हैडलबर्ग Vs हबीबगंज ……जर्मनी के हैडलबर्ग की तर्ज पर बना है भोपाल का नया कमलापति स्टेशन, जानें दोनों में कितनी समानता

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत बने देश के पहले रेलवे स्टेशन हबीबगंज का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। उद्घाटन से पहले इस स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति कर दिया गया है। इस स्टेशन पर वर्ल्ड क्लास सुविधाओं का दावा किया जा रहा है। ये भी कहा जा रहा है कि स्‍टेशन का री-डेवलपमेंट जर्मनी के हैडलबर्ग रेलवे स्‍टेशन की तर्ज पर किया गया है।

ऐसे में हम आपको बताएंगे कि क्या हबीबगंज स्टेशन का डिजाइन हैडलबर्ग से मिलता जुलता है? क्या हैडलबर्ग स्टेशन पर मिलने वाली सभी सुविधाएं हबीबगंज स्टेशन पर भी मिलेंगी? दोनों स्टेशनों में क्या समानताएं है?

केवल कॉन्सेप्ट प्लान हैडलबर्ग स्टेशन से लिया
इन सवालों का जवाब देते हुए हबीबगंज रीडेवलपमेंट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अबू आसिफ बताते हैं कि हबीबगंज स्टेशन का डिजाइन हैडलबर्ग स्टेशन की तरह नहीं है, केवल कॉन्सेप्ट प्लान हैडलबर्ग स्टेशन से लिया गया है। पहला कॉन्सेप्ट पैसेंजर सेग्रीगेशन का है। यानी ट्रेन में चढ़ने और उतरने वाले यात्रियों के रास्ते अलग-अलग है। ऐसे में दोनों यात्री कभी भी आपस में नहीं टकराएंगे। हैडलबर्ग स्टेशन से लिया गया दूसरा कॉन्सेप्ट सिंगल पॉइंट पर सभी तरह की फैसिलिटी है। यानी सिनेमा, होटल, फूड, शॉपिंग, हॉस्पिटल जैसी सुविधाएं एक ही जगह पर मिलेगी।

ऑफिस, शॉपिंग, होटल, एंटरटेनमेंट सब एक जगह
हबीबगंज स्टेशन के एक नंबर प्लेटफॉर्म की तरफ कॉर्पोरेट बिल्डिंग और मिनी शॉपिंग मॉल का निर्माण किया जा रहा है। इस मॉल में होटल, रिटेल स्पेस और मल्टीप्लेक्स होंगे। कॉर्पोरेट बिल्डिंग में कंपनियों के ऑफिस होंगे। वहीं 5 नंबर प्लेटफॉर्म की तरफ सुपर स्पेसिलिटी हॉस्पिटल और 5 स्टार होटल बनाया जा रहा है। मल्टी मोटर ट्रांसपोर्ट हब के कॉन्सेप्ट को यहां अपनाया गया है। यानी रेलवे स्टेशन, बस और मेट्रो स्टेशन की आपस में कनेक्टिविटी। इसी कॉन्सेप्ट के तहत हबीबगंज स्टेशन को स्कायवॉक के जरिए तैयार हो रहे मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

हैडलबर्ग VS हबीबगंज स्टेशन

1. हैडलबर्ग हौप्टबनहोफ (Heidelberg Hauptbahnhof) हैडलबर्ग शहर का मुख्य रेलवे स्टेशन है। स्टेशन का ऑपरेशन डच बन (Deutsche Bahn) करती है। यहां साइकिल और अन्य वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्पेस बनाए गए हैं।

स्टेशन पर ट्रैम, टैक्सी और बस की सुविधा है।

भोपाल में दो रेलवे स्टेशन है। हबीबगंज और भोपाल रेलवे स्टेशन। इनमें से मुख्य रेलवे स्टेशन भोपाल है। हबीबगंज रेलवे स्टेशन के ऑपरेशन का जिम्मा बंसल ग्रुप के पास है। हैडलबर्ग स्टेशन की तरह यहां साइकिल पार्किंग की अलग से स्पेस नहीं है। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए इसे मेट्रो स्टेशन से जोड़ा जाएगा।

2. यात्रियों की सेफ्टी के लिए हैडलबर्ग स्टेशन पर ट्रिपल-एस सेंटर बना है। चौबीसों घंटे ऑपरेट होने वाले ट्रिपल-एस सेंटर स्टेशन प्रोसेस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी कलेक्ट करते हैं। स्टेशन पर मौजूद इमरजेंसी इंटरकॉम कॉलर्स को सीधे ट्रिपल-एस सेंटर से जोड़ता है। अन्य सुरक्षा उपकरण भी स्टेशन पर मौजूद है।

हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर 162 हाई रिजोल्यूशन कैमरे लगाए गए हैं। कंट्रोल रूम में बैठकर पूरे स्टेशन पर नजर रखी जाती है। इन कैमरों के डेटा को डेढ़ सौ टेराबाइट के सर्वर पर एक महीने तक स्टोर किया जाता है। फायर डिटेक्टर से लेकर सुरक्षा से जुड़े अन्य उपकरण यहां इन्स्टॉल किए गए हैं।

3. हैडलबर्ग स्टेशन में प्रवेश करते ही सभी तरफ शॉप्स दिखाई देती है। यहां आपको फूड, क्लोदिंग से लेकर अन्य चीजें मिल जाएंगी। लोगों के बैठने के लिए चेयर्स लगी हुई है और इन्फॉर्मेशन सेंटर भी है। अगर आपका अपनी ट्रिप से या शहर से जुड़ा कोई भी सवाल है तो उसका जवाब आपको यहां मिल जाएगा।

एयरपोर्ट टर्मिनल्स पर जिस तरह की शॉप्स होती है उसी तरह की सुविधाओं के लिए यहां रिटेल स्पेस का प्रोविजन किया गया है। हैडलबर्ग की तरह यहां भी आपको फूड, क्लोदिंग से लेकर अन्य चीजें मिल जाएंगी। हबीबगंज स्टेशन पर साफ-सुथरे वेटिंग रूम से लेकर रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरी की भी सुविधा है।

4. हैडलबर्ग स्टेशन पर टिकट लेने के लिए ऑटोमेटिक मशीन्स लगी है। इसके अलावा वाई फाई, लगेज लॉकर, एलिवेटर की सुविधा स्टेशन पर मिलती है। ट्रेन में चढ़ने के लिए कॉन्कोर्स से आप किसी भी प्लेटफॉर्म पर एस्केलेटर के जरिए आसानी से पहुंच सकते हैं।

हैडलबर्ग स्टेशन कॉन्कोर्स पर आप अपनी साइकिल भी लेकर आ सकते हैं।

हबीबगंज स्टेशन पर टिकट के लिए ऑटोमेटिक मशीन्स नहीं है। यात्री लिफ्ट, ट्रेवलेटर, एस्केलेटर से एयर कॉन्कोर्स पर पहुंच सकते हैं। ट्रेन पकड़ने के लिए यहां से किसी भी प्लेटफार्म पर उतरा जा सकता है।

दूसरें शहरों से हबीबगंज पहुंचने वाले यात्रियों के बाहर निकलने के लिए अंडरग्राउंड सब-वे बनाया गया है।

5. हैडलबर्ग स्टेशन की बिल्डिंग को ग्लास से कवर किया गया हैं। ग्लास की वजह से दिन में भरपूर रोशनी मिलती है और लाइट की जरूरत नहीं पड़ती।

हबीबगंज रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग को भी ग्लास से कवर किया गया है। टेम्परेचर को कंट्रोल करने के लिए छत पर इंसुलेटड शीटिंग की गई है। प्लेटफॉर्म के शेड पर सोलर पैनल भी लगाए गए हैं।

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