुपए जीत लिए हैं। दैनिक भास्कर ने गीता के ग्वालियर लौटने पर उनसे बात की। गीता का महिलाओं को लेकर स्पष्ट रुख है। उनका कहना है कि वह कन्यादान के खिलाफ हैं, क्योंकि कन्या कोई चीज नहीं है, जिसे दान दिया जाए। वह महिला सशक्तीकरण की पक्षधर हैं। उनका जन्म चंबल के भिंड में हुआ। जहां आज भी बेटियों को कोख में मारने के मामले सामने आते रहते हैं।

गीता ने बताया कि 26 अक्टूबर को ग्वालियर से RT-PCR टेस्ट कराने के बाद मुंबई पहुंचे तो हमें KBC की टीम ने एयरपोर्ट से रिसीव किया। इसके बाद फिर मेरा और मेरी बेटी का मुंबई में RT-PCR टेस्ट हुआ। 2 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया। 28 अक्टूबर को होटल बांद्रा से गोरेगांव स्थित स्टूडियो पहुंचे। फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट में 3 प्रश्न पूछे गए। सबसे जल्दी जवाब देने के बाद मुझे हॉटसीट पर बुलाया गया।

पहले दिन 28 अक्टूबर को अभिताभ ने 7 सवाल पूछे तो बिना लाइफलाइन का उपयोग किए जवाब देकर 40 हजार रुपए जीते। अगले दिन 8 सवालों के जवाब देकर एक करोड़ रुपए जीते। यह एपिसोड मंगलवार 9 नवंबर को दिखाया गया।

बेटी की शादी में नहीं किया कन्यादान
गीता सिंह का कहना है कि वह पूरी तरह से कन्यादान के खिलाफ हैं। अगर बेटी का कन्यादान कर दिया तो फिर मायका उसका नहीं रहेगा। वैसे भी बेटी कोई दान देने की वस्तु नहीं है, इसलिए मुझे कन्यादान खलता है। बेटी की शादी में कन्यादान नहीं किया।

बहू के फुटप्रिंट प्रिजर्व कर रखूंगी
उन्होंने बताया कि उनके घर में 1 दिसम्बर को बहू आएगी तो उसके पैरों की छाप (फुटप्रिंट) संभालकर रखूंगी। जैसे ही बहू घर की दहलीज पर आएगी तो सबसे पहले थाली में सिंदूर घोल कर बहू को थाली के अंदर खड़ा करूंगी और उसके बाद सफेद कपड़े पर उसे चलाऊंगी, जिससे पैर के निशान बनेंगे। उन पैरों के निशान को संभाल कर रखूंगी।

दूसरी महिलाओं को सलाह- इच्छाओं को मत मारिए
गीता सिंह बताती हैं कि वह कन्या शासकीय विद्यालय में पढ़ी हैं। ग्रेजुएशन के बाद LLB करना चाहती थीं, लेकिन शादी हो गई। पढ़ाई छोड़ने के 15 साल बाद 35 साल की उम्र में LLB किया। इसके बाद पढ़ना बंद नहीं किया। जो महिलाएं पुराने जमाने से लेकर अभी तक पर्दे के अंदर रहकर परिवार चलाने में जुटी हैं, उनसे मेरा कहना है कि जब भी आपको अनुकूल समय लगे तो अपनी दक्षता और कुशलता का प्रदर्शन करना चाहिए। इससे इच्छाएं प्रबल होती हैं और परिवार का विकास होता है। इच्छाओं को मत मारिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *