bhopal… कमिश्नर निशक्तजन ने 3 साल के कार्यकाल में टूर पर खर्च कर दिए सवा दो करोड़, एक ही महीने के दो अलग-अलग बिल मिले

सूचना के अधिकार में सामने आई जानकारी ….

सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग में नि:शक्तजन कमिश्नर संदीप रजक ने अपने तीन साल के कार्यकाल में सिर्फ टूर पर ही 2 करोड़ 29 लाख रुपए खर्च कर दिए। हैरान करने वाला यह तथ्य सूचना के अधिकार में सामने आया है। जिस महीने में उन्होंने साईं बाबा ट्रैवल्स के नाम का बिल लगाया और बताया कि वे चार हजार किमी दौरा करके आए हैं, उसी महीने का शासकीय वाहन और ट्रेन का भी बिल दिया है। प्राइवेट ट्रेवल्स के बिलों में एक महीने में तीन से चार हजार किमी तक दौरे किए जाने का जिक्र है। इनका 35 हजार से लेकर 70 हजार रुपए तक का बिल है।

कार्यकाल खत्म होने के अगले ही दिन नियुक्ति

रजक 4 अगस्त 2018 से 3 अगस्त 2021 तक पद पर रहे। कार्यकाल खत्म होने के अगले ही दिन नई नियुक्ति होने तक उन्हें कार्यवाहक आयुक्त बना दिया गया। यह आदेश 3 अगस्त को ही प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला ने निकाल दिए। बताया जा रहा है कि नि:शक्तजन कमिश्नर की नई नियुक्ति के लिए 8 सितंबर 2021 तक नए सिरे से आवेदन मांगे गए थे।

इसमें 40 लोगों ने आवेदन किया है। इसमें संदीप रजक खुद भी शामिल हैं। रजक जिस वंदना पुनर्वास एवं अनुसंधान संस्थान से जुड़े रहे, वह भी विवादों में है। जबलपुर एसडीएम ने कलेक्टर को लिखा है कि संस्थान ने अवैध कब्जा कर नई प्लांटिंग कर दी है। जिसकी रजिस्ट्री हो रही है। रोड को भूखंड बताकर बेचा जा रहा है। सूचना का अधिकार लगाने वाले व्यक्ति एसआर बौद्ध ने आरोप लगाया कि रजक की संस्था में भी कई गड़बड़ियां हैं। प्रमुख सचिव हजेला ने इस मसले पर बात नहीं की।

यात्रा या फर्जीवाड़ा- ऐसे बनते गए बिल और हाेती रही यात्राएं

  • 01 से 30 अप्रैल 2019 तक 3426 किमी यात्रा की। बिल 53,575 रुपए का लगाया। इसी माह सरकारी वाहन से उमरिया और सीहोर की यात्रा की और बिल बना 4,440 रुपए।
  • 01 से 31 मई 2019 तक 4460 किमी टूर किया। बिल 64,367 बना। इसी माह में मंडला और डिंडौरी के भी दौरे किए गए। इसका बिल 6840 रुपए बताया गया।
  • 01 से 30 जून 2019 तक 4723 किमी टूर हुआ। इसका बिल 66,462 बना। जून में कटनी, सतना, रीवा, टीकमगढ़ का दौरा किया गया। यह भी शास. वाहन से। बिल बना 19,200 रुपए।
  • ऐसे ही बिल 2020 से लेकर 2021 में कई महीनों में बनाए गए। इसके तमाम दस्तावेज ‘भास्कर’ के पास उपलब्ध हैं। साईं बाबा ट्रेवल्स के नाम से जितने भी बिल बने वे 35 हजार से लेकर 70 हजार रुपए तक के हैं।

​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​​उसने लगाए आरोप जो कमिश्नर बनना चाहता

उपरोक्त तमाम तथ्य गलत हैं। यात्राओं के साथ सबकुछ नियमानुसार है। जो भी बातें हैं, वह फर्जी हैं। जहां तक आवेदन का सवाल है तो यह व्यक्तिगत मसला है कोई भी आवेदन करने के लिए स्वतंत्र है। ऐसा लगता है कि जो व्यक्ति कमिश्नर बनना चाहता है, उसने इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाए हैं।’ – संदीप रजक, कार्यवाहक कमिश्नर, नि:शक्तजन

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