आरटीओ चैकिंग के दौरान भड़के ट्रक चालक …..अवैध वसूली व मारपीट का आरोप, 500 से ज्यादा ट्रक पांच घंटे तक विरोध में खड़े रहे
शुक्रवार को फोर लाइन पर गुड़ा गांव के पास एक ट्रक चालक के साथ आरटीओ के अधिकारियों द्वारा मारपीट किए जाने से नाराज ट्रक चालकों ने करीब 15 किलोमीटर लंबा जाम लगा दिया। 2012 में फोरलेन बनने के बाद यह सब से लंबा जाम है। ट्रक चालकों ने आरटीओ के अधिकारियों पर अवैध वसूली व उनके साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए।
करीब पांच घंटे तक ट्रक चालक दोनों ओर ट्रक खड़े करके सड़क पर बैठे रहे। तहसीलदार से लेकर चार थानों के टीआई मौके पर पहुंचे लेकिन ट्रक चालकों ने जाम ख त्म नहीं किया। इसके बाद दोपहर ढाई बजे एडिशनल एसपी ने ट्रक चालकों से बात कर चक्काजाम खत्म कराया।
उत्तरप्रदेश के आगरा जिले के नागला गांव के रहने वाले ट्रक चालक दरयाब सिंह ने बताया कि वे फरीदाबाद से रायपुर जा रहे हैं। शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे गुड़ा गांव के पास आरटीओ के अधिकारी सिविल ड्रेस में खड़े होकर जांच कर रहे थे। मुझे पता नहीं था कि आरटीओ वाले खड़े हैं। मैं वहां से सीधे निकल कर आगे आ गया। तो मेरे पीछे फोर व्हीलर से आए औरर ओवरटेक कर ट्रक के आगे गाड़ी अड़ाकर खड़े हो गए। मुझसे गाड़ी से उतरने के लिए कहा और एक थप्पड़ मारते हुए गाड़ी के पेपर मांगे। मैंने उन्हें पेपर दिए और जांच करने वालों ने मेरी शर्ट की जेब में रखे करीब दो हजार रुपए छीन लिये। इससे मेरी शर्ट की जेब भी फट गई।
मुझसे कहने लगे मेरे साथ चलो तो मैंने कहा क्यों जाऊं। मुझसे कहा गया कि गाड़ी बैक करो मैंने गाड़ी बैक करके रोड पर आड़ी लगा दी। इसके बाद आरटीओ वाले दस्तावेज लेकर चले गए। मारपीट से नाराज होकर अन्य ट्रक चालकों ने चक्काजाम शुरू कर दिया। ट्रक चालकों ने बताया गाड़ी के हिसाब से ये हैं रेट तय
- 6 चका के 500
- 10 चका के 800 से 1000
- 12 चका के 1800 से 2000
- 16 चका के 2500 से 3000
कागज दिखाने का बोला तो ट्रक चालक स्टॉफ से कर रहा था बदतमीजी
ट्रक चालक के दस्तावेज लौटा दिए हैं। ट्रांसपोर्ट सब-इंस्पेक्टर अनिमेष जैन वहां जांच कर रहे थे। स्टॉफ का कहना है कि ट्रक चालक से मारपीट नहीं की गई है। उसकी गाड़ी के दस्तावेजों की वैधता अक्टूबर में समाप्त हो गई थी। स्टॉफ दस्तावेज चैक कर रहा था तो ट्रक चालक बदतमीजी करने लगा और फिर आगे जाकर रोड पर गाड़ी आड़ी खड़ी कर जाम लगा दिया। स्टॉफ के द्वारा किसी भी प्रकार से रूपयों की मांग नहीं की गई है।
– सुरेन्द्र सिंह गौतम, एआरटीओ