UP Assembly Election 2022: करछना विधानसभा सीट पर कभी नहीं खिल सका कमल, सपा के रेवती रमन सिंह का है वर्चस्व
करछना सीट पर रेवती रमण सिंह का लंबे समय से वर्चस्व रहा है. जब वह सांसद चुने गए तो उनके बेटे उज्जवल विधायक बने.
प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट (Karachhana Assembly Seat) पर अभी तक भारतीय जनता पार्टी जीत नहीं दर्ज कर पाई है. इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए भाजपा की सभी कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं. 2017 में जब पूरे प्रदेश में मोदी लहर चल रही थी, उस समय भी इस सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. फिलहाल यह सीट सपा के कद्दावर नेता और 8 बार के विधायक रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमण सिंह के पास है.
रेवतीरमण सिंह दो बार लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं. इस सीट (Karachhana Assembly Seat) पर लंबे समय से उनके इस राजनीतिक वर्चस्व को कोई भी दूसरा दल तोड़ नहीं पाया है. वहीं प्रयागराज की करछना विधानसभा सीट अभी तक बीजेपी का खाता नहीं खुल सका है. इस सीट पर रेवती रमण सिंह का लंबे समय से वर्चस्व रहा है. जब वह सांसद चुने गए तो उनके बेटे उज्जवल रमण ने इस विरासत को संभाला. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. पार्टी के संगठन स्तर पर नेताओं की मीटिंग कर रणनीति तैयार की जा रही है. 2017 की तरह ही बीजेपी इस चुनाव में भी बड़ी जीत दर्ज करने की तैयारी कर रही है. वहीं समाजवादी पार्टी भी दोबारा सत्ता पर काबिज होने के लिए बेकरार दिखाई दे रही है.
राजनीतिक इतिहास
प्रयागराज जनपद की 12 विधानसभाओं में 2017 में पहली बार 9 सीटों पर कमल खिला. जबकि 2012 में किसी भी सीट को भाजपा नहीं जीत सकी थी.
1974 में पहली बार रेवती रमन सिंह ने जीत दर्ज की फिर इसके बाद उनका सफर चल निकला. 1977 में करछना विधानसभा सीट पर जनता पार्टी के रेवती रमन सिंह ने जीत दर्ज की. उसके बाद इस सीट पर कांग्रेस के कृष्ण प्रकाश तिवारी पहली बार जीत दर्ज करके कांग्रेस का खाता खोला. फिर 1982 में हुए उपचुनाव में इस सीट (Karachhana Assembly Seat) पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में रेवती रमण ने जीत दर्ज की. 1985 में जनता पार्टी से रेवती रमन सिंह चौथी बार विधायक चुने गए. 1989 में रेवती रमन सिंह फिर पांचवी बार जनता दल से जीत दर्ज की.
विजय का यह अभियान 1991 में भी जारी रहा. इस बार जनता दल की प्रत्याशी रेवती रमन सिंह छठवीं बार जीत दर्ज कर दूसरे दलों के दांत खट्टे कर दिए. 1993 में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी नंद लाल सिंह पटेल ने इस सीट पर विजय दर्ज की और बसपा का खाता खुला. 1996 में समाजवादी पार्टी में शामिल होकर रेवती रमन सिंह ने सातवीं बार जीत दर्ज की. 2002 में समाजवादी पार्टी से रेवती रमन सिंह फिर आठवीं बार जीत दर्ज करके अपना वर्चस्व स्थापित कर दिया. 2007 में इस विधानसभा सीट से बसपा के आनंद कुमार की जीत हुई. उन्होंने इस बार सपा के उम्मीदवार को उज्जवल रमण को हराया. 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के दीपक पटेल ने समाजवादी पार्टी के उज्जवल रमण को हराया.
2017 में जब पूरे प्रदेश में मोदी लहर चल रही थी, उस समय भी इस सीट पर सपा प्रत्याशी उज्जवल रमण ने भाजपा के प्रत्याशी पियूष रंजन को 15024 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है. अभी तक बीजेपी का इस सीट पर खाता नहीं खुला है लेकिन भाजपा के दूसरे स्थान पर पहुंचने से 2022 में जीत की आस बनती हुई दिख रही है.
कुल मतदाता – 305582
पुरुष मतदाता – 168660
महिला मतदाता – 136913