अलवर गैंगरेप: PM मोदी की मायावती को चुनौती, ‘सच्चे दलित हितैषी हैं तो, गहलोत सरकार से समर्थन वापस लें’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि बसपा अध्यक्ष मायावती को अगर अलवर में हुए सामूहिक बलात्कार काण्ड से वाकई पीड़ा हो रही है, तो वह राजस्थान सरकार से समर्थन वापस लें. पीएम मोदी ने देवरिया और कुशीनगर में हुए चुनावी रैलियों में कहा कि राजस्थान की सरकार बसपा के सहयोग से चल रही है. वहां की कांग्रेस सरकार दलित बेटी से सामूहिक बलात्कार का मामला दबाने में लगी है. बहनजी (बसपा प्रमुख मायावती) राजस्थान में आपके समर्थन से सरकार चल रही है. वहां दलित बेटी से बलात्कार हुआ है. आपने उस सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं लिया? घड़ियाली आंसू बहा रही हो.’

उन्होंने कहा कि आपके (मायावती) साथ गेस्ट हाउस कांड पर पूरे देश को पीड़ा हुई थी. आज अलवर कांड पर आपको पीड़ा क्यों नहीं हो रही है. अगर हो रही है तो बयानबाजी करने की बजाय राजस्थान सरकार से समर्थन वापस लीजिये.’ मोदी ने रैली में मौजूद लोगों से पूछा ‘आतंकवादियों को घर में घुसकर मारा गया. आपको गर्व हुआ कि नहीं हुआ. माथा ऊंचा हुआ कि नहीं हुआ. सीना चौड़ा हुआ कि नहीं हुआ. ये चुनाव देश में एक बुलंद सरकार देने का चुनाव है. 21वीं सदी में भारत का विश्व में क्या स्थान हो, उसके लिये यह चुनाव है. यही कारण है कि देश आज राष्ट्र के हितों को सर्वोपरि रखने वाली सरकार केन्द्र में चाहता है.’

पीएम मोदी ने कहा कि आतंक से निपटना सपा, बसपा के बस की बात ही नहीं है और बाजार में प्रधानमंत्री के जितने चेहरे घूम रहे हैं. उनमें हिम्मत के साथ सीना तानकर आतंकवाद के खिलाफ कौन लड़ सकता है. सपा, बसपा और कांग्रेस वाले ऐसे लोग हैं, जो गली के गुंडे तक पर लगाम नहीं लगा पाते, ये आतंकवाद पर कैसे लगाम लगाएंगे.

पीएम ने कहा कि मैं अति पिछड़ी जाति में पैदा हुआ लेकिन देश को दुनिया में सबसे आगे ले जाने के लिये जी-जान से जुटा हुआ हूं. जो लोग मोदी की जाति जानना चाहते हैं, वे कान खोलकर सुन लें. मोदी की एक ही जाति है गरीब. ये लोग मोदी का नहीं, बल्कि गरीबी की जाति का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सपा, बसपा के लोगों ने गरीबों को लूट कर बड़े—बड़े महल खड़े कर लिये लेकिन मैंने कभी जोड़-तोड़ करके अमीर बनने का सपना नहीं देखा और ना ही अपने परिवार वालों को दिखाया है. जब 20-25 साल बाद मेरा शरीर कमजोर हो जाएगा तब मुझे रहने के लिये किराये का कमरा ढूंढना पड़ेगा.

उन्होंने सपा और बसपा के बीच नाराजगी पनपने का दावा करते हुए कहा कि बहनजी सपा के कार्यकर्ताओं से नाराज हैं इसलिए उनको माइक पर सलाह देती हैं कि बसपा वालों से सपा को सीखने की जरूरत है. स्वार्थ का साथ ज्यादा नहीं चलता है. मैं सोचता हूं कि 23 मई को बहनजी के समर्थकों का क्या होगा, तब उनकी दोस्ती चूर-चूर हो जाएगी. तब बबुआ के कार्यकर्ता बुआ के कार्यकर्ताओं से ऐसी दुश्मनी निकालेंगे कि बहनजी भी कुछ नहीं कर पाएंगी.’ मोदी ने कहा कि विपक्षी दल लोकसभा चुनाव में चारों खाने चित हो जाएंगे क्योंकि लोगों ने एक मजबूत और ईमानदार सरकार बनाने की ठान ली है.

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