एन्ट्री वसूलते पकड़े 2 जवान, सस्पेंड …..ट्रकों से वसूली कर रहे पुलिस जवानों ने सामने IPS को खड़ा देखा तो उड़ गए होश, माफी मांगते हुए गिड़गिड़ाए
- वसूली पॉइंट के नाम से मशहूर है विक्की फैक्ट्री पॉइंट…..
ग्वालियर पुलिस एक बार फिर ट्रकों से अवैध वसूली के मामले में बदनाम हुई है। आधी रात विक्की फैक्ट्री पॉइंट पर दो पुलिस जवान ट्रक को रोककर एन्ट्री वसूल कर रहे थे। तभी पीछे से IPS ऋषिकेश मीणा पीछे आकर खड़े हो गए। अधिकारी पर नजर पड़ते ही पुलिस जवानों के होश उड़ गए। इसके बाद तो वो IPS अफसर के सामने माफी मांगते हुए गिड़गिड़ाए, लेकिन अफसर ने एक नहीं सुनी। IPS मीणा ने तत्काल मामले की सूचना पुलिस कप्तान अमित सांघी को दी। एसपी ने ट्रकों को रोककर खड़े दोनांे जवानों को सस्पेंड कर दिया है। मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
ग्वालियर SP अमित सांघी ने बताया कि कई दिनों से शहर के एंट्री पॉइंट पर अवैध वसूली की शिकायतों पर शुक्रवार-शनिवार दरमियानी रात ASP हितिका वासल व IPS ऋषिकेश मीणा को चेकिंग पॉइंट को चेक करने के निर्देश दिए थे। बेला की बावड़ी पर चेकिंग पॉइंट को चेक करने के बाद जब IPS मीणा विक्की फैक्ट्री की तरफ रवाना हुए तो उन्होंने ट्रकों की लाइन देखी। इस पर उन्होंने पॉइंट से करीब 100 मीटर पहले ही अपने वाहन के चालक से गाड़ी की हेड लाइट बंद करने के लिए कहा। साथ ही वह पैदल ही चेकिंग पॉइंट पर पहुंचे। वहां देखा कि ड्यूटी पर तैनात आरक्षक सुमित दौहरे और सूरज सिरोलिया एक ट्रक को रोक कर खड़े थे और पीछे कुछ ट्रकों की लाइन बन गई। जैसे ही उनकी नजर IPS मीणा पर पड़ी तो उनके होश उड़ गए और माफी मांगते हुए गिड़गिड़ाने लगे। IPS अफसर ने तुरंत उन दोनों के नाम पूछकर कप्तान को जानकारी दी। जिस पर कप्तान ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
कई दिनों से मिल रही थी सूचना
विक्की फैक्ट्री पर वसूली की शिकायत पिछले तीन दिन से अफसरों तक पहुंच रही थी और शुक्रवार-शनिवार दरमियानी रात IPS मीणा को विक्की फैक्ट्री पॉइंट को चेक करने के लिए पुलिस कप्तान ने भेजा था। कप्तान के आदेश पर IPS हितिका वासल व ऋषिकेश मीणा ने अलग-अलग इलाकों में पॉइंट चेक किए। IPS हितिका वासल ने महाराजपुरा, पुरानी छावनी तो ऋषिकेश मीणा ने बेला की बावड़ी और झांसी रोड के पॉइंट चेक किए।
बदनाम है विक्की फैक्ट्री पॉइंट
शहर के विक्की फैक्ट्री, बेला की बावड़ी और मोतीझील पर जब भी अधिकारी चेकिंग करने जाते है। हर बार यहां पर जवानों को वसूली करते हुए अफसरों ने पकड़ा है और कार्रवाई की है, लेकिन वसूली नहीं रूक सकी है। कार्रवाई होने के कुछ समय तक तो शांति रहती है, लेकिन कुछ दिन बाद यहां पर हालत जस की तस हो जाती है।