AK-203 Assault Rifles: एके-203 असॉल्ट राइफल्स को लेकर भारत-रूस के बीच करार, इंसास राइफल्स को करेंगी रिप्लेस
AK-203 Assault Rifles: एके-203 राइफल 7.62×39 एमएम कैलिबर की राइफल है जो पुरानी पड़ चुकी इंसास राइफल्स को ‘रिप्लेस’ करेंगी. एके-203 राइफल की रेंज करीब 300 मीटर है.
देश के सैनिकों को जल्द ही एक बेहतरीन कलाश्निकोव राइफल मिलने जा रही है. ये असॉल्ट राइफल रूस की एके-203 है. इस बाबत सोमवार को भारत और रूस के बीच अहम करार हुआ है, जिसके तहत पांच लाख एके 203 राइफल्स का निर्माण मेक इन इंडिया के तहत उत्तर प्रदेश के अमेठी में होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु ने इस करार पर हस्ताक्षर किए.
भारत ने एके-203 निर्माण को ‘एक राइफल, श्रेष्ट राइफल’ की टैगलाइन दी है, क्योंकि ये दुनियाभर में प्रचलित रूस की सभी कलाश्निकोव राइफल्स में सबसे बेहतरीन गन में से एक है. अमेठी के पूर्ववर्ती कोरबा ओएफबी प्लांट में इन पांच लाख असॉल्ट राइफल्स का निर्माण होगा. इसके लिए दोनों देशों ने एक नई कंपनी तैयार की है, जो ‘इंडिया रशिया राइफल्स प्राईवेट लिमिटेड’ (आईएसआरपी) के नाम से जानी जाएगी. ये साझा उपक्रम, रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट और कलाश्निकोव और भारत की भी दो नई कंपनी, एडवांस वैपेन्स एंड इक्यूपमेंट लिमिटेड (एडब्लूईआईएल) और म्युनिशेंय इंडिया लिमिटेड (एमआईएल) को मिलकर तैयार किया गया है. भारत की ये दोनों कंपनियांं एडब्लूआईएल और एमआईएल हाल ही में ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (ओएफबी) के विघटन के बाद रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत बनाई गई हैं.
इंसास राइफल्स को करेंगी रिप्लेस
करार पर हस्ताक्षर करने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के लिए रूस के मजबूत समर्थन का भारत गहराई से सराहना करता है. हमें उम्मीद है कि हमारे सहयोग से पूरे क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता आएगी. मुझे खुशी है कि छोटे हथियारों और सैन्य सहयोग से संबंधित कई समझौतों, अनुबंधों और प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए. हालांकि साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एके-203 राइफल्स के निर्माण के लिए कोरबा प्लांट का उदघाटन कर दिया था, लेकिन तकनीकी कारणों से राइफल्स का उत्पादन शुरू नहीं हुआ था. यही वजह है कि भारत ने 70 हजार एके-203 राइफल सीधे रूस से खरीदी थीं. इसके अलावा 1.40 लाख सिगसोर राइफल्स भी अमेरिका से खरीदी गई थीं.
उत्तर प्रदेश में रक्षा उत्पादन को मिलेगी मजबूती
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, एके203 प्रोजेक्ट को बाई (ग्लोबल) के तहत हस्ताक्षर किया गया है और इससे उत्तर प्रदेश में रक्षा उत्पादन को मजबूती मिलेगी. साथ ही कच्चा माल और स्पेयर पार्ट्स के जरिए स्वदेशी एमएससएमई कंपनियों को भी बिजनेस की संभावनाएं भी पैदा होंगी. सोमवार को भारत और रूस के बीच पहली टू प्लस टू मीटिंग हुई जिसमें दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया. इसके अलावा दोनों के रक्षा मंत्रियों ने सालाना आईजीसी-एमएएमटीसी यानि इंटर गर्वमेंटल कमीशन ऑन मिलिट्री एंड मिलिट्री टेक्नीकल कॉपरेशन मीटिंग में हिस्सा लिया. इस दौरान दोनों देशों ने दस साल के लिए मिलिट्री टेक्नीकल कॉपरेशन समझौता (2021-2031) पर भी हस्ताक्षर किए. आज शाम को रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी कुछ घंटों के लिए भारत दौरे पर आ रहे हैं और पीएम मोदी के साथ सालाना बैठक में हिस्सा लेंगे