न्यायाधीशों-न्यायपालिका के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणी मामले में CBI ने 6 और आरोपियों के खिलाफ दायर की चार्जशीट

सीबीआई (CBI) ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट (Andhra Pradesh High Court) के द्वारा दिए गए कुछ फैसलों सहित, न्यायाधीशों और न्यायपालिका के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमान जनक टिप्पणी करने से जुड़े मामलें में  6 और आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए हैं. इन आरोपियों को आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना के विभिन्न स्थानों

सीबीआई (CBI) ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट (Andhra Pradesh High Court) के द्वारा दिए गए कुछ फैसलों सहित, न्यायाधीशों और न्यायपालिका के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपमान जनक टिप्पणी करने से जुड़े मामलें में  6 और आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए हैं. इन आरोपियों को आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना के विभिन्न स्थानों से इसी साल 22 अक्टूबर को सीबीआई ने गिरफ्तार किया गया था. वर्तमान में, आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं.

जांच के दौरान, सीबीआई ने पूर्व में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ पांच अलग-अलग आरोप पत्र भी दायर किए गए थे. इस तरह से इस मामलें में सीबीआई ने अब तक सभी ग्यारह आरोपियों के खिलाफ  ग्यारह अलग-अलग आरोप पत्र दायर किए हैं.

विदेशों में मौजूद दो आरोपियों को राजनयिक माध्यमों से गिरफ्तार करने की प्रक्रिया

एक और आरोपी के खिलाफ हो रही जांच में उसके खिलाफ सबूत इकट्ठा करने का काम जारी है. उसका यू ट्यूब चैनल भी बन्द कर दिया गया है. इससे भी अधिक, विदेशों में मौजूद दो आरोपियों के नाम पर भारत की सक्षम न्यायालय से सीबीआई ने गिरफ्तारी का वारन्ट जारी करवाया है और उन्हें गिरफ्तार करने की प्रक्रिया राजनयिक माध्यमों से शुरू कर दी गई है.

सीबीआई ने इन्टरपोल के माध्यम से ब्लू नोटिस जारी करवाकर विदेशों में मौजूद आरोपियों के बारे में सूचना एकत्र की है. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों, पब्लिक डोमेन से आपत्तिजनक पोस्ट हटाने के लिए भी वर्तमान मामला दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने कार्रवाई की है और ऐसे कई पोस्ट/अकाउंट को इन्टरनेट/सोशल मीडिया से हटा दिया गया है.

जांच के दौरान, मोबाइल, टैबलेट्स (Tablets) सहित कुल 13 डिजिटल गैजेट बरामद़ किए गए हैं. सीबीआई ने 53 मोबाइल कनेक्शनों की बातचीत का विवरण एकत्र किया है. इस मामलें में 12 आरोपियों और 14 अन्यों से छानबीन की जा चुकी है. छानबीन के दौरान, डिजिटल फोरेन्सिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए डिजिटल प्लेटफार्म से भी प्रमाण एकत्र किए गए हैं.

आरोपियों के फेसबुक प्रोफाइल, ट्विटर अकाउंट, फेसबुक पोस्ट, ट्विट्स, फेसबुक से यू ट्यूब वीडियो, ट्विटर, गूगल आदि से सम्बन्धित सूचना एकत्र करने के लिए सीबीआई ने म्यूचुअल लीगल असिस्टेन्स ट्रीटी (MLAT) का सहारा लिया है.

पिछले साल 16 आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला

इससे पहले सीबीआई ने 11 नवंबर 2020 को 16 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और 2020 की समादेश याचिका संख्या-9166 में आन्ध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसरण में सीआईडी, आन्ध्र प्रदेश से 12 प्राथमिक सूचना रिपोर्ट की जांच को अपने हाथों में लिया था.

आन्ध्र प्रदेश हाईकोर्ट के महापंजीयक से प्राप्त शिकायत के आधार पर मूल प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई थी. यह आरोप है कि आन्ध्र प्रदेश में महत्वपूर्ण पदों पर पदस्थ प्रमुख कर्मियों ने माननीय आन्ध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा दिए गए कुछ अदालती फैसलों के बाद, आरोपियों ने जानबूझकर न्यायपालिका को टारगेट करते हुए न्यायाधीशों और न्यायपालिका के विरुद्ध सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपमानजनक टिप्पणी की.
इस मामलें में जॉच जारी है.

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