इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, पुलिस की कहानी झूठी:नोएडा पुलिस पर कोर्ट की टिप्पणी, युवक को गांजा तस्करी में फंसाया गया था
घर से रात में पकड़ कर केस में फंसाया। जो गांजा जब्त किया, उस पर संदेह है। झूठी कहानी तैयार की। फिर अवैध रूप से गिरफ्तारी की गई। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह सख्त टिप्पणी नोएडा के थाना फेज-2 के पुलिस अधिकारियों के लिए की। कोर्ट ने गौतमबुद्धनगर के SSP को तत्कालीन SSP समेत अन्य दोषी पुलिस अफसरों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश गुरुवार को न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने ललित गुप्ता के अधिवक्ता श्रीकृष्ण शुक्ल को सुनकर दिया।
कोर्ट ने याची ललित गुप्ता को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है। पुलिस पर आरोप है कि हाथरस के सांसी थाना क्षेत्र के निवासी ललित गुप्ता को 4-5 लोग रात में आकर पकड़ ले गए। फिर उसे गांजा तस्करी के फर्जी केस में फंसा दिया। अपर महाधिवक्ता ने भी पुलिस कार्रवाई की ड्राबैक और लूपहोल स्वीकार किए हैं।
पुलिस अधिकारियों को तलब किया गया था। कोर्ट ने FIR दर्ज करने वाले दरोगा रामचंद्र सिंह समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच करने को कहा। साथ ही दोषी पाए जाने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
14 जून को गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था
नोएडा फेज–2 थाने की पुलिस सादे वेश में हाथरस गई। वहां से ललित गुप्ता को पकड़ लाई। उसे 14 जून को 29.600 किलो अवैध गांजा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया। याची का कहना था कि उसके खिलाफ 2001 से 2017 तक सांसी थाने में 11 आपराधिक मामले दर्ज हैं। लेकिन 2017 के बाद कोई केस दर्ज नहीं है। अब पुलिस ने फर्जी केस में फंसाया है। कोर्ट ने कहा कि याची अपना आचरण सुधारने में लगा है। जबकि पुलिस ने झूठी कहानी गढ़ कर अपराध में घसीटने की कोशिश की है। जिसके लिए उनके खिलाफ एक्शन होना ही चाहिए।